SI Full Form In Hindi What Is SI In Police

SI Full Form In Hindi | What Is SI In Police

Full Form in Hindi

मित्रों SI की फुल फॉर्म Sub-Inspector होती है. ऐसी ही अन्य Full Forms in Hindi जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट hellozindgi.com से जुड़े रहिये. तो आइये दोस्तों जानते हैं कि Full Form of SI in Hindi क्या होती है. दोस्तों अगर आप के मन में भी ये शंका है कि SI ka full form kya hai तो आप ठीक जगह पे हैं.  देखते हैं SI ka full form Hindi Mai.

SI का full form

आपको बता दें कि SI का full form Sub Inspector होता है। हिंदी में SI का फुल फॉर्म उप निरीक्षक होता है। … जो एक सब-इंस्पेक्टर एक सहायक पुलिस उप-निरीक्षक (ASI) से ऊपर एवं एक इंस्पेक्टर के नीचे (जो आमतौर पर पुलिस थानों के एक समूह की निगरानी करता है) रैंक करता है।

दरअसल SI की शक्तियों के बारे में कोई विशेष प्रावधान भी नहीं हैं।  कानून के अनुसार सभी पुलिस अधिकारियों (यहां तक ​​कि एक कांस्टेबल को कानूनी रूप से पुलिस अधिकारी कहा जाता है) के पास विभिन्न प्रचलित कानूनों के तहत समान जिम्मेदारी एवं भरपूर शक्तियां भी होती हैं, कुछ अपवादों के साथ, जिनमें कुछ शक्तियां विशेष रूप से उच्च रैंक के अधिकारियों द्वारा निष्पादित भी अच्छी तरह से की जाती हैं। 

बता दें कि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखना तथा अपराध की रोकथाम पुलिस का मुख्य कर्तव्य / जिम्मेदारी होती है।  SHO वह अधिकारी होता है जिसके पास पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने और इसकी जांच करने के लिए संज्ञेय अपराध दर्ज करने की बहुत बड़ी शक्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर सबसे महत्वपूर्ण रैंक का अधिकारी होता है,  ग्रामीण पुलिस स्टेशन एवं छोटे पुलिस स्टेशन को आमतौर पर पुलिस-सब इंस्पेक्टर (PSI) का प्रभार दिया जाता है।  मध्य स्तर एवं भारी पुलिस स्टेशनों का प्रबंधन पुलिस निरीक्षक रैंक के अधिकारियों द्वारा ही किया जाता है।  पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को आधिकारिक तौर पर SHO (स्टेशन हाउस अधिकारी) के रूप में भी जाना जाता है 

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SI बनने के लिए आवश्यक योग्यता

  • यदि आप SI बनना चाहते है तो इसके लिए आपको कुछ आवश्यक योग्यता को पूर्ण करना बहुत अनिवार्य है तभी आप पुलिस सब इसंपेक्टर के पद पर नौकरी प्राप्त कर सकते हैं व अपना पुलिस अधिकारी बनने का सपना भी अवश्य पूर्ण कर सकते हैं.
  • आपको बता दें कि इस पद के लिए आवेदन करने के लिए आपका ग्रेजुएशन उत्तीर्ण होना बहुत ही अनिवार्य है.
  • दरअसल इस पद पर आप कम से कम 18 वर्ष से 28 वर्ष तक के ही आवेदन कर सकते हैं एवं ST/SC OBC को नियमानुसार उम्र में छूट भी अवश्य दी जाती है.
  • बता दें कि इस पद पर नौकरी प्राप्त करने के लिए आप शारीरिक रूप से स्वास्थ्य एवं फिट होना बहुत ही आवश्यक है.
  • जब सब इंस्पेक्टर की पोस्ट पर विज्ञप्ति आती है तो उसमे आपको आवेदन करना बहुत ही ज़रूरी होता है.
  • उसके पश्चात आपकी प्रारंभिक परीक्षा भी ली जाती है.
  • इसके पश्चात आपकी मुख्य परीक्षा होगी एवं इसके बाद फिजिकल टेस्ट भी लिया जाता है.
  • फिजिकल होने के पश्चात आपको इंटरव्यू के लिया बुलाया जाता है फिर उसके बाद डॉक्यूमेंट सत्यापन भी किया जाता है.
  • इसके पश्चात आपको सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग पर भी भेजा जाता है.

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तो इस प्रकार से आप एक SI बन सकते हैं पर यह एक अधिकारी लेवल की नौकरी भी होती है इसलिए इस परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए आपको बहुत ही बढ़िया तरीके से तैयारी भी करनी होती है तभी आप इस पद पर नौकरी प्राप्त कर  सकते हैं एवं अपना सपना भी पूर्ण कर सकते हैं.

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SI कैसे बने

  • आपको बता दें कि उम्मीदवार को भारत में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या शैक्षणिक बोर्ड से स्नातक होना बहुत ज़रूरी होता है । स्नातक उम्मीदवारों को स्टाफ चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाली एसआई परीक्षा में उपस्थित होना एवं उसे पास भी करना बहुत अनिवार्य होता है।
  • ध्यान दें कि उम्मीदवारों को पहले शारीरिक परीक्षण को पास करना अवश्य होता है, उसके पश्चात वे लिखित परीक्षा के लिए बहुत ही योग्य हो जाते हैं तथा लिखित परीक्षा को पास करने के पश्चात साक्षात्कार में उपस्थित भी होते हैं तथा मेडिकल परीक्षा से गुजरना भी पड़ता है।
  • दरअसल उप-निरीक्षक अपने नियत क्षेत्र में अनुशासन एवं सद्भाव बनाए रखने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • आपको यह भी बता दें कि पांच या अधिक लोगों की किसी भी अवैध सभा को तितर-बितर करने के लिए जिससे सार्वजनिक अशांति भी हो सकती है।
  • दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 एवं 42 के तहत गिरफ्तारी करने के लिए होता है।
  • मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना, किसी भी संज्ञेय अपराध की जांच करने के लिए एवं धारा 154, 156, 41 (1 ए) सीआरपीसी के तहत संज्ञेय अपराध में शामिल मनुष्य को गिरफ्तार करने के लिए भी होता है।
  • आपको बता दें कि संज्ञेय अपराध की जांच के दौरान, किसी संपत्ति या निवास की खोज करने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 165 का इस्तेमाल करने के लिए होता है।

दरअसल सीआरपीसी की धारा 149 एवं 151 के तहत पी.सी., किसी भी संज्ञेय अपराध के निष्पादन को रोकने और उससे जुड़े किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की शक्ति भी प्रदान की जाती है।

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सामान्य कर्तव्य

दरअसल हमने कुछ सामान्य कर्तव्यों को नीचे सूचीबद्ध भी किया है, जब एक उप-निरीक्षक अधिकारी को किसी भी क्षेत्र का प्रभारी होने पर प्रदर्शन करने की बहुत ही आवश्यकता होती है।

  • यह जाँचने के लिए कि उसके अधीनस्थ अपना काम कर रहे हैं एवं प्रभावी ढंग से प्रबंधित भी किए जा रहे हैं।
  • आपको बता दें कि शांति बनाए रखना एवं आपराधिक गतिविधियों को रोकना तथा उनका पता लगाना.
  • दरअसल उसके आदेश के तहत पुलिस स्टेशन में रिकॉर्ड एवं पंजीकरण का ट्रैक भी अच्छी तरह से रखना।
  • आपको बता दें कि लोक कल्याण से संबंधित सभी मामलों पर इनपुट एकत्र करना एवं संप्रेषित भी करना।

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