आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Lamborghini story in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं इस कार को बनाने वाले आदमी के अनोखे सफर के बारे में
दोस्तों अगर आप कार के शौकीन है आपकी फेवरेट कार्स की लिस्ट में लैंबॉर्गिनी का नाम तो जरूर शामिल होगा इटली की कार कंपनी द्वारा बनाई गई एक कार आपके बड़े बड़े रईसों की गराज में देखने को जरूर मिलेगी लिंबाग्नी के बारे में तो हम और आप जानते ही हैं कि स्पोर्ट्स का दिखने में भी शानदार है इसकी कीमत उतनी ज्यादा है लेकिन बहुत कम लोग होंगे जो इस कार को बनाने वाले आदमी के अनोखे सफर के बारे में जानते होंगे.
एक कैदी होने से लेकर फरारी कंपनी के पावर रेंजर फरारी की बेज्जती सहने पर एक शख्स ने साबित कर दिया कि अपनी बेज्जती का जवाब अपनी सफलता से कैसे दिया जाता है.
हमारी स्टोरी की शुरुआत 28 अप्रैल 1916 से जाएं इटली के शहर फ्रांसो में लैंबॉर्गिनी में जन्म हुआ था यह साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे पड़ोसियों के माता-पिता दोनों ही वाइन बनाने के लिए अंगूर की खेती करते थे साथ ही वह अपने बेटे को अच्छी वाइन बनाने के तरीके बताते रहते थे फिर उसी अपने पिता की बात को ध्यान से सुनते जरूर थे.
लेकिन उन्हें तो कभी खेती के काम इंटरेस्ट था ही नही और ये तो हमेशा से मकेनिकल चीजो का इन्ट्रेस्ट था इसलिए वह अपने खाली टाइम में खेती में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टर और बाकी के उपकरणों को फिक्स करने का काम करते थे अपने इसी जुनून के चलते और हम एक मैकेनिकल कॉलेज में एडमिशन ले लिया जिसके बाद उन्होंने कभी खेती के काम को पीछे मुड़ कर देखा ही नहीं फिरोसियों को गाड़ी बनाने का भी बहुत शौक था और बाद में अपने इसी शौक को पूरा करने के लिए उन्होंने कैव्लियर रिघी नाम की कंपनी में काम सीखना शुरू किया.
जो इटली की आर्मी मशीनों को मेंटेन करती थी यहां पर इन्होंने काफी वक्त तक और काफी अच्छा काम सीखा इस कंपनी में थोड़े टाइम आर्मी वैकल मेंटेन करने के बाद फिरोसियों दूसरे वर्ल्डवार में तैलीयन रोयल फ़ोर्स के साथ जुड़े और बतौर मकैनिक वायु सेना के साथ रहे काफी समय तक युद्ध होने के बाद जब इटली के एक एरिया ने सरेंडर कर दिया तब फिरोसियों की पोस्टिंग उस जगह थी और पूरा एरिया जर्मन नेशन के कब्जे में आ गया.
जर्मन के कब्जे में आने के बाद शुरू में तो सब चीजें ठीक रही लेकिन बाद में वहां रहने वाले सभी इटेलियंस को कैदी बना लिया गया था जिसमें फिरोसी भी शामिल थे अब तो आप यह सब जानते हैं कि विश्व युद्ध के दौरान कैदी बनाए गए लोगों को किस तरह से रखा जाता था उनके साथ किस तरह का व्यवहार होता था.
फिरोसियों को भी उस समय इन्हीं सब परिस्थितियों से गुजरना पड़ा था लेकिन उन्होंने अपनी मकैनिक क्युल्स को वहाँ पर भी नहीं छोड़ा और कैदी रहते हुए भी कई प्रॉब्लम को साल्ब भी किया जर्मन आर्मी की कई गाड़ियों को ठीक भी किया उनके इसी व्यवहार को देखते हुए उन्हें कुछ ही सालों में छोड़ दिया गया फिरोसियों के लिए वो समय काफी मुश्किल भरा रहा क्योंकि उसी समय उनके बच्चे को जन्म देने के बाद उनकी पहली पत्नी क्लेलिया की मौत हो गई इन सब चीजों से बाहर निकलने के लिए फिरोसियों ने अपने आपको काम में विजी कर लिया उस समय पर फिरोसी ओर लोल ट्रेक्टर्स और गौर से पहले की गाड़ियों को फिक्स करने का काम करते थे.
लेकिन एक दिन अचानक से फिरोसियों के पास उनके पिता का खत आया और उसमें उन्होंने फिरोसियों से कहा कि उन्हें अपने खेतों के लिए ट्रैक्टर की जरूरत है क्योंकि वर्ल्ड वॉर में तबाही की वजह से पहले काफी नुकसान हुआ था और अब उनके पिता इन सब चीजों से बाहर आने के लिए खेती पर ध्यान देना चाहते थे.
फिरोसियों के पिता के इस खत ने उनकी सारी जिंदगी बदल कर रख दी क्योंकि यहां से फिरोसियों को आइडिया आया कि कैसे वे अग्रीकल्चर में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को बनाकर लोगों की मदद के साथ-साथ खुद का बिजनेस भी स्टार्ट कर देते हैं लेकिन इससे शुरू करना इतना भी आसान नही था क्योंकि उन्हें स्टार्ट करने के लिए उन्हें बेस्ट कमेंट्र की जरूरत थी तो फिरोसियों से सोचा कि क्यों न युद्ध के समय छोड़ी गई मिलिट्री मशीनों का इस्तेमाल करके एक नया ट्रेक्टर बनाया जाए.
और अपनी इसी सोच पर काम करते हुए उन्होंने क्या ऐसा ट्रेक्टर तैयार किया जिसे महंगे पेट्रोल के बजाय सिर्फ डीजल पर चलाया जा सकता था धीरे – धीरे काम करते हुए फिरोसियों ने अपनी खुद की कंपनी बाग्नी ट्रेक्ट्री खोली बिजनेस धीरे – धीरे रफ्तार पकड़ने लगा इसलिए अब उन्हें अपना प्रोडेक्शन ज्यादा बढ़ाने के लिए जगह के साथ बाकी चीजों जरूरत पड़ने लगी.
अपने बेटे की मेहनत को देखते हुए फिरोसियों के पिता ने अपनी सारी प्रॉपर्टी बेच कर उन्हें पैसे दे दिए जिसका इस्तमाल अपने बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए कर सकते थे पर इस वक्त और हालात को अच्छे से समझते थे और सब चीजों पर अमल करने के लिए उन्होंने दिन रात मेहनत करनी शुरू कर दी दोस्तों यह तो आपने सुना होगा कि किसी भी काम में लगी मेहनत कभी भी खाली नही जाती यही फिरोसियों के साथ भी हुआ. उनकी मेहनत और लग्न से कुछ ही समय में उनकी ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनी पूरी इटली में फेमस हो गई बिजनेस और भी अच्छा चलने लगा जिससे बहुत पैसा भी आने लगा और अपने इसी पैसे से उन्होंने अपनी सबसे बेहतरीन चीजो को खरीदने में इस्तेमाल किया और वो थी कार.
एक से एक स्पॉट और लक्ज्युरी कार का इस्तेमाल फिरोसियों को शुरुआत से था जिसके चलते उन्होंने मर्सडीज से लेकर अस्राती और अल्फ़ा रोगियों बहुत सी शानदार गाड़ी अपने गैराज में शामिल कर ली एक कंपनी के मालिक बड़े बिजनेस मैन भी होने के बाद भी उन्होंने कभी अपने मकैनिक क्युल्स को दिखाना बंद नहीं किया.
बल्कि अगर कभी भी उनकी किसी कार में कोई खराबी होती तो वो उसे खुद ही शाल्व कर लेते थे इसके बाद उन्होंने अपने के गैराज में फेरारी को शामिल करने का फैसला किया और उनका यही फैसला उनकी जिंदगी का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ उनके इस फैसले से लंबाग्नी से भी बात हुई.
जब उन्होंने फरारी का टू फिफ्टी जी टी का माडल खरीदा तो उन्हें उसका कार में सबसे ज्यादा दिक्कत देखने को मिली फरारी की इस कार में सबसे बड़ी दिक्कत थी वो था उसका क्लिज फिरोसि ने जब उसको खोलकर देखा तो वो हैरान रह गये. यह वही क्लिज था जो अपने ट्रेक्टर में इस्तेमाल किया करते थे और अपनी इसी शिकायत को लेकर फिरोसियो फरारी के फाउन्दर ऐक्ज्म फरारी के यहाँ पहुँचे.
अब दोस्तों यह जाहिर सी बात है कि अगर कोई इतनी बड़ी कम्पनी के मालिक को आकर यह कहे कि आपकी गाड़ी के पार्ट्स खराब है या आपकी गाड़ी खराब है तो स्थिति में वो इंसान दो ही काम कर सकता है.
या तो अपने मॉडल की गलती सुनकर उसे ठीक करेगा या फिर उस बात को सुनकर उसे अपनी बेज्जती समझेगा और सामने वाले पर भड़क जाएगा और एन्जॉय ने भी यही किया वो फिरोसी पर भड़क गया.
फिरोसी को जबाव दिया कि गलती क्लिज की नही है बल्कि कार को ड्राइव करने वाले इंसान की है तुम जैसे ट्रेक्टर चलाने वाले ट्रैक्टर चलाने वाले इंसान को फेरारी जैसी लक्जरी कार कहां समझ आएगी और उस एन्जॉय की बात को सुनकर दिल में चुभ गई और उनकी इस बात को गाँठ बाधकर फिरोसियों अपने नये सफर पर चल पड़े.
उन्होंने तय कर लिया अब वो दुनिया को दिखाएंगे कि असली स्पोर्ट्स कार होती कैसी है फिरोसियों के दिमाग में एक ही बात दौड़ने लगी कि किसी भी सूरत में वर्ल्ड बेस्ट रेसिंग कार बनानी है अपने इसी मुकाम को हासिल करने के लिए उन्होंने लैंबॉर्गिनी के नाम से एक और कंपनी खोली जिसमें कार मैन्युफैक्चरिंग करने वालों को रखा गया और उसमें उन्होंने अपने साथ फेरारी के तीन पुराने वर्कर्स को भी काम पर रखा फिरोसियों ने पहली गाड़ी के डिजाइन बनाने शुरू किये.
क्योंकि वो जानते थे कि हमें कैसी गाड़ी चाहिए कुछ ही महीनों की मेहनत के बाद उन्होंने अपनी पहली रेसिंग कार तैयार कर ली जिसको उन्होंने नाम दिया लैंबॉर्गिनी त्री फिफ्टी जी टी आई.
इसमें वी त्योल इंजन हाई स्पीड ट्राई इंजन चार व्हेल डिस ब्रेक और चार व्हेल डिस्प्रिनसिस रखा गया लब्रागनी त्री फिफ्टी जी टी त्युरण मोटर सिफ्ट में रखा गया जिसकी बहुत से लोग तारीफ की थी इससे फिरोसियों ने एनजो फरारी को भी दिखा दिया कि वह सिर्फ किसान या ट्रेक्टर चलाने वाले वाले इंसान नहीं है बल्कि एक मकेनिक स्पोर्ट भी हैं जो कुछ भी कर सकते हैं.
वक्त धीरे – धीरे चलता गया और लैम्बाग्नी का जूनून कार मार्केट में पड़ता गया खासकर स्पोर्ट्स कार में क्योंकि लोगों को इनका डिजाइन काफी पसंद आता था लिबाग्नी की पॉपुलर डिमांड को देखते हुए 1966 में इसके दो और नए मॉडल निकाले गये.
जिसमे एक माडल का नाम 400 जी टी और दूसरा म्युरा पी 400 आया ये दोनो माडल भी ट्रेंड करने लगे बाद में म्युरा पी 400 सुपर कार के रूप में जाने लगी जिसका इंजन किसी भी हाई प्रोमेशिस कार के मुकाबले ज्यादा बेहतर था अपने इसी कामयाबी की चलते लिम्बाग्नी के मार्केट में एक से बढ़कर एक माडल उतारने शुरू कर दिए.
जिसमे स्पाडा , स्लेरो , राको जैसी तमाम गाड़ियां मौजूद थी धीरे-धीरे लिम्बाग्नी एक बहुत बड़ा ब्रांड बन गया जिसमे एक समय में सब से ज्यादा कार्स का ब्रांड भी बना लेकिन एक वक्त ऐसा भी आया जब इस कंपनी को काफी ज्यादा क्रासिस देखने पड़ें साल 1973 में दुनिया भर में आर्थिक मंदी आई और तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है तो इससे कार की सेल्स पर काफी बुरा असर पड़ा.
लेकिन सबसे ज्यादा प्रिय आडर इससे गाड़ी के थे और खरीदे न जाने के वजह से कई मुश्किलों से गुजरना पड़ा. बाद में फिरोसियों ने इसे बेचनें का फैसला किया साल 1998 तक लैंबॉर्गिनी ने अपने कई माडल बदले. 1998 में फॉक्सवैगन ग्रुप के पास आ गये फॉक्सवैगन में से औडो जैम में रख दिया फॉक्सवैगन के पास आने के बाद उस कम्पनी ने एक बार फिर नये कीर्तीमान बनाये जहाँ एक समय में यह कार कम्पनी बंद होने के कगार पर थी वहीं आज ये लगातार अपना मुनाफा बढ़ाती जा रही है
वहीं 2016 में तो इसने अपने सभी पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया और वापस कार मार्केट में जबरदस्त उछाल मारी.
जिसके चलते अब यह दुनिया भर में बहुत से लोगों की पहली पसंद बन चुकी है.
तो दोस्तों यह थी लिम्बांग्नी स्पोर्ट्स कार के स्पर्श तक पहुंचने की कहानी वैसे आपको कौन सी कार सबसे ज्यादा पसंद है साथ ही आपके साथ फरारी और लिम्बाग्नी में कौन सी कार सबसे बेस्ट है.