Prakritik sankhya in Hindi | 4 प्राकृतिक संख्या के गुणधर्म

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 Prakritik sankhya in Hindi की जानकारी के लिए इस पोस्ट पर बने रहें| hellozindgi.com पे  Prakritik sankhya  in Hindi की इतनी जानकारी है कि आप पढ़ते पढ़ते थक जाएंगे पर हम ऑप्शन्स देते देते नही। 

बता दें कि Prakritik Sankhya गणित का एक महत्वपूर्ण भाग माना गया है जिसकी तलाश भारतीय उपमहाद्वीप में हुआ था. इस संख्या की तलाश वस्तुओं की संख्या को इंगित करने एवं गणनाओं के समाधान के लिए ही किया गया. यह संख्या दैनिक जीवन के साथ-साथ गणित, विज्ञान, खगोलशास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान, आदि क्षेत्रों में भी इस्तेमाल किया जाता है.

दरअसल भारतीय गणित में Prakritik Sankhya का महत्व सबसे अधिक इसलिए माना जाता है क्योंकि यह लगभग प्रत्येक कार्य में इस्तेमाल होता है जिससे गणितीय गणना सरल तथा सटीक होता है. इस संख्या से सम्बंधित फार्मूला, गुण और अन्य महत्वपूर्ण तथ्य मौजूद है जिसका विवरण हमने यहाँ दिया है.

परिभाषा: गिनती अर्थात गणना की संख्या अथवा शून्य से बड़े पूर्णांक को प्राकृतिक संख्या कहते हैं. इसे उपयोगिता के आधार धनपूर्णांक संख्या भी कहा जाता है. वही इतिहास के आधार पर इसे हिन्दू अरबी संख्या भी कहा जाता है. क्योंकि इस नाम से सम्बन्धित कम्पटीशन एग्जाम में सवाल अवश्य भी पूछे जाते हैं.

जैसे-  प्रथम 20 हिन्दू अरबी संख्याओं का औसत निकालें?

दरअसल प्राकृतिक संख्या एक प्रकार का पूर्णांक होता है जो 0 से बड़ा मतलब 1 से आरंभ होता है जो लगातार अनंत तक बढ़ता रहता है. इसे सामान्यतः N से सूचित किया जाता है.

फार्मूला –

  • प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसतमान = (n+1) /2
  • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्या का योग होता है = (n/2+1)
  • प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसतमान = n+1
  • प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसतमान = n
  • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं का औसतमान = (n+1) /2

रोचक तथ्य – 

  • दरअसल प्राचीन इतिहास के आधार पर इसे हिंदी में अरबी संख्या कहा जाता है.
  • बता दें कि समुच्च में शून्य को प्राकृत संख्या कहा जाता है.
  • प्राकृत संख्या एक संख्या पद्धति का एक भाग होता है.
  • इसे केवल N के द्वारा ही सूचित किया जाता है.
  • प्राकृतिक संख्या = 0 < N ≤ 1
  • समुच्चय में N0 = {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, ……) के द्वारा ही सूचित किया जाता है.
  • ध्यान देने वाली बात यह है कि इस संख्या में 1 इकाई की लगातार बढ़त होती रहती है.

प्राकृतिक/ प्राकृत संख्या के गुणधर्म –

बता दें कि पूर्णांक एवं पूर्ण संख्याओं की तरह प्राकृतिक संख्याओं के भी कुछ गुणधर्म (Properties) होते हैं। जिन्हे हम अभी जानेंगे। तो प्राकृतिक संख्याओं के चार गुणधर्म होते हैं जिनके बारे में नीचे दी गई हैं-

1. संवृत गुण (Closure Property)-

दो प्राकृतिक/ प्राकृत संख्याओं का योग एवं गुणनफल हमेशा प्राकृत संख्या ही होता है। 

जैसे-

4 + 5 = 9, 100 + 200 = 300 इससे यह मालूम चलता है कि जब दो प्राकृत संख्याओं को जोड़ा जाता है तो हमे एक प्राकृत संख्या ही प्राप्त होता है। 

25 x 4 = 100, 1000 x 2000 = 2000000 अतः दो प्राकृतिक संख्याओं का गुणनफल भी हमें एक प्राकृतिक संख्या ही प्राप्त होता है। 

2. क्रमविनिमेय गुण (Commutative Property)-

अगर दो प्राकृतिक संख्याओं के क्रम को बदल दिया जाए एवं तब उसका योग या गुणनफल किया जाए तो हमे हल समान ही प्राप्त होता है। 

जैसे- 

20 + 30 = 50 या 30 + 20 = 50 यहाँ अपने देखा कि इन दोनों प्राकृतिक संख्याओं के क्रम को परिवर्तन कर देने के पश्चात् भी हमे वही प्राकृतिक संख्या प्राप्त होती है जो पहले थी। 

 2 X  8 = 16  या 8 x 2 = 16 अतः दो प्राकृतिक संख्याओं के क्रम को परिवर्तन कर गुणा करने पर हमे हल समान ही प्राप्त होता है। 

3. सहचर्य का गुण (Associative Property)-

बता दें कि प्राकृतिक संख्याओं के समूह का योग या गुणनफल करने से पहले उनके समूह का बदल-फेर करने से हमे समान हल ही प्राप्त होता है। 

जैसे- 

2 + (8 + 6 )= 16  या (2 + 8 ) + 6  = 16  यहाँ अपने देखा कि इन प्राकृतिक संख्याओं के समूह को बदल-फेर करने के बावजूद भी हमे हल समान ही प्राप्त हो जाता है। 

2 x (3 x  3)= 18  या (3  x 3 ) x 2  = 18 यहाँ भी संख्याओं के समूह को बदल-फेर करने के बावजूद भी हमे हल समान ही प्राप्त हो रहा है। 

4. वितरण गुण (Distributive Property)- 

i) गुणन व योग का वितरण गुण 

जैसे- 5 x (4 +5) = 5 x 4 + 5 x 5 [45 = 45]

ii) गुणन व व्यवकलन का वितरण गुण 

जैसे- 8 x (9 -7) = 8 x 9 – 8 x 7 [16 = 16]

यहाँ अपने देखा कि वितरण गुण का प्रयोग करके गुणन का योग एवं व्यवकलन करने पर हमे हल समान ही प्राप्त हो जाता है। 

नोट- बता दें कि प्राकृतिक संख्या का गुणधर्म केवल प्राकृतिक संख्या पर ही लागू होता है। (क्योंकि यह प्राकृतिक संख्या का गुणधर्म माना गया है किसी अन्य संख्या का नहीं ।) अगर आप प्राकृतिक संख्या के बदले ऋणात्मक पूर्णांक या फिर कोई ऐसी संख्या जो प्राकृतिक संख्या नहीं है (जैसे – -3, -3.4, 0 आदि) उनका इस्तेमाल करेंगे तो यह गुणधर्म (Property) उन संख्याओं पर लागू बिल्कुल भी नहीं होगा।