Sabse jyada calcium kisme hota h|मनुष्य शरीर और कैल्शियम|पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Sabse jyada calcium kisme hota h के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं सभी लोगों को एक दिन में 1000 mg कैल्शियम जरूर खाना चाहिए 

आपकी मांसपेशियों को काम करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है , आपकी नसों की सिग्नल भेजने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है , महिलाओं में एग रीलिज होने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है.

शरीर में ब्लड क्लोथिंग के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है , दिल की धड़कन को नियंत्रित करने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है , शरीर की कोशिकाओं में पानी का बैलेंस बनाने के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है. 

कैल्शियम आपकी हड्डियों का निर्माण करता है , आपके दांतों का निर्माण करता है , कैल्शियम आपकी heart health के लिए बहुत जरूरी होता है , कैल्शियम आपकी mental health के लिए बहुत जरूरी होता है.

बढ़ते बच्चों के लिए , गर्भवती औरतो के लिए , और बच्चे को दूध पिलाने वाली माँ के लिए कैल्शियम की जरूरत और भी ज्यादा बढ़ जाती है.

कैल्शियम की कमी से याददाश्त कम हो सकती है , बच्चो को पढ़ाई करने में दिक्कत आ सकती है , मांसपेशियों में दर्द हो सकता है , शरीर का कोई हिस्सा सुन्न हो सकता है , डिप्रेशन हो सकता है.

कैल्शियम की कमी से आपको भ्रम हो सकता है , जैसे आपको ऐसी आवाजें दे सकती हैं जो किसी और को सुनाई न दें , आपको ऐसी आकृतियाँ दिखाई दे सकती हैं जो किसी और को दिखाई न दें. 

बालो की ग्रोथ कम हो सकती है , त्वचा पतली हो सकती है और त्वचा के ऊपर चोट जल्दी लग जाती है , नाखून कमजोर हो सकते हैं और टूटने लग सकते हैं , कैल्शियम की कमी होने से दौरे पड़ सकते हैं .

लंबे समय तक कैल्शियम की कमी रहने से हड्डियाँ कमजोर और पतली हो सकती हैं और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ सकता है कैल्शियम की कमी से बच्चों का कद छोटा रह जाता है.

सभी लोगों को एक दिन में 1000 mg कैल्शियम जरूर खाना चाहिए , जिन महिलाओं की उम्र 50 साल से ज्यादा है और जिन पुरुषों की उम्र 70 साल से ज्यादा है उन्हें एक दिन में 1200 mg कैल्शियम जरूर खाना चाहिए.

बच्चे जिनकी उम्र जिनकी उम्र 0 से लेकर 6 महीने के बीच में है उन्हें 1 दिन में 200 एमजी कैल्शियम खाना चाहिए 7 महीने से लेकर 12 महीने की उम्र के बच्चों को 1 दिन में 260 एमजी कैल्शियम खाना चाहिए 1 साल से 3 साल की उम्र के बच्चों को 700mb कैल्शियम 1 दिन में खाना चाहिए 4 साल से 8 साल की उम्र के बच्चों को 1000mg कैल्शियम 1 दिन में खाना चाहिए और 9 से 18 साल की उम्र के बच्चों को 1300 mg कैल्शियम 1 दिन में खाना चाहिए.

ज्यादातर लोगों में खराब डाईट खाने की वजह से कैल्शियम की कमी होती है कैल्शियम से भरपूर भोजन खाकर आप अपनी कैल्शियम की कमी को दूर कर सकते हैं और कैल्शियम डेफिशियेंसी से बच सकते हैं. 

कुछ प्रकार के बीच जैसे खसखस , अजवाइन , तिल और चिया बीज.

खसखस – इस 9 ग्राम खसखस में 126 mg कैल्शियम होता है इसके अलावा खसखस में पोटेशियम , डाय ट्री फायवर , प्रोटीन , आयरन , कॉपर , जिंक , मैग्नीशियम , मैगनीज बहुत सारे फैटी एसिड्स Essential Volatile Oils , Thiamin , Riboflavin , Niacin , Folic acid होता है खसखस बाडी में एल डी एल जो की एक बुरा कोलेस्ट्राल है इसे घटाती है और एच डी एल जो की एक अच्छा कोलेस्ट्राल है इसे बढ़ाती है , खसखस फर्टिलिटी को बढ़ाती है इनसोम्निया जो की नींद न आने की एक बीमारी होती है इसे ठीक करती है.

हड्डियाँ मजबूत बनाती है , पाचन को सुधारती है मुंह के छालों को ठीक करती है ब्लड प्रेशर को नार्मल रखती है आंखों के लिए बहुत अच्छी होती है किडनी स्टोंस को बाहर निकालती है और दोबारा बनने से रूकती है खसखस थायराइड के लिए अच्छी होती है डायबिटीज के लिए अच्छी होती है खसखस एक कुदरती दर्द निवारक होती है यह किसी भी तरह के दर्द को ठीक करती है खसखस का पेस्ट बनाकर के बालों में लगाने से रूसी ठीक हो जाती है.

तिल – तिल में भी अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है. 9 ग्राम तिल में 88 mg कैल्शियम होता है कैल्शियम के तिल में पोटैशियम , डाइटरी फाइबर , प्रोटीन , आयरन , कॉपर , विटामिन बी सिक्स , विटामिन b1, विटामिन B3 , मैग्नीशियम , मैगनीज और जिंक होता है तिल आपको डायबिटीज और अर्थराइटिस से बचाते हैं कोलेस्ट्रॉल और ट्रग्लीसराइडस को घटाते हैं ब्लड प्रेशर को कम करते हैं हड्डियां मजबूत बनाते हैं शरीर में सूजन को कम करते हैं पाचन को सुधारते हैं शरीर में नई कोशिकाओं को बनने में सहायता करते हैं तिल ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं.इम्यूनशिष्टम को ताकतवर बनाते हैं गठिया की वजह से होने वाली जोड़ों की दर्द को ठीक करते हैं , थायरायड के लिए अच्छे होते हैं महिलाओं में जब मोनोपॉज आता है यानी जब पीरियड आने हमेशा के लिए बंद हो जाते हैं तो उस समय शरीर में बिगड़े हुए हार्मोंस के लेवल्स को तिल ठीक करते हैं. 

अजमायन – 9 ग्राम अजमायन में 115 ग्राम कैल्शियम होता है , कैल्शियम के अलावा अजमायन में प्रोटीन , फायवर , जिंक , मैगनीज , मैग्नीशियम , आयरन एवं फास्फोरस होता है अजमायन ब्रोंकाइटिस को ठीक करने के लिए , त्वचा की समस्याओं को ठीक करने के लिए , और जुखाम को ठीक करने के लिए बहुत अच्छी होती है अजवाइन हड्डियां मजबूत करती है , हड्डियों की बोन मिनिरल डेंसिटी को बढ़ाती है , कार्टिलेज को बनाने में सहायता करती है , शरीर में रेड ब्लड सेल की संख्या को बढ़ाती है और खून की कमी को दूर करती है , अजमायन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करती है , शरीर में वैक्टीरिया को मारती है और शरीर की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाती है.

चिया के बीज  – इसमें 9 ग्राम चिया सीड्स में 60 mg कैल्शियम होता है चिया शब्द का मतलब होता है ताकत. चिया के बीज में कैल्शियम के अलावा फाइबर , ओमेगा 3 , फैटी एसिड , हाई क्वालिटी प्रोटीन , मिनरल्स , एंटीऑक्सीडेंट , मैंगनीज , फास्फोरस , कॉपर , सेलेनियम , आयरन , मैग्नीशियम , क्लोरो  जैनिक एसिड होता है चिया के बीज पाचन तंत्र के लिए , हार्ट हेल्थ के लिए , डायबिटीज के लिए , आंतों की सेहत के लिए , शरीर में सूजन को रोकने के लिए और कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत अच्छे होते हैं. चिया के बीज हड्डियाँ मजबूत बनाते हैं शरीर की कोशिकाओं की रिपेयर करते हैं खून की कमी को दूर करते हैं ब्लड प्रेशर को कम करते हैं शरीर में सूजन को कम करते हैं और कब्ज को ठीक करते हैं. 

दाले फलियाँ और बीन्स – सभी तरह की दालों में सभी तरह की फलियों में और सभी तरह के बीन्स में अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है यह मात्रा 15 mg से लेकर 300 mg तक हो सकती है कुछ उदाहरण मैं आपको दे रहा हूँ –  100 ग्राम सफेद चना 105 mg कैल्शियम 

100 ग्राम हरी फलियाँ 37 mg कैल्शियम 

100 ग्राम हरे मटर 25 mg कैल्शियम 

100 ग्राम राजमा 143 mg कैल्शियम 

100 ग्राम मूंग की दाल 132 mg कैल्शियम 

100 ग्राम सोयाबीन की दाल 277 mg कैल्शियम 

100 ग्राम लाल मसूर की दाल 41 mg कैल्शियम 

100 ग्राम अरहर की दाल 130 mg कैल्शियम 

कैल्शियम के अलावा इनमें फायवर , प्रोटीन बहुत सारे माइक्रोन्यूटेरीयन्ट्स , आयरन , जिंक , फालेट , मैग्नीशियम , मैगनीज , पोटेशियम , विटामिन सी , विटामिन B1 , विटामिन B2 , कॉपर , विटामिन के और आंटीओक्सिडेंट होते हैं दाले , फलियाँ और बीन्स खाने से शरीर में बुरे कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम होती है और अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ती है LDL Cholesterol की मात्रा कम होती है , और Triglycerides की मात्रा कम होती है यह सभी बुरे कोलेस्ट्रोल हैं , इन्हें खाने से HDL जो कि एक अच्छा Cholesterol है इसकी मात्रा बढ़ती है. दाले फलियाँ और बीन्स खाने से दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता है , ब्लड प्रेशर कम होता है , कैंसर होने का खतरा कम होता है खासकर Breast Cancer , Stomach Cancer और दूसरे Gastrointestinal Cancer होने का खतरा कम होता है  इन्हें खाने से Type 2 डायवीटिज होने का खतरा कम होता है शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम होता है , राजमा चावल खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल सिर्फ अकेले चावल खाने की तुलना में कम बढ़ता है क्योंकि राजमा ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकतें हैं.

दालें फलियाँ और बीन्स खाने से आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा में वृद्धि होती है , आँतों की कार्यप्रणाली में सुधार होता है , वजन कम होता है , और हड्डियाँ मजबूत बनती हैं. 

चीज और पनीर – अलग – अलग किस्म के चीज में अलग – अलग मात्रा में कैल्शियम होता है इसमें 28 ग्राम चीज में 52 mg से लेकर 331 mg तक कैल्शियम होता है यह निर्भर करेगा कि चीज किस प्रकार का है दुनिया भर में लगभग तीन सौ अलग – अलग किस्म का चीज तैयार किया जाता है ज्यादातर चीज में 200 mg के आसपास कैल्शियम होता है. दूध और दूध से बनी हुई चीजों में जो कैल्शियम होता है उससे हमारा शरीर पौधों से मिलने वाले कैल्शियम की तुलना में ज्यादा आसानी से हजम करता है कैल्शियम के अलावा चीज में हाई – क्वालिटी प्रोटीन , सोडियम , पोटेशियम , विटामिन ए , विटामिन बी 12 , विटामिन डी , फालेट , आयरन , मैग्नीशियम , फास्फोरस , थाइमिन और रिवोफ्लेमिन होता है. चीज मांसपेशियों को मजबूत बनाता है , हड्डियों को मजबूत बनाता है , दांतों को मजबूत बनाता है , आँतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है , पुरानी कोशिकाओं की रिपेयर करता है और नई कोशिकाओं को बनाने में सहायता करता है. 

पनीर – 100 ग्राम पनीर में 90 mg के आसपास कैल्शियम होता है कैल्शियम के अलावा पनीर में प्रोटीन , विटामिन बी 12 , विटामिन बी 1 , विटामिन बी 3 , विटामिन बी 6 , विटामिन ए , सोडियम , पोटेशियम , मैग्नीशियम , फास्फोरस , सिलेनियम , रिवोफ्लेमिन , फोलेट , आयरन ,जिंक और कापर होता है पनीर ऑस्टोपोरोसिस की बीमारी से बचाता है , ब्लड प्रेशर को नार्मल करता है , प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करता है , बच्चों को चुस्त और तन्दुरस्त बनाता है , वजन कम करता है. पनीर डाय वीटिज के लिए , दिमाग के लिए , DNA के लिए , इम्म्युन सिस्टम के लिए , खिलाड़ियों के लिए , गर्भवती औरतों के लिए और पाचन तन्त्र के लिए बहुत अच्छा होता है.

दही – दही में बहुत अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है 100 ग्राम दही में लगभग 180 mg कैल्शियम होता है , दही में पनीर से दो गुना कैल्शियम होता है अगर आप एक दिन में आधा किलो दही खाते हैं तो आपको एक दिन में 900 mg कैल्शियम मिल जाता है जो कि आपकी एक दिन की कैल्शियम की जरूरत को लगभग पूरा करता है क्योंकि एक आम व्यक्ति को एक दिन में लगभग 1000 mg कैल्शियम की जरूरत होती है कैल्शियम के अलावा दही में प्रोटीन , फास्फोरस , सोडियम , रिवोफ्लेमिन , नियासिन , फोलिक एसिड , विटामिन ए , विटामिन बी 12 , मैग्नीशियम और पोटेशियम होता हैं दही दिल की बीमारी होने के खतरे को कम करता है और ऑस्टेप्रोसिस होने के खतरे को कम करता है दही वजन कम करता है , नवजात बच्चों में गर्भ में पैदा होने वाली बीमारियों को रोकता है , ब्लड प्रेशर को नार्मल करता है , पाचन को तेज करता है और रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है.

बादाम – सभी तरह के नेट्स में से बादाम में सबसे ज्यादा कैल्शियम होता है 100 ग्राम बादाम में लगभग 264 mg कैल्शियम होता है , कैल्शियम के अलावा वादाम में हैल्दी फैट्स , ऐंटीओक्सीडेंट , मिनरल्स , फायवर , प्रोटीन , विटामिन ई , मैगनीज , मैग्नीशियम कॉपर , विटामिन बी 2 तथा फास्फोरस होता है.  बादाम के छिलके में एक बहुत ही ज्यादा पॉवरफुल एंटीऔक्सीडेंट होता है जो शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है जिससे बुढ़ापा जल्दी नहीं आता और बीमारियों से रक्षा करता है. इसलिए बादाम के छिलके के समेत ही खाना चाहिए छिलका उतार कर नही खाना चाहिए.

बादाम में विटामिन ई सबसे ज्यादा होता है , विटामिन ई हार्ट डिसीज कैंसर और ऐल्जीमर डिसीज से बचाता है. बादाम डायवीटिज को कम करता है , ब्लड प्रेशर को कम करता है , कोलेस्ट्रोल को कम करता है और वजन घटाने में सहायता करता है.

हरी सब्जियां और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – पालक , मेथी , धनिया , सरसों का साग , दूसरे प्रकार के साग , मूली के पत्ते , बथुआ , भिन्डी और दूसरी सभी तरह की हरी पत्तेदार सब्जियां या हरी सब्जियां. हरी पत्तेदार सब्जियों में अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है. उदाहरण के लिए –

100 ग्राम सरसों के साग में 115 mg कैल्शियम होता है , 100 ग्राम शलगम के पत्तों में 137 mg कैल्शियम होता है , 100 ग्राम चुकन्दर के पत्तों में 114 mg कैल्शियम होता है , 100 ग्राम भिन्डी में 77 mg कैल्शियम होता है , 100 ग्राम ब्रोकली में 40 mg कैल्शियम होता है , 100 ग्राम हरी फलियों में 44 mg कैल्शियम होता है , और 100 ग्राम पालक में 136 mg कैल्शियम होता है. 

लेकिन पालक से मिलने वाले कैल्शियम को हमारा शरीर पूरी मात्रा में हजम नहीं कर पाता है क्योंकि पालक में एक पदार्थ होता है जिसका नाम है औक्जालेत्स. यह पदार्थ पालक में मौजूद कैल्शियम को शरीर के द्वारा हजम होने से रोकता है इसलिए भले ही पालक में कैल्शियम ज्यादा है लेकिन हमारे शरीर को पालक में मौजूद पूरा कैल्शियम नहीं मिलता , लेकिन फिर भी पालक से हमें कुछ न कुछ कैल्शियम तो मिलता ही है , लेकिन बाकी सब्जियों के साथ ऐसा नही है बाकी हरे पत्तेदार सब्जियों जैसे साग में मौजूद पूरे कैल्शियम को हमारा शरीर पूरी मात्रा में प्राप्त कर पाता है कैल्शियम के अलावा हरी पत्तेदार सब्जियों में मिनरल्स , बीमारियों से लड़ने वाले कैमिकल्स , फायवर , विटामिन सी , ल्यूटीन , जिकजैनथिंग , बेटा कैरोटीन , फालेट और विटामिन ई होता है हरी पत्तेदार सब्जियां पाचन को बढ़ाती हैं वजन कम करती हैं ब्लड शुगर लेवल को घटा दी हैं बालों को सुंदर बनाती हैं त्वचा को सुंदर बनाती हैं हड्डियां मजबूत बनाती हैं दांत मजबूत बनाती हैं अर्थराइटिस के खतरे को कम करती हैं हड्डियों के टूटने के खतरे को कम करती हैं और मांसपेशियों को कमजोर होने से रोकती है हरी पत्तेदार सब्जियां शरीर की कोशिकाओं की रिपेयर करती है. हार्ट डिसीज से बचाती हैं याददाश्त  कम होने से रोकती है डिप्रेशन को ठीक करती हैं और त्वचा के ऊपर झुर्रियां पड़ने से रोकती है.

सोया पनीर – जिसे टोफू कहा जाता है सोया पनीर सोयाबीन से तैयार किया जाता है सोया पनीर में बहुत अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है 100 ग्राम सोया पनीर में 350 mg कैल्शियम होता है , कैल्शियम के अलावा सोया पनीर में अमीनो एसिड , आयरन , बहुत सारे माइक्रो – न्यूतिर्रेंट्स , नाइन एस्सेनशियल अमीनो एसिड्स , मैगनीज , सेलेनियम , फास्फोरस , मैग्नीशियम , जिंक , कॉपर , विटामिन बी 1 , प्रोटीन , पोटेशियम , फोलेट , रीवोफ्लेविन , नियासीन , विटामिन बी 6 और कोलाइन होता है. सोया पनीर बुरे एल डी एल कोलेस्ट्रोल को कम करता है , हार्ट डिसीज से बचाता है , मोटापा कम करता है , डायविटीज में लाभकारी होता है , बालों और त्वचा के लिए अच्छा होता है , शरीर में एनर्जी लेवल्स को बढ़ाता है , किडनी की काम करने की शक्ति को बढ़ाता है , लीवर को खराब होने से बचाता है , माइग्रेन सिर दर्द से बचाव करता है सोया पनीर कैंसर को रोकता है , खासकर ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर को , हड्डियाँ मजबूत बनाता है मिनोपाउस के बाद होने वाले नुकसान को कम करता है , सोया पनीर उम्र की वजह से होने वाली दिमाग की बीमारियों से रक्षा करता है. 

दूध – दूध में भी बहुत अच्छी मात्रा में कैल्शियम होता है 100 ग्राम दूध में लगभग 115 mg कैल्शियम होता है , अगर आप एक दिन में आधा किलो दूध पीते हैं तो आप की एक दिन की कैल्शियम की जरूरत लगभग 70 परसेंट पूरी हो जाती है. कैल्शियम के अलावा दूध में प्रोटीन , विटामिन ए , पोटेशियम , कोलाइन , सोडियम , मैग्नीशियम , विटामिन बी 12 , रिवोफ्लेविन और फास्फोरस होता है. दूध ओस्टोप्रोसिस से बचाता है , ब्लड प्रेशर को घटाता है , हार्ट डिसीज के खतरे को कम करता है , कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को कम करता है  , डिप्रेशन को कम करता है , पाचन को बढ़ाता है , अच्छी नींद लाने में सहायता करता है और थकान को दूर करता है. दूध मांसपेशियों को मजबूत बनाता है , घुटने के अर्थराइटिस को बढ़ने से रोकता है , जख्मों को जल्दी भरने में सहायता करता है , हार्ट बीट को नार्मल करता है दिमाग को तेज करता है , याददाश्त को बढ़ाता है , दूध नसों को सिग्नल भेजने में सहायता करता है , फैट को पचाने में सहायता करता है , शरीर में सूजन को कम करता है तथा गुर्दे में पथरी होने से रोकता है.