यदा यदा ही धर्मस्य | श्लोक | Meaning | Lyrics अनसुलझा रहस्य
यदा यदा ही धर्मस्य का उल्लेख भगवद गीता के चौथे अध्याय के सातवें एवं आठवें खंड से लिया गया है | यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत |अभ्युथानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् || महाभारत में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था। जब अर्जुन ने अपनों के विरुद्ध युद्ध करने से इंकार कर दिया […]
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