Photosynthesis | प्रकाश संश्लेषण क्या है, कैसे होता है

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Photosynthesis in hindi की जानकारी के लिए इस पोस्ट पर बने रहें| hellozindgi.com पे Photosynthesis in hindi की इतनी जानकारी है कि आप पढ़ते पढ़ते थक जाएंगे पर हम ऑप्शन्स देते देते नही।

बता दें कि Photosynthesis in Hindi / प्रकाश संश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पौधे सूर्य के प्रकाश की मौजूदगी में अपने पत्तों एवं हरे भागों में मौजूद क्लोरोफिल की मदद से पानी तथा कार्ब नडाइऑक्साइड को संश्लेषित करके अपने भोजन को पूरी तरह से तैयार करते हैं। पानी एवं कार्बन डाइऑक्साइड कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं जबकि पेड़-पौधों का यह भोजन सूक्रोज, ग्लूकोज एवं स्टार्च के रूप में बनता है।

सरल शब्दों में कहें तो पेड़-पौधों के भोजन बनाने की प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण या फिर अंग्रेज़ी में कहें फोटोसिन्थेसिस कहते हैं।

प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया का महत्व – 

यदि हम प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण जैवरासायनिक अभिक्रिया कह दें तो यह बिल्कुल भी गलत नहीं होगा क्योंकि ये प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर दुनिया के सभी जीव इसी पर निर्भर रहते हैं।

1. भोजन की प्राप्ति प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से पौधों को भोजन खूब बढ़िया तरीके से प्राप्त होता है, ये तो आप ने जान ही लिया। परन्तु इससे उन जीवों को भी भोजन प्राप्त होता है जो कि पौधों के पत्ते खाकर अपना गुजारा किया करते हैं। सभी तरह की फसलें भी हरी होने के पश्चात ही पकती हैं क्योंकि वो भी एक तरह के पौधे ही होते हैं। इस तरह से मनुष्यों को भी प्रकाश संश्लेषण के कारण से ही भोजन प्राप्त होता है।

2. पर्यावरण संतुलन में सहायक प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के कारण से पौधे कार्बन डाइऑक्साइड को लेते हैं एवं ऑक्सीजन को निकालते हैं, इस प्रकार वातावरण को पूरी तरह से शुद्ध भी करते हैं। हर साल पौधे लगभग 1 लाख करोड़ टन कार्बन को प्रति वर्ष जैव-पदार्थों में पूरी तरह से बदल देते हैं।

3. उर्जा का स्रोत प्रकाश संश्लेषण जैव ईंधन बनाने में भी बहुत ही मददगार साबित होता है जैसे कि पशु जो हरा चारा खाते हैं उससे हमें गोबर मिलता है जिससे हम उर्जा प्राप्त कर सकते हैं। कोयला एवं पेट्रोलियम भी प्रकाश संश्लेषण की ही देन हैं क्योंकि यह लाखों-करोड़ो साल पहले गले-सड़े जीवों एवं पेड़ो के धरती के नीचे दब जाने के कारण ही बने हैं।

कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी – 

  • बता दें कि इस फोटोसिंथेसिस के लिये प्रकाश की उपस्थिति बहुत ही अनिवार्य होती है। इस रासायनिक क्रिया में कार्बनडाइऑक्साइड (CO2) के 6 अणुओं एवं जल ( H2O ) के 12 अणुओं के मध्य रासायनिक क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप ग्लूकोज ( C6H12O6 ) के एक अणु, जल ( H2O ) के 6 अणु एवं ऑकसीजन ( O2 ) के 6 अणु उत्पन्न होते हैं।
  • ध्यान रहे कि इस क्रिया में मुख्य उत्पाद ग्लूकोज होता है एवं ऑक्सीजन तथा जल उप पदार्थ के रूप में मुक्त होते हैं। इस प्रतिक्रिया में उत्पन्न जल कोशिका के द्वारा ही अवशोषित हो जाता है एवं फिर से जैव-रासायनिक प्रतिक्रियाओं में लग जाता है।
  • मुक्त ऑक्सीजन वातावरण में ही चली जाती है। इस मुक्त ऑक्सीजन का स्रोत जल के अणु बताया गया है कार्बनडाइऑक्साइड के अणु नहीं। अभिक्रिया में सूर्य की विकिरण ऊर्जा का रूपान्तरण केवल रासायनिक ऊर्जा में ही होता है। जो ग्लूकोज के अणुओं में पूरी तरह से संचित हो जाती है।
  • प्रकाश-संश्लेषण में पौधों के द्वारा ही प्रति वर्ष लगभग 100 टेरावाट की सौर्य ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा के रूप में भोज्य पदार्थ के अणुओं में बाँध दिया जाता है। इस ऊर्जा का परिमाण पूरे मानव सभ्यता के वार्षिक ऊर्जा खर्च से भी ७ गुना अधिक होता है।
  • यह ऊर्जा यहाँ स्थितिज ऊर्जा के रूप में पूर्ण रूप से संचित रहती है। अतः प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया को ऊर्जा बंधन की क्रिया भी कहते हैं। इस प्रकार प्रकाश-संश्लेषण करने वाले सजीव लगभग 10,00,00,00,000 टन कार्बन को प्रति वर्ष जैव-पदार्थों में पूरी तरह से बदल देते हैं।