Gati kya hai In Hindi | परिभाषा | 10 प्रकार | अन्य जानकारी

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 इस post में हम Gati kya hai In Hindi के बारे में पूरी जानकारी को बताने का प्रयास करेंगे और वह भी आसान और सरल भाषा में जो कोई भी समझ सकता  हैं।

गति क्या है – 

बता दें कि अगर कोई वस्तु अन्य वस्तुओं की तुलना में समय के सापेक्ष में स्थान परिवर्तन करती है, तो वह वस्तु की इस अवस्था को गति (motion/मोशन) ही कहा जाता है। सामान्य शब्दों में गति का अर्थ – वस्तु की स्थिति में परिवर्तन गति ही कहलाती है।

गति की परिभाषा :-

दरअसल समय के सापेक्ष वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को गति ही कहते हैं। 

गति के सापेक्ष पद होते हैं। 

अगर एक वस्तु किसी प्रेक्षक के लिए विरामावस्था में हैं तब वही वस्तु अन्य प्रेक्षक के लिए गतिशील अवस्था में ही हो सकती है।

गति का सूत्र (Formula of Motion) :-

गति का फार्मूला (सूत्र) :- विस्थापन / समय

गति के प्रकार (Type of Motion In Hindi) :-

हमने यहाँ पर गति के प्रकार को बताया हैं। जो कि निम्न हैं.

(1) सरल रेखीय गति (Linear Motion In Hindi):-

अगर किसी निर्देश तंत्र के सापेक्ष किसी कण के तीन निर्देशांकों में से कोई भी दो निर्देशांक स्थिर रहें एवं केवल एक निर्देशांक समय के साथ पूरी तरह परिवर्तित होता हैं तो कण की गति पूरी तरह से सरल रेखीय गति या फिर एक विमीय गति कहलाती हैं।

दरअसल जब कोई कण या फिर वस्तु एक सीधी रेखा में ही गति करती हैं।

इस गति को सरल रेखीय गति कहते हैं।

(2) एक समान गति (Uniform Motion In Hindi) :-

एक समान गति :- जब कोई पिंड या फिर वस्तु समान समय अंतराल में पूरी तरह से समान दूरिया समान दिशा में निश्चित करता है तब पिंड या फिर वस्तु की गति एक समान गति ही कहलाती है।

बता दें कि एक समान गति में किसी पिण्ड के ताक्षणिक वेग का मान औसत वेग हे होता हैं।

(3) असमान गति किसे कहते हैं (Non-Uniform motion in Hindi) – 

दरअसल जब कोई वस्तु समान समय के अंतराल में असमान दूरियाँ समान दिशा में निश्चित करती है तब वह वस्तु की गति असमान गति ही कहलाती हैं।

(4) प्रक्षेप्य गति (Projectic Motion In Hindi) :-

जब कोई पिण्ड आकाश में निश्चित वेग से फेंके जाने के बाद यह पृथ्वी के गुरुत्वीय स्वतंत्रता पूर्वक गति करता है। तब उसे प्रक्षेप्य गति ही कहते हैं एवं पिंड की गति को प्रक्षेप्य गति कहते हैं।

(5) वृतीय गति (Circular Motion) :-

अगर किसी कण या किसी तल में इस प्रकार गति की है कि उसकी किसी बिंदु से दूरी नियत बनी रहे तो इस प्रकार की गति को उस निश्चित बिंदु या फिर गतिशील बिंदु सापेक्ष वृतीय गति ही कहते हैं।

(6) एक समान वृतीय गति (Uniform Circular Motion) :-

यदि जब कोई कण एक समान चाल से वृताकार पथ पर है तो कण की गति को वृतीय गति ही कहते हैं।

(7) शुद्ध स्थानान्तरीय गति (Translatory Motion) :-

यदि जब कोई पिण्ड इस प्रकार की गति करता है कि उसका प्रत्येक कण निश्चित समय में समान दूरी एवं समान दिशा में विस्थापित होता है तो पिण्ड की गति शुद्ध स्थानान्तरीय गति कहलाती है। शुद्ध स्थानान्तरीय गति में किसी क्षण विशेष पर पिन्ड का प्रत्येक कण समान वेग ही होता है।

(8) घूर्णन गति (Rotational Motion) :-

ऐसी गति जिसमे कोई दृढ पिण्ड या फिर कोई वस्तु किसी स्थिर अक्ष के पारित घूर्णन करता है। तो वह घूर्णन गति ही कहलाती हैं।

(9) लौटनी गति (Rolling Motion) :-

यदि जब कोई पिण्ड स्थानांतरण एवं घूर्णन दोनों प्रकार की गति करता है तो उसे लौटनी गति कहते हैं।

(10) दोलनीय गति (Oscillatory Motion In Hindi) :-

यदि जब कोई वस्तु या फिर पिण्ड किसी बिंदु के सापेक्ष ऊपर नीचे या फिर दाएं बाएं गति करता है तो उसे दोलनी गति ही कहते हैं. 

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें.