Vakya kya hai in Hindi | परिभाषा | अन्य महत्वपूर्ण  जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Vakya kya hai in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। अगर आप Vakya kya hai in Hindi की जानकारी पाना चाहते है, तो Vakya kya hai in Hindi सर्च करिए हमारी वेबसाइट hellozindgi.com पे और उपयोगी जानकारी से खुद का व दोस्तों का ज्ञान वर्धन करें|  

वाक्य की परिभाषा – 

बता दें कि शब्दों का व्यवस्थित रूप जिससे व्यक्ति अपने विचारों का आदान प्रदान करता है उसे वाक्य ही कहते हैं एक सामान्य वाक्य में क्रमशः कर्ता, कर्म एवं क्रिया होते हैं। वाक्य के मुख्यतः दो अंग माने गये हैं।

दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा मतलब निकलता है, वाक्य कहते हैं। उदाहरण के लिए ‘सत्य की विजय होती है।’ एक वाक्य है क्योंकि इसका पूरा पूरा मतलब निकलता है परन्तु ‘सत्य विजय होती।’ वाक्य नहीं है क्योंकि इसका मतलब बिल्कुल भी नहीं निकलता है।

वाक्य के कितने भेद होते है –

बता दें कि वाक्य भेद केवल दो प्रकार से ही किए जा सकते हैं-

  • अर्थ के आधार पर वाक्य भेद कुल 8 होते हैं.
  • रचना के आधार पर वाक्य भेद कुल 3 ही होते हैं.

अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते है जैसे

  • विधान वाचक वाक्य
  • निषेधवाचक वाक्य
  • प्रश्नवाचक वाक्य
  • विस्म्यादिवाचक वाक्य
  • आज्ञावाचक वाक्य
  • इच्छावाचक वाक्य
  • संकेतवाचक वाक्य
  • संदेहवाचक वाक्य

वि‌‌धानवाचक सूचक वाक्य –

दरअसल वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, तो वह वि‌‌धानवाचक वाक्य ही कहलाता है।

जैसे –

  • भारत एक देश है।
  • श्याम के पिता का नाम मोहन है।
  • कंस मथुरा का राजा है।

निषेधवाचक वाक्य – 

बता दें कि जिन वाक्यों से काम न होने का भाव प्रकट होता है, तो उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे – 

  • मैंने पानी नहीं पिया।
  • मैंने खाना नहीं खाया।

प्रश्नवाचक वाक्य – 

ध्यान रहे कि वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार सवाल किया जाता है, तो वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है।

जैसे – 

  • भारत एक क्या है?
  • रीता के पिता कौन है?
  • कंस कहाँ के राजा है?

आज्ञावाचक वाक्य – 

वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या फिर प्रार्थना की जाती है,तो  वह विधिसूचक या फिर आज्ञावाचक वाक्य ही कहलाता है।

जैसे – 

  • कृपया आप बैठ जाइये।
  • तुम सब शांत रहो।
  • कृपया यहाँ पर शांति बनाये रखें।

विस्मयादिवाचक वाक्य – 

वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाए तो वह विस्मयादिवाचक वाक्य ही कहलाता है।

जैसे –

  • ओह! यहाँ कितनी ठंडी रात है।
  • बल्ले! बल्ले! हम तो जीत ही गये।
  • अहा! यह कितना सुन्दर उपवन है।

इच्छावाचक वाक्य – 

बता दें कि जिन वाक्य‌ों में किसी इच्छा, आकांक्षा या फिर आशीर्वाद का बोध होता है, तो उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे – 

  • प्रभु तुम्हें दीर्घायु प्रदान करे।
  • आपको नववर्ष मंगलमय हो।

संकेतवाचक वाक्य – 

कहा जाता है कि जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, तो उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे – 

  • मोहन का मकान उधर है।
  • राम उधर रहता है।

संदेहवाचक वाक्य – 

यह भी बता दूँ कि जिन वाक्य‌ों में संदेह का बोध होता है, तो उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे – 

  • क्या राम यहाँ आ गया ?
  • क्या उसने अपना कार्य कर लिया ?

बता दें कि रचना के आधार पर वाक्य के केवल तीन भेद ही होते हैं-

सरल वाक्य/साधारण वाक्य – 

कहा जाता है कि जिन वाक्यों में एक ही विधेय होता है, तो उन्हें सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं, इन वाक्यों में केवल एक ही क्रिया होती है;

जैसे-

  • राम पढ़ता है।
  • सीमा ने भोजन किया।

संयुक्त वाक्य –

बता दें कि जिन वाक्यों में दो-या दो से अधिक सरल वाक्य समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े हों, तो उन्हें संयुक्त वाक्य ही कहते है;

जैसे :

  • राम सुबह को गया एवं शाम को लौट आया।
  • प्रिय बोलो पर झूठ बिल्कुल भी नहीं।
  • इसकी तलाशी लो तथा चाबी मिल जाएगी।

मिश्रित/मिश्र वाक्य –

बता दें कि जिन वाक्यों में एक मुख्य या एक प्रधान वाक्य हो एवं अन्य आश्रित उपवाक्य हों, तो उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। इनमें एक मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक से अधिक समापिका क्रियाएँ भी होती हैं,

जैसे- 

  • ज्यों ही उसने नींद की दवा पी, वह तुरंत सो गया।
  • अगर परिश्रम करोगे तो, उत्तीर्ण अवश्य हो जाओगे।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि आपको हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन हैं कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें. धन्यवाद.