Pituitary gland in hindi | ग्रंथियों के 3 प्रकार | अन्य जानकारी

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Pituitary gland in hindi की जानकारी के लिए इस पोस्ट पर बने रहें| hellozindgi.com पे  Pituitary gland in hindi की इतनी जानकारी है कि आप पढ़ते पढ़ते थक जाएंगे पर हम ऑप्शन्स देते देते नही।

पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland) –

बता दें कि यह ग्रंथि मस्तिष्क के ठीक नीचे ही होती है एवं कई प्रकार के हार्मोन्स को सावित करती है। पिट्यूटरी ग्रंथि से स्रावित होने वाले हार्मोन्स में से एक है विकास हार्मोन। यह विकास हार्मोन हड्डियों एवं मांसपेशियों के विकास को नियंत्रित करता है।

ग्रंथियों के प्रकार

ग्रंथियां केवल तीन प्रकार की ही होती है –

1. बहि: स्त्रावी ग्रंथियाँ : बता दें कि ऐसी ग्रंथियाँ जो अपना स्त्राव नलिकाओं के द्वारा ही त्याग करती हैं , उन्हें बहि स्त्रावी ग्रंथियाँ ही कहते हैं |

जैसे – लार ग्रंथियाँ , स्वेद ग्रंथियाँ , जठर ग्रंथियां , यकृत इत्यादि |

2. अन्त: स्त्रावी ग्रंथियाँ : ऐसी ग्रंथियाँ जो नलिका विहीन होती हैं एवं अपना स्त्राव सीधा रक्त में स्त्रावित करती हैं , अन्त: स्त्रावी ग्रंथियां ही कहलाती हैं | अन्त: स्त्रावी ग्रंथियों से स्त्रवित रासायनिक पदार्थो को हार्मोन ही कहते हैं |

जैसे – पीयूष ग्रन्थि , थॉयराइड ग्रन्थि , एड्रीनल ग्रन्थि इत्यादि |

3. मिश्रित ग्रन्थियाँ : ऐसी ग्रन्थियाँ वो बहि स्त्रावी एवं अन्त: स्त्रावी ग्रन्थियो की तरह अपना काम करती है उन्हें मिश्रित ग्रंथियाँ कहते हैं  |

जैसे – अग्नाशय , वृषण , अण्डाशय आदि |

मनुष्य में अन्त: स्त्रावी ग्रन्थियाँ तथा उनके कार्य

1. हाइपोथैलेमस (Hypothalamus) : बता दें कि हाइपोथैलेमस अग्र मस्तिष्क का वह भाग होता है जो डाएनसेफेलोन की गुहा की फर्श का निर्माण करती है , इसमें धूसर द्रव के अनेक हाइपोथैलेमस केन्द्रक स्थित होते हैं , हाइपोथैलेमस के द्वारा दो प्रकार के हार्मोन , मोचक हार्मोन एवं निरोधी हार्मोन का संश्लेषण होता है | जो पीयूष ग्रन्थि के हार्मोनों के उत्पादन एवं स्त्राव का नियमन तथा  नियंत्रण भी किया करते हैं , हाइपोथैलेमस ग्रन्थि को अन्त: स्त्रावी नियमन का सर्वोच्च कमान्डर या प्रदान ग्रन्थि ही कहा जाता है |

हार्मोन व उनके कार्य : हाइपोथैलेमस से 10 प्रकार के मोचक एवं निरोधी हार्मोन स्त्रवित होते हैं जिन्हें न्यूरो हार्मोन कहते हैं |

क्र.सं.न्यूरो हार्मोन का नामकार्य
वृद्धि हार्मोन मोचक हार्मोन (GHRH)वृद्धि हार्मोन स्त्रवण का प्रेरण
वृद्धि हार्मोन निरोधी हार्मोन (GHIH)वृद्धि हार्मोन स्त्रवण का संदमन
थाइरोट्रोपिन मोचक हार्मोन (TRH)थाइरोट्रोपिन हार्मोन स्त्रावण का उत्तेजन
प्रोलेक्टिन मोचक हार्मोन (PRH)प्रोलेक्टिन के स्त्रावण का उत्तेजन
प्रोलेक्टिन मोचक निरोधी हार्मोन (PR.IH)प्रोलेक्टिन के स्त्रावण का संदमन                                          
मैलेनोसाइट स्टिनुलिंटिंग हार्मोन – मोचक हार्मोन (MSH-RH)मैलेनोसाइट हार्मोन के स्त्रावण का प्रेरण
मैलेनोसाइट स्टिमुलेंटिग हार्मोन निरोधी हार्मोनमैलेनोसाइट हार्मोन के स्त्रवण का संदमन
कोटिकोट्रोपिन मोचक हार्मोन (CRH)कोटिकोट्रोपिन हार्मोन के स्त्रावण का प्रेरण
ल्युटिनाइजिंग हार्मोन मोचक हार्मोन (LHRH)ल्युटिनाइजिंग हार्मोन के स्त्रवण का प्रेरण
10 पुटकिय स्टिमुलेटिंग हार्मोन मोचक हार्मोन (PSHRH)पुटकीय स्टीमुलेटिंग हार्मोन के स्त्रावण का प्रेरण

पीयूष ग्रन्थि –

स्थिति : दरअसल यह ईफन्डीनुलम के द्वारा ही हाइपोथैलेमस से जुड़ी रहती है. |

संरचना : यह मटर के दाने के समान गुलाबी रंग की ग्रन्थि होती है , मनुष्य में (पुरुष में) इसका भार 0.5-0.6 gm तक होता है एवं स्त्रियों में इसका भार 0.6 – 0.7 gm तक होता है , इसे मास्टर ग्रन्थि भी कहते हैं , यह भ्रूणीय एक्टोडर्म से निर्मित दो पालियो की बनी होती है |

कार्य (work) : बता दें कि यह शरीर की सामान्य वृद्धि करता है , यह कोशिका विभाजन को प्रेरित करता है , अस्थियो की यह वृद्धि करता है एवं उत्तक क्षय को रोकता भी है | यकृत में ग्लूकोनियो जिनेसिस एवं ग्लाइको नियोजिनेसिस क्रियाओ को प्रेरित भी किया करता है |

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सभी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होंगी. अतः यह निवेदन है कि अधिक जानकारी के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से ज़रूर जुड़े रहें.