तिल का होना
समुद्र शास्त्र के मुताबिक शरीर पर तिल विशेष महत्व रखते हैं. तिल व्यक्ति के कई रहस्यों से पर्दा उठाते हैं. तिल व्यक्ति के स्वाभाव, आचरण, आदतें. करियर, दिशा सब बताते हैं. बस तिल के सम्बन्ध में व्यक्ति को जानकारी हो.
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तिल होने के क्या कारण है ?
शरीर पर तिल व्यक्ति की त्वचा पर तिल तब होते हैं. जब त्वचा की कोशिकाएं फैलने के स्थान पर इकठ्ठी होने लगती हैं. ऐसी कोशिकाओं को मेलोनोसाइटस कहते हैं.ये कोशिकाएं ऐसा लिक्विड बनाती हैं. जो त्वचा को स्वाभाविक रंग देता हैं. व्यक्ति की त्वचा सूर्य के संपर्क में आने से या बचपन में तिल का रंग गहरा हो जाता है
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तिल कहाँ पर होना चाहिए ?
समुद्र शास्त्र के अनुसार शरीर पर तिल पुरुष के शरीर के दाहिने भाग तिल होने चाहिए. और महिला शरीर के बांये भाग पर तिल होने चाहिए.
नाक पर तिल होना
नाक पर तिल होना बेहद शुभ होता है. अगर पुरुष की नाक अपर तिल होता है. तो व्यक्ति बेहद बहुमुखी प्रतिभा शाली और सुखी होता है.
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अगर महिला के नाक पर तिल होता है. तो महिला बेहद भाग्यशाली है. ऐसी स्त्री को जीवन में सब सुख मिलते हैं.
शुभ होता है कलाई पर तिल होना
कलाई पर तिल होना शुभ होता है ऐसा व्यक्ति विशेष गुण वाला होता है .व्यक्ति की अगर बांयी कलाई पर तिल है तो व्यक्ति बहुत ही प्रभावशाली होता है और व्यक्ति जहाँ भी जाता है वहां लोगों पर अपना अमिट प्रभाव अवश्य छोड़ कर आता है. जिस व्यक्ति के शरीर पर तिल दांयी कलाई पर तिल होता है वह अपनी मेहनत पर विश्वास करने वाला होता है. वह अपने परिश्रम से मिले परिणाम से संतुष्ट रहता है. जिससे उसके जीवन में सुख होता है. ऐसे व्यक्ति कभी दुखी नहीं रहते हैं .
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बांयी कलाई पर तिल
व्यक्ति की अगर बांयी कलाई पर तिल है. तो व्यक्ति बहुत ही प्रभावशाली होता है. ऐसा व्यक्ति जहाँ भी जाता है. वहां कद लोगों पर अपना अमिट प्रभाव अवश्य छोड़ कर आता है.
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दांयी कलाई पर तिल
व्यक्ति के अगरे दांयी कलाई पर तिल होता है. ऐसा व्यक्ति अपनी मेहनत पर विश्वास करता है. और अपनी परिश्रम से मिले परिणाम से संतुष्ट रहता है, जिससे उसके जीवन में सुख होता है. ऐसे व्यक्ति दुखी नहीं रहते हैं .