krishna chalisa benefits –
हर नकारात्मक घटना या बुरे प्रभाव से बचाव के लिए। कुंडली में निसंतान दोष से छुटकारा पाने के लिए। आनंदित विवाहित जीवन जीने के लिए। कुंडली में सातवें घर के प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए। बच्चों को अच्छी तरह से सीखने के लिए। शत्रु / विरोधी पर विजय पाने के लिए। पीड़ित केतु के पुरुष प्रभाव को कम करने के लिए। कुंडली में पांचवें घर में सूजन के पुरुष प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए। आम तौर पर धन-उन्मुख और आध्यात्मिक विकास के लिए।
कृष्ण चालीसा( Shri Krishna Chalisa Lyrics)
बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम |
अरुण अधरजनु बिम्बफल, नयनकमल अभिराम ||
पूर्ण इंद्र, अरविन्द मुख, पीताम्बर शुभ साज |
जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज ||
जय यदुनन्दन जय जगवन्दन | जय वसुदेव देवकी नन्दन ||
जय यशुदा सुत नन्द दुलारे | जय प्रभु भक्तन के द्रग तारे ||
जय नट – नागर, नाथ नथइया | कृष्ण कन्हईया धेनू चरइया |
पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो | आओ दीनन कष्ट निवारो ||
वंशी मधुर अधर धरि टेरौ | होवे पूर्ण विनय यह मेरौ ||
आओ हरी पुनि माखन चाखो | आज लाज भारत की राखो ||
गोल कपोल , चिबुक अरुणारे | मृदु मुस्कान मोहिनी डारे ||
राजित राजिव नयन विशाला | मोर मुकुट वैजंतीमाला ||
कुंडल श्रवण , पीत पट आछे | कति किंकिणी काछनी काछे ||
नील जलज सुंदर तनु सोहे | छबी लखि , सुर नर मुनिमन मोहे ||
मस्तक तिलक , अलक घुंघराले | आओ कृष्ण बांसुरी वाले ||
करि पय पान , पूतनहिं तारयो | अका बका कागासुर मारयो ||
मधुवन जलत अगिन जब ज्वाला | भै शीतल लखतहिं नंदलाला ||
सुरपति जब व्रज चढ़यो रिसाई | मूसर धार वारि वर्षाई ||
लगत लगत व्रज चहन बहायो | गोवर्धन नख धारि बचायो ||
लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई | मुख महं चौदह भुवन दिखाई ||
दुष्ट कंस अति अधम मचायो | कोटि कमल जब फूल मंगायो ||
नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें | चरण चिन्ह दै निर्भय कीन्हें ||
करि गोपिन संग रास विलासा | सबकी पूरण करी अभिलाषा ||
केतिक महा असुर संहारयो | कंसहि केस पकड़ि दै मारयो ||
मात – पिता की बन्दी छुड़ाई | उग्रसेन कहं राज दिलाई ||
महि से मृतक छहो सुत लायो | मातु देवकी शोक मिटायो ||
भौमासुर मुर दैत्य संहारी | लाय षट दश सहसकुमारी ||
दै भीमहिं त्रण चीर सहारा | जरासिंधु राक्षस कहं मारा ||
असुर बकासुर आदिक मारयो | भक्तन के तब कष्ट निबारयो ||
दीन सुदामा के दुःख टारयो | तंदुल तीन मून्ठ मुख डारयो ||
प्रेम के साग विदुर घर मांगे | दुर्योधन के मेवा त्यागे ||
लखी प्रेम की महिमा भारी | ऐसे श्याम दीन हितकारी ||
भारत के पारथ रथ हांके | लिए चक्र कर नहिं बल थाके ||
निज गीता के ज्ञान सूनाए | भक्तन ह्रदय सुधा बरसाए ||
मीरा थी ऐसी मतवाली |विष पी गई बजाकर ताली ||
राना भेजा सांप पिटारी | शालिग्राम बने बनवारी ||
निज माया तुम विधिहिं दिखायो | उर ते संशय सकल मिटायो ||
तब शत निंदा करी तत्काला | जीवन मुक्त भयो शिशुपाला ||
जबहिं द्रोपदी टेर लगाई | दीनानाथ लाज अब जाई ||
तुरतहि वसन बने नंदलाला | बढ़े चीर भै अरि मुंह काला ||
अस अनाथ के नाथ कन्हईया| डूबत भंवर बचावई नईया ||
‘सुन्दरदास’ आस उर धारी | दया द्रष्टि कीजै वनवारी ||
नाथ सकल मम कुमति निवारो | क्षमहु बेगि अपराध हमारो ||
खोलो पट अब दर्शन दीजै | बोलो कृष्ण कन्हैया की जै ||
दोहा
यह चालीसा कृष्ण का, पाठ करे उर धारि |
अष्ट सिध्दि नवनिधि फल, लहै पदारथ चारि ||
Click here to Download Shri Krishna Chalisa pdf
Some Other Life-Changing Chalisa
- Mata Parvati Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics
- Shri Radha Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics
- Maa Saraswati Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics
- Shri Ram Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics
- Shri shiv Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics