Ecology in Hindi | पारिस्थितिकी क्या है | अन्य महत्वपूर्ण  जानकारी

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 इस post में हम Ecology in Hindi  के बारे में पूरी जानकारी को बताने का प्रयास करेंगे और वह भी आसान और सरल भाषा में जो कोई भी समझ सकता है।

पारिस्थितिकी (Ecology) क्या है :  

बता दें कि जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवन एवं भौतिक पर्यावरण के मध्य होने वाली पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन अवश्य किया जाता है |

इसका अर्थ यह है पृथ्वी नामक ग्रह के समस्त जातीय तथा स्थलीय अवयवों की पारस्परिक निर्भरता के आधार पर सहजीविता जिसमें सभी अवयव एक दूसरे का इस्तेमाल किया करते हैं एवं समग्न संचय की पुनः पूर्ति भी करते रहते हैं। अतः मिट्टी, पानी, पौधे, जीव-जंतु, खनिज, वायुमंडल, ऊर्जा एवं मनुष्य आदि समस्त अवयव एक दूसरे का इस्तेमाल करते हुए पारस्परिक संतुलन बनाए रखते हैं। 

दरअसल पृथ्वी पर ये सब अलग-अलग क्रमचयों एवं संचयों में वितरित होते रहते हैं। ऐसी प्रत्येक इकाई को उसके निदान सूचक तथा विभेदक लक्षणों के आधार पर, एक पारिस्थितिक तंत्र कहा जाता है।

दरअसल पारिस्थितिकी वह विज्ञान होता है जिसके अन्तर्गत समस्त जीवों एवं भौतिक पर्यावरण के मध्य उनके अन्तर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है। यद्यपि ‘Oecology’ शब्द का इस्तेमाल सर्वप्रथम अर्नस्ट हैकेल ने सन 1869 में किया था। हैकेल के द्वारा ही निर्मित ‘Oecology’ नामावली का विन्यास ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर हुआ है, जिसमें Oikos (रहने का स्थान) एवं logos (अध्ययन) है। आगे चलकर इस Oecology को Ecology के नाम से पुकारा जाने लगा।

बता दें कि पारिस्थितिकी जीव संगठन के केवल चार स्तरों से संबंधित माना गया है |

  • जीव :  ध्यान रहे कि पर्यावरण का प्रत्येक जीवित घटक जीव ही कहलाता है |
  • समष्टि : दरअसल एक ही प्रजाति के सजीव समूह को समष्टि ही कहते हैं|
  • समुदाय :  ध्यान में रखने वाली बात यह है कि एक से अधिक प्रजातियां के प्राणियों तथा पौधों के समूह को समुदाय कहते हैं जैसे –  पादप समुदाय ,  जंतु समुदाय और सूक्ष्मजीव समुदाय |
  • जीवोम : ऐसा कहा जाता है कि जीवोम क्षेत्रीय समुदाय होते हैं जिसमें लगभग समान जलवायु विषम परिस्थितियां होती हैं इनमें विशिष्ट प्रकार के पादप एवं जंतु ही निवास किया करते हैं |  जैसे – टुंड्रा ,  मरुस्थल ,  तथा वर्षा वन आदि मुख्य जीवोम आदि हैं.

बता दें कि ecology को मुख्यतः दो शब्दों में बांटा गया है.

autoecology(स्वपरिस्थितिकी) – इसके अंतर्गत किसी वातावरण विशेष में एक ही प्रजातियों के जीवो का पोषण वृद्धि जन्म परिवर्धन तथा जीवन चक्र आदि का अध्ययन खूब अच्छी तरह से किया जाता है.

अतः एक जाति के लिए यह बहुत ही उपयुक्त होता है.

संपरिस्थितिकी(synecology) – इसके अंतर्गत किसी एक विशेष वातावरण में आने वाले विभिन्न जीव  समुदाय समष्टियो तथा परितंत्र में सचिवों के आपसी संबंधों का अध्ययन बढ़िया तरीके से किया जाता है

बता दें कि मानव भी ecosystem का एक भाग होता है क्योंकि यह भी किसी न किसी प्रकार से पर्यावरण में उपस्थित सभी जीव जंतुओं पेड़ पौधों आदि पर  निर्भर रहते हैं.

निष्कर्ष – 

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