राम नाम की महिमा-
हमारे शास्त्रों के अनुसार Hey Ram lyrics प्रभु राम एवं प्रभु कृष्ण एक ही हैं. इसलिए कृष्ण एवं राम नाम दोनों की महिमा एक ही है. गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री राम नाम की महिमा का वर्णन करने की कोशिश की है लेकिन वो कहते हैं की मैं क्या स्वयं भगवान भी इस महामंत्र अर्थात राम नाम की महिमा का वर्णन नहीं कर सकते.
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क्योंकि भगवान अनंत है अर्थात् भगवान का नाम, स्वरुप गुण, लीलाएं, शक्तियाँ सब कुछ अनंत हैं अतः यदि स्वयं भगवान भी नाम की महिमा का बखान करने बैठें तो अनंत काल तक नाम की महिमा का गुणगान करते रहेंगे परन्तु नाम की महिमा सम्पूर्ण नहीं हो पायेगी .
महाकवि तुलसीदासजी जी ने प्रभि श्री राम नाम की महिमा को दोहावली में विस्तार से वर्णित किया है और रामायण में संछेप में श्री रामचरितमानस बालकाण्ड में किया है.
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दोहावली के अनुसार प्रभु श्री राम के नाम की महिमा
गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित दोहावली में विस्तार से राम जी के नाम की महिमा का गुणगान किया गया है.उदहारण स्वरुप निम्न दोहा देखें
सगुन ध्यान रुचि सरस नहिं निर्गुन मन ते दूरि।
तुलसी सुमिरहु रामको नाम सजीवन मूरि॥
अर्थ – सगुण स्वरुप के ध्यान में प्रीति युक्त रुचि नहीं है और निर्गुण स्वरूप मन से दूर है (अर्थात समझ में नहीं आता). तुलसीदास जी कहते हैं कि ऐसी स्थिति में राम नाम-स्मरण रूपी संजीवनी बूटी का सदैव सेवन करते रहना चाहिए.
प्रभु श्री राम नाम सबसे आसान मंत्र है जो निश्चित रूप से लक्ष्य प्राप्ति में सहायक है. इस महामंत्र के जप के लिए किसी भी प्रकार के बाह्य आडम्बरों का बंधन नहीं है. बहुत ही सरल एवं सौम्य तरीके से कहीं भी पर इस महामंत्र का जप कर सकते हैं और इश्वर के नाम का रस पान कर सकते हैं.
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जब ऐसा प्रतीत हो की मन सहज है , तभी राम नाम के महा मंत्र जप करें.
राम शब्द से तात्पर्य-
राम शब्द ‘रा’ यानि र-कार एवं ‘म’ मकार के योग से बना है. ‘रा’ अग्नि स्वरूप है। यह हमारे दुष्कर्मों का दहन करता है। ‘म’ जल तत्व का प्रतीक है. जल आत्मा की जीवात्मा पर विजय का कारक है.
यदि ध्यान से देखा जाये तो इस मंत्र अर्थात – ‘श्री राम, जय राम, जय जय राम‘ का अर्थ निकलता है – शक्ति से परमात्मा पर विजय. योग शास्त्र से स्पष्ट है की ‘रा’ वर्ण को सौर ऊर्जा का कारक माना गया है.
योग शास्त्र कहता है की ये हमारी रीढ़ के सीधे हाथ के तरफ अर्थात दाईं ओर स्थित पिंगला नाड़ी में स्थित है. इसी स्थान से हमारे शरीर में पौरुष ऊर्जा का संचारित होती है .
‘मा’ वर्ण को चंद्र ऊर्जा का कारक यानि स्त्री माना गया है. यह रीढ़-रज्जू के बाईं ओर स्थित इड़ा नाड़ी में प्रवाहित होता है.तो कहा गया है कि श्वास और निश्वास में निरंतर र-कार ‘रा’ और म-कार ‘म’ का उच्चारण करते रहने से दोनों नाड़ियों में संचारित ऊर्जा में एक अनूठा सामंजस्य स्थापित रहता है.अध्यात्म में तो ये एक सर्वमान्य सत्य है की जब कोई ‘रा’ शब्द उच्चारित करता है तो इसके साथ उसके आंतरिक पाप बाहर निकल जाते हैं. और अंतःकरण पाप रहित हो जाता है.
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श्री राम का नाम ऐसा मंत्र है जिसके उच्चारण से ही बहुत से लोगों का परम कल्याण हुआ है. कई अन्य मंत्रों में विधि विधान विशेष है महत्व होता है तथा अन्य कई चीज़ों को निषेध किया जाता है परन्तु जब श्री राम नाम की बात आती है तो शायद दुनिया में इस से सहज कोई मंत्र नहीं हो सकता . राम मंत्र (Ram Mantra) ऐसा मंत्र है, जिसमें न तो जाति भेद है और न ही कोई अन्य भेद.
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मुर्दे को ले जाते समय क्यों बोलते हैं राम का नाम-
यह भी एक सोचने वाली बात है की मुर्दे को ले जाते वक्त सिर्फ प्रभु राम का नाम ही क्यों बोला जाता है. इसका उत्तर भी बिलकुल सहज ही. राम का नाम का इसलिए लिया जाता है जाता है कि इस मंत्र में कल्याण के लिए सारी वर्णमाला छुपी हुई है .
प्रभु श्री राम का नाम संपूर्ण वर्णमाला का प्राण रूप राम है. इस मंत्र की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि महाकाल भगवान शिव भी इसी मंत्र का जप करते हैं. भगवन शिव ने माँ भगवती पार्वती को भी इसी मंत्र का उपदेश दिया था. इसी लिए इसे मुक्ति मंत्र कहा जाता है. तो ऐसा मानते हुए व्यक्ति को जन्म मरण के बंधन से मुक्ति मिले मुर्दे को ले जाते समय इस मंत्र का जाप किया जाता है.
अनेकों हजार मन्त्रों के जाप से भी जो फल प्राप्त नहीं होता , वह राम मंत्र के कुछ बार जाप से ही हमे प्राप्त हो ता है. यदि व्यक्ति को कोई और मंत्र नहीं आता तो वह एकांत में बैठ कर कुछ समय राम नाम के स्मरण में लगाये और राम नाम की माला फेर ले तो उसकी भक्ति की शुरुआत हो जाती है. अगर वह दिन में कई बार राम का नाम लेता है तो उसका जीवन सहज ही सुधर सकता है.
आइये हम सभी प्रेम से बोलें जय जय श्री राम एवं एक भजन के माध्यम से श्री राम नाम का गुणगान करें- यहाँ हम आप के लिए हे राम लिरिक्स प्रस्तुत कर रहे हैं-
Hey ram lyrics –
हे राम, हे राम
जग में साँचो तेरो नाम
हे राम, हे राम
तू ही माता, तू ही पिता है
तू ही माता, तू ही पिता है
तू ही तो है, राधा का श्याम
हे राम, हे राम
तू अंतर्यामी, सबका स्वामी
तू अंतर्यामी, सबका स्वामी
तेरे चरणों में, चारो धाम
हे राम, हे राम
तू ही बिगड़े, तू ही सवारे
तू ही बिगड़े, तू ही सवारे
इस जग के, सारे काम
हे राम, हे राम
तू ही जगदाता, विश्वविधता
तू ही जगदाता, विश्वविधता
तू ही सुबह, तू ही शाम
हे राम, हे राम
हे राम, हे राम
जग में साचो तेरो नाम
हे राम, हे राम