SOG Full Form | एसओजी का इतिहास तथा कार्य  |पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में SOG Full Form in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं SOG की Hindi में Full Form  क्या होती है।

SOG (एसओजी) का फुल फार्म –

ध्यान रहे कि SOG (एसओजी) का फुल फार्म “Special Operations Group (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप)” होता है | हिंदी में इसे विशेष ऑपरेशन समूह कहते हैं | एसओजी टीम को गठित करनें का मुख्य उद्देश्य राज्य में बढ़ते हुए अपराधों पर अंकुश लगाना होता है |

एसओजी (SOG) क्या है – 

बता दें कि देश में बढ़ती हुई आपराधिक घटनाओं को जड़ से समाप्त करने के लिए सरकार के द्वारा समय-समय पर क्राइम ब्रांच, एंटी गुंडा, स्वाट टीम सहित पुलिस विभाग की कई टीमें गठित की गयी हैं | इसके आलावा बड़े से बड़े अपराधों के खुलासे करने तथा उनसे निपटने के लिए प्रत्येक राज्य सरकार के द्वारा एसओजी का गठन किया गया है | दरअसल एसओजी टीम में कुछ ऐसे तेज-तर्रार पुलिस कर्मियों को शामिल किया जाता है, जो अपराधियों से हर तरीके से निपटनें में पूरी तरह से सक्षम होते हैं |

एसओजी टीम के कार्य –

  • बता दें कि एसओजी टीम का मुख्य काम अनसुलझे मामलों को सुलझाना आदि|
  • कोई भी बड़ी घटना होनें पर खूफिया तरीके से अपराधियों को पूरी जानकारी के साथ प्राप्त करना एवं उन्हें गिरफ्तार भी करना |
  • ऐसा कहा जता है कि प्रदेश में निर्वाचन के दौरान संवेदनशील क्षेत्रों में सादी वर्दी में दौरा करना एवं आपराधिक तत्वों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान भी रखना |
  • जेल से छूटकर आने वाले आपराधियों पर पूरी तरह से नजर रखना एवं उनके बारे में सभी प्रकार की जानकारी भी रखना |
  • अपनें कार्य क्षेत्र के अंतर्गत होनें वाले गैर कानूनी कार्यों एवं उनका संरक्षण देने वाले मनुष्य के बारें में जानकारी अवश्य प्राप्त करना एवं रणनीति बनाकर उन्हें गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही भी अवश्य करना.

एसओजी का क्या मतलब होता है – 

दरअसल शासन के निर्देशानुसार राज्य में होनें वाले गंभीर अपराधों को अंजाम देने एवं आपराधिक गतिविधियों में लिप्त अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य के अंतर्गत जिले स्तर पर एक स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) टीम का गठन पूर्ण रूप से किया जाता है। इस टीम का नेतृत्व कुछ विशेष अधिकारियों जैसे थाना प्रभारी, कोतवाल, सीओ आदि के द्वारा ही किया जाता है |

यह टीम किसी प्रकार की घटना गठित होनें पर तत्काल रूप से पूरी तरह सक्रिय हो जाती है | इस टीम का मुख्य काम फरार अपराधियों एवं माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करना होता है | इस एसओजी टीम शामिल पुलिस कर्मी एवं अधिकारीगण सादी वर्दी में लोगो के मध्य मिलकर अपराधियों को पकड़ते रहते हैं | आपको यह भी बता दें, कि प्रदेश में बड़े से बड़े अपराधों के खुलासे करने में इस टीम का विशेष योगदान बना रहता है |

एसओजी का इतिहास (History Of SOG)-

बता दें कि एसओजी का गठन शासन के निर्देश पर वर्ष 2013 में अवश्य किया गया था, जिसका उद्देश्य प्रदेश में होनें वाले ऐसे अपराध जो एक पहेली बन चुके हैं, उन्हें सुलझानें के लिए किया गया था | एसओजी टीम का इंचार्ज जिले स्तर पर सब इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस कर्मी को बनाया जाता है | हालाँकि राज्य के विभिन्न जिलों से भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद सन 2013 में तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था ने इसे पूरी तरह भंग कर दिया था और इसके स्थान पर क्राइम ब्रांच के गठन का आदेश भी दिया गया था |

क्राइम ब्रांच के नेतृत्व के लिए छोटे जिलों में पुलिस उपाधीक्षक (SI) एवं बड़े जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) स्तर के अधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी थी। इसके साथ ही क्राइम ब्रांच को तीन भागों में अपराध शाखा, अभिसूचना शाखा एवं आपरेशन शाखा में विभाजित भी किया गया था |  इस टीम का मुख्य काम अनसुलझी घटनाओं का खुलासा करना और अपराधियों को पकड़ना होता है|

हालाँकि शासन स्तर से एसओजी को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, लेकिन थानें स्तर पर यह आज भी सक्रिय है एवं यह टीम थानेदारों के नेतृत्व में अपना काम किया करती है |  वर्तमान समय में  एसओजी टीम थाना स्तर पर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है | इस टीम में लगभग 4 से 5 पुलिसकर्मी शामिल अवश्य होते रहते हैं |

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.