Kerala kya hota hai| रोचक तथ्य |पूरी जानकारी

WELLNESS FOREVER

आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Kerala kya hota hai के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं हिन्दूओं एवं मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बङी संख्या में निवास किया करते हैं।

केरल क्या है – 

ध्यान रहे कि केरल भारत का एक प्रान्त देश माना जाता है। इसकी राजधानी तिरुअनन्तपुरम (त्रिवेन्द्रम) है। मलयालम् यहां की मुख्य भाषा है। हिन्दूओं एवं मुसलमानों के अलावा यहां ईसाई भी बङी संख्या में निवास किया करते हैं।

दरअसल पश्चिम में अरब सागर, पूर्व में पश्चिमी घाट एवं आपस में जुड़ी 44 नदियों वाले केरल में ऐसी अनेक भौगोलिक विशेषताएँ हैं जिनके कारण यह एशिया का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बना है। शांत समुद्र तटों के साथ लंबी तटरेखा, हरे एवं खूबसूरत बैकवाटर, घने हिल स्टेशन तथा विलक्षण वन्य जीवन जैसे आश्चर्य आपको यहां अवश्य आकर्षित कर लाएँगे। इतना ही नही, इनमें से हर खूबसूरत स्थान, एक दूसरे से कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं जो ऐसी खास बात है कि आपको कहीं और भी बिल्कुल नहीं मिलेगी।

रोचक तथ्य – 

  • बता दें कि केरल भारत का एकमात्र देश है जहां आज भी आयुर्वेद का चिकित्सा में प्रयोग होता रहता है |
  • लिंगानुपात में महिलाये केरल में पुरुषो से बहुत अधिक मानी गयी है |
  • केरल में आपको एशियाई हाथी बहुत ही सरलता से देखने को मिल जाते हैं|
  • राष्ट्रीय राजमार्ग 47A भारत का सबसे छोटा राजमार्ग बताया गया है जिसकी लम्बाई केवल 6 किमी बताई गई है
  • केरल में जीवन दर भारत में सबसे अधिक माना जाता है |
  • पूरे विश्व में सबसे पहले सागवान के पेड़ो का बागान केरल में अंग्रेजो के द्वारा आरंभ किया गया था|
  • बता दें कि विश्व का एकमात्र सागवान संग्रहालय (Teak Museum) भी यही पर स्थित है | विश्व का सबसे बड़ा एवं लम्बा सागवान वृक्ष भी केरल में ही मौजूद है |

रहन – सहन 

बता दें कि केरल में रहन-सहन का स्तर बहुत ही ऊँचा माना गया है। गाँवों में भोजन के अंत में जीरे से उबाला हुआ गुनगुना पानी पीने के काम अवश्य आता है। नारियल के अवयवों से बने घर बहुत ही स्वच्छ एवं साफ होते हैं। प्रत्येक घर में पाँच-दस नारियल, दो-चार केले एवं कटहल के पेड़ ज़रूर देखने को मिल ही जाते हैं। गाँव की गलियाँ एकदम से साफ-सुथरी रहती हैं। गाँव बिजली से रौशन बना रहता है। प्रत्येक गाँव में डाकखाना, दवाखाना एवं एक निजी स्कूल भी है। सभी स्कूलों में हिन्दी पढ़ाई जाती है। विवाह में रुढ़िवादिता भी खूब बढ़िया तरीके से पाई जाती है।

इतिहास – 

बता दें कि केरल का इतिहास उसके व्यापार से नज़दीकी से जुड़ा है जो पिछले कुछ समय तक इसके मसालों के व्यापार तक सीमित रहता था। भारत के मसाला तट के रूप में प्रसिद्ध प्राचीन केरल में पूरी दुनिया के यात्री एवं व्यापारी आ जाया करते थे जिनमें ग्रीक, रोमन, अरबी, चीनी, पुर्तगाली, डट, फ्रांसीसी एवं ब्रिटिश शामिल है। इनमें से सभी विदेशियों ने किसी न किसी तरह यहाँ अपनी छाप अवश्य छोड़ी है जिसके कारण दुनिया के साथ केरल का व्यवहार करने का अपना अलग तरीका बताया गया है जो केरल की तरह एकदम से खूबसूरत है।

केरल ने पूरी दुनिया को यह दिखा दिया है कि संस्कृति अपने बीते समय को किस तरह सम्मान दे सकती है एवं आगे की उन्नति तथा प्रगति भी कर सकती है। शत-प्रतिशत साक्षरता, विश्व स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, भारत का न्यूनतम शिशु मृत्यु दर एवं सर्वाधिक जीवन आयु दर ऐसी उपलब्धियाँ हैं जिन पर यहाँ के लोगों को बहुत अधिक गर्व होता है।

भूगोल

बता दें कि केरल तीन भौगोलिक क्षेत्रों में बंटा हुआ है उन्नत भूमि जो पश्चिमी घाटों से होकर लहरदार पहाड़ियों के भीतरी हिस्सों एवं घाटों से होकर अनेक सुंदर बैकवाटर, एक दूसरे से जुड़ी नहरों तथा नदियों की अटूट 580 कि.मीं. लंबी तटरेखा तक फैला है। दरअसल जंगली भूमि घने जंगलों से आच्छादित रही है जबकि अन्य इलाके चाय एवं कॉफ़ी के बागानों या फिर अन्य खेतों से भरपूर हैं। यह अधिकतर राज्य हरा भरा है जिसके कारण यहां सदैव शांती का अनुभव होता रहता है।

मौसम – 

पूरे वर्ष खुशनुमा एवं समान जलवायु से संपन्न केरल उष्णकटिबंधीय भूमि मानी गई है जहाँ आप चैन से आराम भी अवश्य कर सकते हैं। यहाँ मानसून (जून-सितंबर एवं अक्तूबर-नवंबर) तथा गर्मियों का मौसम विशेष रूप से महसूस होता है जबकि शीत ऋतु में तापमान सामान्य स्तर अर्थात 28-32° सें. से कुछ ही कम होता है। यहाँ का आम तौर पर खुशनुमा जलवायु पर्यटकों को प्रसन्न कर देता है।

लोग एवं जीवन

बता दें कि समाज कल्याण एवं जीवन स्तर के मामले में केरल भारत का सबसे उन्नत राज्यों में एक माना जाता है। इस राज्य को भारत की सर्वाधिक साक्षरता दर, सबसे अधिक जीवन आयु एवं न्यूनतम शिशु मृत्यु दर की उपलब्धियाँ अवश्य प्राप्त हुई हैं। केरल की स्त्रियों की साक्षरता दर पूरे एशिया में सबसे अधिक मानी गई है। महानगरीय सोच रखने वाले यहाँ के लोगों को समाज के सभी स्तरों में सेवाएँ एवं अवसर दोनों प्राप्त हो गये हैं एवं शासन में उनकी बात पूरे ध्यान से अवश्य सुनी जाती है.

निष्कर्ष –

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.