Uranus in hindi Astrology | अरुण ग्रह के कुछ रोचक तथ्य

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Uranus आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Uranus in Hindi Astrology के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं यहाँ सूर्योदय पश्चिम की ओर एवं सूर्यास्त पूरब की ओर होता है।

अरुण या यूरेनस क्या है – 

आपको यह बता दूँ कि अरुण या यूरेनस हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह माना गया है। व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा एवं द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह भी है। यहाँ सूर्योदय पश्चिम की ओर एवं सूर्यास्त पूरब की ओर होता है। इसके चारों ओर नौ वलयों में पाँच वलयों का नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा तथा इप्सिलॉन है। इसमें घना वायुमंडल भी पाया जाता है जिसमे मुख्य रूप से हाइड्रोजन एवं अन्य गैसें भी उपलब्ध हैं। अरुण ग्रह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ-सा दिखलाई पड़ता है। इसीलिए इसे “लेटा हुआ ग्रह” भी कहा जाता है। इसके सभी उपग्रह भी पृथ्वी की विपरीत दिशा में परिभ्रमण भी किया करते हैं।

इतिहास – 

बता दें कि अरुण ग्रह (Uranus) का नाम ग्रीक देवता के नाम पर ही रखा गया है। यह माना जाता है कि यूरेनस शनि के पिता थे। अरुण गृह की तलाश सन 1781 ई. में विलियम हर्सेल द्वारा अवश्य की गई थी। अभी तक केवल एक अंतरिक्ष यान ही युरेनस ग्रह पर गया है। नासा का वायेजर 2 जनवरी सन 1986 में युरेनस के पास पहुंचा। युरेनस की सतह से कम से कम 81,000 किलोमीटर ऊपर इसके चक्कर लगाने लगा। इसने इस ग्रह के 11 छोटे चन्द्रमओं को अवश्य खोजा। इसके साथ आलावा छल्लो (Ring) एवं उपग्रहों की अनेक तस्वीरें भी भेजी थी। आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि यूरेनस के जो उपग्रह है उनके नाम शेक्सपीयर एवं अलैंग्जैंड़र पोप की रचनाओं के पात्रों के नाम ऊपर रखे गए हैं।

कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य – 

1. 17 घंटे में एक दिन –

आपको यह बता दें कि अपने अक्ष पर अरुण अर्थात यूरेनस 17 घंटे एवं 14 मिनट में एक चक्कर पूर्ण कर लेता है. यानी यूरेनस पर एक दिन मात्र 17 घंटे और 14 मिनट का ही होता है एवं अरुण पर 1 साल पृथ्वी के 84 साल के बराबर होता है. मतलब हमारे 84 साल में एवं uranus का 1 साल होगा।

42 साल की रात 

आप यह जानकर निश्चित ही आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि अरुण पर कम से कम 42 साल रात एवं कम से कम 42 साल दिन होता है. इसका कारण यह है कि अरुण पर दोनों में से एक pole अर्थात ध्रुव लगातार 42 साल तक सूर्य के सामने एवं दूसरा अंधकार की तरफ होता है. क्योंकि अरुण अपने अक्ष पर केवल 98 डिग्री तक ही झुका हुआ है।

3. तीसरा सबसे बड़ा ग्रह 

यूरेनस सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह माना जाता है, यह अरुण 25,362 किलोमीटर की त्रिज्या में फैला हुआ है। केवल बृहस्पति एवं शनि ही अरुण से बड़े हैं। अगर चर्चा करें इसकी mass की तो यह पृथ्वी से लगभग 15 गुना अधिक है, अर्थात पृथ्वी से कम से कम 15 गुना अधिक भारी है।

4. गैस से बना हैं 

बता दें कि शनि, बृहस्पति, वरुण की ही तरह uranus भी पूरा गैस से बना हुआ है एवं यह ग्रह सूर्य से लगभग 2 अरब 87 करोड़ 10 लाख किलोमीटर दूरी पर स्थित है. सूर्य से इतना दूर होने के कारण यह ग्रह बहुत ही ठंडा माना गया है, बिल्कुल वरुण की तरह। यहां का औसतन तापमान -197.15 ℃ होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार यहां का न्यूनतम तापमान केवल -224 डिग्री सेल्सियस पाया गया है।

5. अरुण के रिंग्स होते हैं –

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यूरेनस के भी रिंग्स होते हैं. और यह इतना ही नहीं सौर मंडल में कुल 4 ग्रह हैं जिनके रिंग्स अर्थात छल्ले हैं। वरुण, बृहस्पति और शनि बाकी के वह ग्रह है। uranus के rings इतने हल्के होते हैं कि यह दिखते भी नहीं हैं, इसलिए ज्यादातर लोगों को इस बात की कोई जानकारी नहीं होती है।

6. 27 चन्द्रमा हैं

बाकी के बड़े ग्रहों की तरह यूरेनस के बिल्कुल 27 चंद्रमा बताये गये है अर्थात अरुण के कुल 27 प्राकृतिक उपग्रह है,

परन्तु अरुण के ज्यादातर चंद्रमा बहुत ही छोटे और असंतुलित हैं. यह चंद्रमा भार में बहुत ही कम है।

7. ये 98 डिग्री झुका हुआ हैं – 

बता दें कि Uranus अपने अक्ष पर 98 डिग्री तक झुका हुआ है। जहां बाकी के ग्रह सौरमंडल में घूमते हुए लट्टू की तरह अवश्य दिखाई देते हैं.

वही यूरेनस 98 डिग्री सेल्सियस तक झुके रहने के कारण, एक युवक की हुई गेंद की तरह दिखाई देता है। 98 डिग्री तक झुके रहने के कारण यहां मौसम बहुत ही असामान्य बना रहता है. यहां तूफान जैसा माहौल भी अवश्य बना रहता है।

8. उल्टी दिशा में घूमता हैं – 

ध्यान रहे कि अरुण एवं शुक्र दो अकेले ऐसे ग्रह हैं जो बाकी के ग्रहों के सापेक्ष उल्टी दिशा में सूर्य का चक्कर अवश्य काटते रहते हैं।

9. आता हैं तूफ़ान

दरअसल आपको यह भी बता दूँ कि uranus पर हवाएं बहुत ही तेजी के साथ  चलती रहती हैं जो कि ज्यादातर 900 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार तक पहुंच जाती है एवं यूरेनस का वातावरण बहुत हल्का भी है. मतलब यूरेनस के वातावरण की डेंसिटी बहुत ही कम है। जो कि शनि के पश्चात् दूसरे नंबर पर सबसे कम है।

अरुण ग्रह की रिंग्स – 

बता दें कि सौरमंडल में सिर्फ शनि ही एक ग्रह नहीं है, जिसके पास रिंग्स न हो। दरअसल जब शनि ग्रह के रिंग्स की तलाश हुई थी तब वैज्ञानिकों को लगा कि यह शनि की एक खास विशेषता है।

परन्तु जब अरुण ग्रह की रिंग्स के बारे में पता चला, तब वैज्ञानिकों को यह एहसास हुआ कि इस ग्रह के पास रिंग्स का होना उसके लक्षण माने गये हैं।

याद रखने वाली बात यह है कि यह दो भागों में बंटी हुई होती है। 

  • inner system 
  • outer system

Inner system में केवल 9 रिंग्स होते है। यह सारी पतली एवं डार्क रंग की ही होती है।

जब की outer system की रिंग्स इसके मुकाबले थोड़ी चौड़ी एवं थोड़ी चमकीली भी होती है। यह हल्की सी लाल एवं ब्लू रंग की ही दिखाई पड़ती है।

ऐसा माना जाता है कि यह 60 करोड़ साल पहले किसी खगोलीय पिंड के टकराने से यह रिंग्स बनी थी।

अरुण ग्रह के कुछ रोचक तथ्य – 

  • दरअसल यह पहला ऐसा ग्रह था जो टेलिस्कोप के जरिए तलाशा गया था।
  • अरुण ग्रह पर सूर्य की रौशनी को पहुंचने में केवल 2 घंटे 40 मिनट ही लगते हैं।
  • मीथेन गैस के चमकने के कारण से Uranus planet को हम रात को बहुत ही सरलता से देख सकते हैं। वो भी बिना किसी टेलिस्कोप के। बस इसका वातावरण एकदम से साफ़ अवश्य होना चाहिए।
  • अरुण ग्रह पर पड़ने वाले प्रकाश की तीव्रता पृथ्वी की तुलना में केवल 400 गुना ही कम है।
  • अरुण एवं वरुण ग्रह दोनों लगभग सामान ही है। दरअसल इन्हें जुड़वाँ भी कहा जाता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.