आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Makar Rekha kya hai के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं मकर रेखा वह काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23 डिग्री 26’22” दक्षिण अक्षांश ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई है।
मकर रेखा क्या है –
बता दें कि मकर रेखा वह काल्पनिक रेखा है जो पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23 डिग्री 26’22” दक्षिण अक्षांश ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई है। 22 दिसम्बर को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत होता है जिसे मकर संक्राति कहते हैं इस दिन दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे बड़ा दिन माना जाता है।
बता दें कि मकर रेखा जिसे Tropic of Capricorn के नाम से भी पुकारा जाता है पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में विषुवत रेखा के सामानांतर खींची गयी एक अक्षांश रेखा होती है। मकर रेखा पृथ्वी के मानचित्र पर परिलक्षित होने वाली पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक मानी जाती है।
मकर रेखा की स्थिति
बता दूँ कि मकर रेखा भूमध्य रेखा के दक्षिण में 23°26’22″S पर स्थित है। यह पृथ्वी की दक्षिणतम अक्षांश रेखा है जिसपर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता रहता है। यह घटना पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध का सूर्य के समकक्ष अत्यधिक झुकने के कारण से ही होता है। इसे दिसंबर संक्रांति कहा जाता है। 22 दिसंबर के दिन सूर्य इस क्षेत्र में एकदम लंबवत चमकता है। मकर रेखा पृथ्वी पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गयी एक काल्पनिक रेखा मानी जाती है। इसकी स्थिति पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में है। मकर रेखा की स्थिति भी पूरी तरह से बदल रही है एवं यह धीरे – धीरे उत्तर की तरफ खिसकती रहती है। इसकी परिवर्तन की गति लगभग 15 मीटर प्रति वर्ष है। मकर रेखा के उत्तर में कर्क रेखा तक का क्षेत्र उष्ण कटिबंध कहलाता है इसी तरह इसके दक्षिण में शीतोष्ण कटिबंध का क्षेत्र आता है।
मकर रेखा का नामकरण –
बता दें कि आकाश की बारह राशियों में से एक मकर राशि होती है। दिसंबर संक्रांति के समय सूर्य की स्थित इसी मकर राशि में होती है। इसी कारण से इसे मकर रेखा के नाम से पुकारा जाता है।
कुछ रोचक तथ्य –
- आपको यह बता दूँ कि मकर रेखा पृथ्वी की दक्षिणतम अक्षांश रेखा होती है जिस पर सूर्य एकदम सीधा लम्बवत पड़ता है। यह घटना दिसंबर संक्रांति के समय होती है।
- दरअसल मकर रेखा पृथ्वी के उष्ण कटिवन्ध क्षेत्र की दक्षिणी सीमा बनाती है। इस रेखा के दक्षिण शीतोष्ण जलवायु का क्षेत्र आरंभ हो जाता है।
- ध्यान रहे कि मकर रेखा ज्यादातर महासागरों से ही गुजरती है।
- मकर रेखा संसार के इन देशों से होकर गुजरती है जैसे – अर्जेंटीना, बोत्सवाना, चिली, ब्राज़ील, पैराग्वे, दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, मोजाम्बिक, फ्रेंच पोलिनेसिया, टोंगा, ऑस्ट्रेलिया एवं मेडागास्कर।
- कहा जाता है कि मकर रेखा की कुल लम्बाई 36,788 वर्ग किलोमीटर है।
- बता दें कि मकर रेखा अफ्रीका महाद्वीप के नामीबिया, बोत्सवाना, दक्षिण अफ्रीका, मोजाम्बिक, मेडागास्कर आदि देशों से होकर गुजरती है l
निष्कर्ष –
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