Shilajit ke Kya Fayde Hain|कार्य, प्रभाव तथा हानि|पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Shilajit ke kya fayde hain के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं शिलाजीत संपूर्ण सेहत में सुधार लाता है, जिस कारण आयुर्वेद में इसे रसायन (शक्तिवर्ध्दक) कहा गया है।

शिलाजीत का अर्थ ही है ‘पहाड़ों को जीतने वाला तथा कमजोरी दूर करने वाला’। शिलाजीत एक दुर्लभ पदार्थ है जो हजारों वर्षों से हिमालय तथा भारतीय उपमहाद्वीप की हिन्दूकुश पर्वतमाला में पाया जाता है। शिलाजीत संपूर्ण सेहत में सुधार लाता है, जिस कारण आयुर्वेद में इसे रसायन (शक्तिवर्ध्दक) कहा गया है।

आयुर्वेद के मुताबिक शिलाजीत पत्थर द्वारा उत्पन्न होता है। जब गर्मी के मौसम में पर्वत की चट्टानों के धातु अंश सूर्य की तेज गर्मी से पिघल कर रिसने लगते हैं तो यही पदार्थ शिलाजीत कहलाता है। यह तारकोल की तरह काला और गाढ़ा दिखता है तथा सूखने पर बिल्कुल चमकीला हो जाता है। शिलाजीत के सूखने के बाद उसमें से गौमूत्र जैसी गंध आने लगती है।

शिलाजीत बाजार में उपलब्ध काले से भूरे रंग का पाउडर है और यह स्वाभाविक रूप से चिपचिपा टार या राल जैसे पदार्थ में होता है और बहुत दिलचस्प बात यह है कि यह न तो जानवर है और न ही पौधे की उत्पत्ति। शिलाजीत सदियों से एक आयुर्वेदिक दवा (कायाकल्प) के रूप में जाना जाता है और एक एंटी-एजिंग यौगिक के रूप में उपयोग किया जाता है।

इसे आयुर्वेद और सिद्ध में ‘रसायन’ भी कहा जाता है। प्राचीन ग्रंथों में, यह उल्लेख किया गया है कि गर्मी के मौसम में पहाड़ सूर्य की किरणों (इन्फ्रारेड किरणों) के सीधे संपर्क में आने के कारण गर्म हो जाते हैं जो बदले में पहाड़ की बाहरी परत को पिघला देता है। इससे काली राल जैसे अर्ध-ठोस पदार्थ निकलते हैं और रॉक एक्सयूडेट को सुखाने के बाद, उन्हें सूखे पाउडर (शिलाजीत पाउडर) में संसाधित किया जाता है।

एक कहानी यह भी है कि लाखों साल पहले गहरे जंगल में मामले बड़े पैमाने पर चट्टानों के बीच बहुत लंबे समय तक दब गए और इसके परिणामस्वरूप टार जैसे अर्ध-ठोस पदार्थ बन गए। ये सामग्रियां बड़ी चट्टानों से दरारों के माध्यम से बाहर निकल जाती हैं जब वे गर्मियों के दौरान गर्म हो जाती हैं।

Shilajit Benefits- शिलाजीत के फायदे हिंदी

हृदय को स्वस्थ बनाये – ऐसा कहा जाता है कि शिलाजीत हृदय को स्वस्थ बनाता है। यह दिल में खून के दौरों को सुधारता है तथा स्वस्थ तरीके से रक्त को पंप करने में भी लाभकारी होता है. 

डायबिटीज में असरदार  – माना जाता है कि जिस व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या होती है शिलाजीत उसके लिए भी बहुत ही लाभकारी है। डायबिटीज की समस्या को पूरी तरह से ठीक करने के लिए एक चम्मच शहद और एक चम्मच त्रिफला चूर्ण के साथ दो रत्ती शिलाजीत मिलाकर खाना चाहिए.

शरीर की ऊर्जा बढ़ाने में काफी असरदार  – डॉक्टरो का मानना है कि शिलाजीत का सेवन करने वाले व्यक्ति हमेशा तरोताजा महसूस करते हैं और इनमें जल्दी से ठीक होने की क्षमता भी होती है। व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा पैदा करने में सुधार लाने के लिए यह सेलुलर स्तर पर अपना कार्य करता है।

कैंसर की बीमारी को जड़ से मिटाना  – यह भी कहा गया है कि शिलाजीत कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी शरीर की रक्षा करने में बहुत ही सक्षम है। यह अलग-अलग प्रकार के कैंसर के लिए विषाक्त माना गया है, जिनमें आम तौर पर फेफड़े, स्तन, कोलन, डिंबग्रंथि तथा यकृत कैंसर आते हैं।

स्वप्नदोष की समस्या को मिटाना – माना गया है कि जिस व्यक्ति को स्वप्नदोष की समस्या हो, उसे शुद्ध शिलाजीत के साथ लौहभस्म, अम्बर, केसर मिलाकर इसका सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को स्वप्नदोष में बहुत ही फायदा मिलेगा। 

How shilajit works-

शिलाजीत को दूध में मिलाकर लेने से यह काफी फलदायक होता है क्योंकि दूध में कई सारे विटामिन , प्रोटीन , वसा और कार्वोहाईड्रेट पाया जाता है. जिससे कई खतरनाक जैसी बीमारी को दूर भगाता है.

Shilajit Side Effects- side effects of shilajit इसमें शिलाजीत के साइड इफेक्ट्स या नुकसान बताने हैं 

लोगों का मानना है कि शिलाजीत बहुत गर्म होती है इसलिए जिस व्यक्ति में पहले से ही गर्मी बढ़ी हुई हो तो उसे शिलाजीत का प्रयोग कभी नही करना चाहिए इससे बढ़िया तो किसी अन्य औषधि का इस्तेमाल करना चाहिए।

ऐसा माना जाता है कि शिलाजीत से ब्लड प्रेशर कम होता है। यह हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं पर चल रहे मरीजों के लिए खतरनाक साबित होता है।

डॉक्टरों का मानना है कि दिल के मरीजों या हाइपरटेंशन के इतिहास वाले व्यक्ति को ब्लडप्रेशर गिरने से बचने के लिए शिलाजीत का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।

विशेषज्ञों की राय के अनुसार शिलाजीत का प्रयोग करने के पश्चात् आपको मिर्च-मसाले, मांस, मछली, खटाई, अंडे, शराब, रात में देर तक जागना, दिन में सोना आदि से परहेज करना होगा।

वैज्ञानिकों की खोजों से यह बात सामने आई है कि शिलाजीत को लंबे समय तक आहार सप्लीमेंट के तौर पर लेना तब तक ही आरामदायक है, जब तक कि उसके संभावित नुकसान ना दिखाई पड़ें।

How to take shilajit शिलाजीत कैसे खाना है.

डॉक्टरों का कहना है कि कभी भी जब आप शिलाजीत लेना शुरू करें तो इसकी शुरुआत आप कम मात्रा में ही लें. शुरुआत में आप 100 मिलीग्राम शिलाजीत को पानी के साथ लें सकते हैं. तत्पश्चात धीरे-धीरे खुराक बढ़ाकर मटर के दाने हो सकें जितना लेना शुरू कर दें, या फिर आपको जितनी शिलाजीत की परम आवश्यकता हो उस हिसाब से आप ले सकते हैं।

पतंजलि शिलाजीत रसायन वटी-

विशेषज्ञों की राय के अनुसार पतंजलि शिलाजीत रसायन वटी एक आयुर्वेदिक दवा है जो कि पुरुषों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है. शिलाजीत रसायन वटी लड़कों और मर्दों कि सेक्स पावर को बढ़ाती है और शरीर की नसों को तन्दुरस्त करने का कार्य करती है. दिव्य शिलाजीत रसायन वटी का नियमित सेवन करने से पुरुषों को मर्दाना शक्ति बढ़ाने के अलावा बहुत से लाभ मिलते हैं जैसे कि थकावट, शारीरिक दुर्बलता, सेक्स करने की इच्छा में कमी, शरीर में दर्द, जोड़ों का दर्द, हल्का सा काम करने पर सांस फूलना यानी कि शरीर के स्टैमिना में कमी होना आदि. अजीत रसायन वटी का कुछ दिनों तक इस्तेमाल करने के बाद पुरुषों के वीर्य में वृद्धि होती है इसके अलावा आंखों से जुड़ी गुप्त समस्याएं जैसे कि लिंग में तनाव की कमी होना जैसे कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के नाम से जाना जाता है. नपुंसकता या नामर्दी. शीघ्रपतन और स्वपनदोष जैसी समस्याओं में भी काफी लाभ मिलता है कुछ मर्दों में तो ऐसी समस्याएं पूरी तरह जड़ से खत्म हो जाती है.

shilajit for womens-

डॉक्टरों का मानना है कि शिलाजीत मासिक धर्म को नियमित करने और मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन को कम करने के लिए महिला प्रजनन समारोह के स्तर को सामान्य करने में मदद करता है। चूँकि इसमें कायाकल्प गुण होते हैं इसलिए यह शरीर के ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के पूरक के रूप में कार्य करता है। महिला प्रजनन क्षमता एक महिला की एक बच्चे को गर्भ धारण करने की क्षमता है। शिलाजीत का इस्तेमाल भारत में सदियों से जोड़ों और बांझ महिलाओं की मदद के लिए किया जाता रहा है।

शिलाजीत कैप्सूल-

डॉक्टरों का मानना है कि शिलाजीत एक प्राचीन हर्बल है जिसमें 85 खनिज तत्व होते है जो मानव शरीर को बेहतर बनाने के लिए जरुरी होते है. फुलविक एसिड, खनिज और तत्व शरीर को शक्ति प्रदान करता है. 

शिलाजीत कैप्सूल में कई सक्रिय घटक पाए जाते हैं जैसे – 

800 mg कार्बनिक शिलाजीत

40% फुल्विक एसिड

खनिज, जस्ता, मैग्नीज, फास्फोरस, कैल्शियम, कार्बोक्जिलिक एसिड आदि. 

शिलाजीत का प्रयोग करते समय सावधानियां

हालांकि शिलाजीत के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन स्तनपान पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के शिलाजीत की खुराक से बचना बहुत महत्वपूर्ण है।

शिलाजीत का नियमित सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली को अधिक सक्रिय बनाता है इसलिए इसे उचित चिकित्सकीय देखरेख में लेना चाहिए जब व्यक्ति संधिशोथ और स्केलेरोसिस जैसे विकारों से पीड़ित हो।

सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित रोगी को शिलाजीत की खुराक लेने की सलाह नहीं दी जाती है।मधुमेह विरोधी दवाओं और शिलाजीत की खुराक के संयोजन से मधुमेह से पीड़ित रोगी को दर्द होता है इसलिए इसे उचित चिकित्सकीय देखरेख में लेना चाहिए।