भगवान गणेश के 12 Naam हिंदी में | Sanskrit Mein | Stuti करने के लाभ

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Lord Ganesha-

भगवान शिव एवं देवी पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं भगवान श्री गणेश. भगवान श्री गणेश जी को बुद्धि एवं ज्ञान का देवता भी माना जाता है. यह भी कहा जाता है कि उन्हें समृद्धि, सुख एवं कल्याण के प्रतीक मंगल मूर्ति के रूप में भी भलीभांति जाना जाता है. जैसे ही भगवान श्री गणेश जी सकारात्मकता लाते हैं, एवं उनकी पूजा करने पश्चात हर शुभ कार्य प्रारंभ होता है. लोग अपने देवता को प्रसन्न करने के लिए “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” का जोर – जोर से आह्वन करते हैं.

आपको बता दें कि भगवान श्री गणेश जी हिन्दुओं के अति प्राचीन देवता भी हैं. प्रत्येक शुभ कार्य से पहले भगवान श्री गणेश जी की पूजा – अर्चना होती है. श्री गणेश भगवान शिव एवं माता पार्वती के पुत्र हैं. हाथी जैसा सिर होने की वजह से उन्हें गजानन भी कहते हैं. उन्हें एकदंत, लंबोदर, विकट, विनायक भी कहा जाता है. सभी देवी – देवताओं में इनकी पूजा-अर्चना भी सबसे पहले की जाती है. भगवान श्री गणेश जी को बुद्धि एवं विद्या का देवता भी माना जाता है. रिद्धि-सिद्धि नामक दो कन्याएँ भगवान श्री गणेश जी की प्रिय पत्नियाँ भी हैं.

ऐसा जाना जाता है कि भगवान श्री गणेश जी की बहन का नाम अशोक सुंदरी है. देवताओं के सेनापति कार्तिकेय उनके बड़े भाई जाने जाते है. शास्त्रों में चूहे को भगवान श्री गणेश जी का वाहन बताया गया है. भगवान श्री गणेश जी का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर तथा मंगलदायक भी माना गया है. भगवान श्री गणेशजी को बेसन एवं मोदक के लड्डू अति प्रिय हैं.

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प्रथम पूज्य क्यों हैं भगवन गणेश-

भगवान श्री गणेश जी ने अपने माता-पिता को समूचा लोक माना एवं उनकी सात प्रदक्षिणा भी संपूर्ण कर ली. तब भगवान शिवजी का ह्रदय यह देखकर बहुत ही गदगद हो गया एवं आकाश से ढेर सारे पुष्पों की वर्षा होने लगी. अतः भगवान श्री गणेश जी सभी देवताओं से सबसे पहले पहुंचे. उनका यह ज्ञान, बुद्धि-कौतुक देखकर परमपूज्य भगवान ब्रह्मा ने उन्हें प्रथम पूज्य बनाया.

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Ganesh Ji Ke 12 Naam Ki Stuti करने के लाभ-

ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्री गणेश जी के अति शुभ बारह नामों का रोज स्मरण करने वाले जातक को कभी भी जीवन में किसी भी प्रकार के संकटों व कठिनाईयों का सामना बिल्कुल भी नहीं करना पड़ता है .

या माना जाता है कि विद्या अध्ययन, विवाह के समय, यात्रा, रोजगार के शुभारम्भ में या अन्य किसी भी प्रकार का शुभ कार्य को करते समय भगवान श्री गणेश जी के बारह नामों का उच्चारण करने से सभी कार्यो की अड़चने हमेशा केलिए नष्ट हो जाती हैं.

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Shri Ganesh Ji Ke 12 Naam

ऐसा माना जाता है कि भगवान श्री गणेश जी के 12 नाम के जाप या श्रवण करने भर से जातक को छह पुण्यलाभ प्राप्त होते हैं. इन नामों के जाप से विवाह, संकटों से मुक्ति, शत्रुओं से मुक्ति के साथ ही धन-धान्य की बहुत प्राप्ति होती है.

कहा गया है कि इन 12 नामों के जाप करने से जातक को कभी भी किसी प्रकार की अड़चने नहीं आती हैं तथा कभी भी किसी प्रकार का कोई साया भी नही रहता.

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Ganesh Ji Ke 12 Naam Sanskrit Mein-

  1. सुमुख,
  2. एकदंत,
  3. कपिल,
  4. गजकर्ण,
  5. लंबोदर,
  6. विकट,
  7. विघ्नविनाशक,
  8. विनायक,
  9. धूम्रकेतु,
  10. गणाध्यक्ष,
  11. भालचन्द्र,
  12. गजानन.

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Ganesh Ji Ke 12 Naam Hindi Mein-

  1. सुमुख,
  2. एकदंत,
  3. कपिल,
  4. गजकर्ण,
  5. लंबोदर,
  6. विकट,
  7. विघ्नविनाशक,
  8. विनायक,
  9. धूम्रकेतु,
  10. गणाध्यक्ष,
  11. भालचन्द्र,
  12. गजानन.