आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Golden temple name in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं अटुकल भगवती मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित बहुत ही आकर्षक मंदिर है।
स्वर्ण मंदिर की वास्तुकला –
आपको यह बता दूँ कि मंदिर की वास्तुकला एकदम से शानदार है एवं संगमरमर का कम से कम 67 फीट का चौकोर ढांचा आधार बनाता है। चमचमाता मंदिर अमृत सरोवर (अमृत का कुंड) से घिरा हुआ है, जिसके जल में हीलिंग शक्तियाँ पाई जाती हैं। झील के साफ नीले पानी में तैरती रंगीन मछलियाँ भी आप भलीभांति देख सकते हैं क्योंकि भक्त इसमें डुबकी भी अवश्य लगाते हैं। मंदिर को सिख धर्म के मूल सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए यह तैयार किया गया है जो सार्वभौमिक भाईचारे एवं सभी समावेशी लोकाचारों की वकालत किया करते हैं। इस प्रकार, यह सभी दिशाओं से पूरी तरह सुलभ है।
कुछ रोचक बाते –
- मंदिर का नाम – स्वर्ण मंदिर / श्री दरबार साहिब/श्री हरमिंदर साहेब
- मंदिर कहां स्थित है – अमृतसर में
- इसको कब बनवाया गया था गोल्डन मंदिर? – सन् 1577 में
- किसने किया निर्माण कार्य आरंभ – बाबा गुरु रामदास ने
- मंदिर की वास्तुकला एवं पूर्ण बनवाने का कार्य किसने किया – बाबा गुरु अर्जुन देव ने
कैसे पहुंचे स्वर्ण मंदिर –
बता दें कि पंजाब में स्थित स्वर्ण मंदिर वायु, सड़क तथा रेल तीनों मार्गों के द्वारा पहुंचा जा सकता है। दिल्ली से अमृतसर तकरीबन 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दिल्ली से अमृतसर पहुंचने में ट्रेन या फिर बस से जाने में तकरीबन 9 घंटे का समय अवश्य लगता है।
वहीं दिल्ली से अमृतसर पहुंचने के लिए कई ट्रेने एवं बसें भी चलती हैं। इसके अलावा अमृतसर के लिए भारत के सभी प्रमुख शहरों से भी बहुत ही बढ़िया बस एवं सुविधा भी उपलब्ध है।
इसके अलावा वायु मार्ग के द्वारा भी अमृतसर बहुत ही सरलता से पहुंचा जा सकता है। आपको यह भी बता दें कि अमृतसर में राजासांसी एयरपोर्ट है, जहां से टैक्सी से केवल 15 मिनट में ही गोल्डन टैंपल ज़रूर पहुंचा जा सकता है।
केरल का सबरीमाला संस्था मंदिर –
ध्यान रहे कि प्रभु अयप्पा को समर्पित, यह केरल के सभी सस्था मंदिरों में सबसे प्रसिद्ध मंदिर माना गया है। यह मंदिर सबरीमाला पहाड़ी की चोटी एवं पेरियार टाइगर रिजर्व में स्थित है। सबरीमाला संस्था मंदिर हर साल लाखों भक्तों को आकर्षित भी किया करता है। सबरी माला के तीर्थ यात्री नीले और काले रंग के कपड़े ही पहनते हैं। मकर सक्रांति के समय पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की सबसे भीड़ देखी जाती है। यह लगभग 4:45 बजे से 12 बजे एवं 5:00 बजे से 8:15 बजे तक मंदिर खुलता है।
एक पवित्र तालाब से घिरा हुआ –
याद रहे कि स्वर्ण मंदिर के आस-पास स्थित पूल को अमृत सरोवर के रूप में जाना जाता है जिसे भक्तों के द्वारा पवित्र माना जाता है। नमाज अदा करने से पहले वे सरोवर के पवित्र जल में स्नान किया करते हैं। लोगो का मानना है कि पवित्र कुंड के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आध्यात्मिक संपत्ति प्राप्त की जा सकती है। इससे पहले, किंवदंतियों का कहना था कि अमृत सरोवर में एक पवित्र डुबकी बीमारी एवं विकारों को ठीक कर सकती है।
केरल का अट्टुकल भगवती मंदिर –
ऐसा कहा जाता है कि अटुकल भगवती मंदिर केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित बहुत ही आकर्षक मंदिर है। अट्टुकल भगवती मंदिर मां देवी भगवती को समर्पित एक धार्मिक मंदिर माना गया है। इसे महिलाओं की सबरीमाला के रूप में अवश्य जाना जाता है एवं अपने वार्षिक अट्टुकल पोंगल उत्सव के लिए बड़ी संख्या में महिला भक्तों को आकर्षित भी करती है। दरअसल यह 23 फरवरी, सन 1997 को पोंगाला चढ़ाने के लिए एक बार लगभग 37 लाख स्त्रियों ने इस उत्सव में भाग लिया इसी कारण से इस मंदिर को गिनीज वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड भी प्राप्त हुआ है। याद रखने वाली बात यह है कि यह सुबह 4:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एवं शाम 5:00 बजे से रात्री 8:30 बजे तक मंदिर खुलता है।
पयर्टकों के लिए नियम –
- बता दें कि किसी भी व्यक्ति को गुरुद्वारा के भीतर अपने जूते पहनकर जाने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं है।
- ध्यान रहे कि गुरुद्वारा के भीतर शराब पीना, मांस खाना, सिगरेट पीना या फिर किसी भी प्रकार का नशा करना सख्त मना है।
- पूरे शरीर को ढके हुए कपड़े पहनना ही अनिवार्य है।
- गुरुद्वारा के अंदर घुसने से पहले सिर पर रुमाल बांधना बहुत ही आवश्यक माना गया है। जिन लोगों के पास सिर पर बांधने के लिए रुमाल नहीं होता है गुरुद्वारा के लोग स्वयं उन्हें स्कार्फ दे देते हैं।
- दरबार साहिब के अंदर बैठकर गुरबाणी सुंदर समय में सभी लोगों को नीचे बैठ कर ही सुनना चाहिए जो गुरु ग्रंथ साहिब एवं प्रभु के प्रति सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
- पहली बार आने वाले पर्यटकों को गुरुद्वारा घूमने से पहले इंफॉर्मेशन ऑफिस एवं सेंट्रल सिख म्यूजियम जो मेन गेट और क्लॉक टावर के पास स्थित है वहाँ घूमने के लिए कहा जाता है। इससे उन्हें गुरुद्वारा के विषय में पहले से कुछ जानकारी वहाँ पर मिलती है जो गुरुद्वारा देखने में उनको सहायता प्रदान किया करता है।
वैष्णो देवी मन्दिर, जम्मू –
- यह त्रिकुटा पहाड़ियों में समुद्रतल से लगभग 15 किमी की ऊँचाई पर स्थित माता वैष्णोदेवी का पवित्र गुफा मंदिर है, जो हिंदू धर्म के लोगों के लिए आध्यात्मिकता से भरपूर देवी का मंदिर माना जाता है।
- बता दें कि वैष्णो देवी एक धार्मिक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन है जहाँ तीर्थयात्री लगभग 13 किमी तक पैदल चलकर छोटी गुफाओं तक पहुँचते हैं जो 108 शक्तिपीठों में से एक माना गया है।
- वैष्णो देवी, जिसे माता रानी के नाम से भी पुकारा जाता है, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी दुर्गा की एक अभिव्यक्ति शक्ति भी मानी गई हैं।
- कुल मिलाकर अगर आप हिंदू धर्म एवं प्रकृति दोनों की ओर झुकाव रखते हैं तो यात्रा करने के लिए ये सबसे बढ़िया मंदिर माना गया है।
प्रेम मंदिर, वृंदावन –
याद रहे कि ये भव्यता के साथ, प्रेम मंदिर एक विशाल मंदिर माना जाता है जिसे जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने सन 2001 में बनवाया था। यह भव्य धार्मिक स्थल राधा कृष्ण एवं सीता राम को समर्पित है और इसे “प्रभु के प्रेम के मंदिर” के रूप में पुकारा जाता है। यह वृंदावन, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के पवित्र शहर में स्थित है. यह मंदिर कृष्ण के जीवन के विभिन्न दृश्यों, जैसे कि गोवर्धन पर्वत को उठाना, प्रेम मंदिर की परिधि पर चित्रित भी किया गया है। इस मंदिर को लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था एवं इसे पूर्ण करने में कम से कम ग्यारह साल लगे। यह नवनिर्मित मंदिर पूरे बृज क्षेत्र में सबसे सुंदर मन्दिर माना जाता है।
निष्कर्ष –
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