Pratirodh kya hai in Hindi | प्रतिरोध क्या है | 4 कारक

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प्रतिरोध क्या है – 

दरअसल प्रत्येक पदार्थ का अपना प्रतिरोध होता है अंतर केवल इतना ही है कि किसी पदार्थ का प्रतिरोध कम एवं किसी पदार्थ का प्रतिरोध अधिक होता है जो उस पदार्थ का स्वभाविक गुण होता है।

प्रतिरोध का मात्रक

ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रतिरोध को R से प्रदर्शित करते हैं एवं प्रतिरोध का मात्रक ओह्म एवं symbol Ω होता है।

बता दें कि “जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो चालक विद्युत धारा के मार्ग में रुकावट या फिर अड़चने डालता है। इसे चालक का प्रतिरोध कहते हैं ।” 

प्रतिरोध = विभवान्तर /धारा

“किसी चालक पर आरोपित विभवान्तर और उसमें प्रवाहित धारा के अनुपात को चालक का प्रतिरोध कहते हैं। यह एक अदिश राशि होती है तथा SI पद्धति में इसका मात्रक ओम (ohm) होता है।”

1000 (ohm) = 1 k (ohm)

1000000 (ohm) = 1 m (ohm)

1 (ohm) ओम = 1 वोल्ट / 1 एम्पीयर

दरअसल जब किसी चालक के सिरों के मध्य 1 वोल्ट का विभवान्तर लगाया जाता है तथा उसमे बहाने वाली धारा का मान 1 एम्पीयर हो तो चालक का प्रतिरोध 1(ohm) होता है। 

कारक – 

1. लंबाई पर – : दरअसल लंबे तार का प्रतिरोध अधिक एवं छोटे तार का प्रतिरोध बहुत ही कम होता है। मतलब किसी चालक का प्रतिरोध R उसकी लंबाई के अनुक्रमानुपाती होता है।

                                R l

2. क्षेत्रफल – : बता दें कि पतले तार का प्रतिरोध अधिक एवं मोटे तार का प्रतिरोध बहुत ही कम होता है। मतलब किसी चालक का प्रतिरोध R उसके क्षेत्रफल A के व्युत्क्रमानुपाति होता है। 

R 1/A

3. पदार्थ की प्रकृति पर – : कहा जाता है कि किसी चालक का प्रतिरोध  R उसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या के व्युतक्रमानुपाती होता है। R∝1/n मतलब अगर किसी चालक में इलेक्ट्रॉन की संख्या बहुत ही अधिक है, तो प्रतिरोध बहुत ही कम होगा। 

4. ताप पर – : अगर किसी चालक का प्रतिरोध श्रान्तिकाल के व्युतक्रमानुपाती होता है। ताप बड़ाने पर श्रान्तिकाल का मान पूरी तरह से घट जाता है और प्रतिरोध अधिक हो जाता है अतः ताप बड़ाने से चालक का प्रतिरोध कुछ अधिक बड़ जाता है। 

विशिष्ट प्रतिरोध क्या होता है – 

दरअसल यह किसी पदार्थ की लम्बाई के अनुक्रमानुपाती होता है, विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक ओह्म-सेमी होता है ।

विशिष्ट प्रतिरोध का सूत्र – 

ρ = RA/l

यहां पर आपको पूरा मतलब दिया है 

R = प्रतिरोध

l = लम्बाई

A = कटाक्ष क्षेत्रफल

विशिष्ट प्रतिरोध (Specific Resistance) को प्रभावित करने वाले कारक

1.पदार्थ की प्रकृति पर – 

दरअसल किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध उसमे उपस्थित इलेक्ट्रॉन की संख्या के व्युत्क्रमानुपाति होता है।

ρ ∝ 1/n

अगर चालक में इलेक्ट्रॉन की संख्या बहुत ही अधिक है,तो उसका विशिष्ट प्रतिरोध बहुत ही कम होता है।

2.ताप पर – 

अगर किसी चालक का विशिष्ट प्रतिरोध श्रान्तिकाल के व्युत्क्रमानुपाति होता है।

विशिष्ट प्रतिरोध ∝ 1/श्रान्तिकाल

तो ताप बढ़ने से श्रान्तिकाल पूरी तरह से घट जाता है एवं विशिष्ट प्रतिरोध (Specific Resistance) बढ़ जाता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़ें रहें.