shri jaharveer chalisa lyrics goga ji chalisa in hindi pdf pdf download

Jaharveer Chalisa | Lyrics in Hindi | Download PDF

CHALISA

श्री जाहरवीर की लीला- Jaharveer Chalisa- पाठ के लाभ  

दोस्तों ये तो अनेकों भक्तों के द्वारा आजमाया हुआ सत्य है कि सिद्ध वीर गोगा देव अर्थात जाहरवीर भगवन की चालीसा jaharveer chalisa का 40 दिनों तक पाठ करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है एवं मनोकामना पूरी होती है. जाहरवीर गोगाजी बाबा जी को काफी लोग पीर भी मानते हैं। कहा जाता है कि उनके दर से कोई खाली झोली ले कर नहीं लौटता. वो हर मन्नत को पूरी करते हैं. यहाँ हम आपके लिए jaharveer chalisa lyrics प्रस्तुत करने जा रहे हैं.

Also Read:-

Guru Paduka Stotram with Hindi Meaning | Lyrics | PDF Download

जहारवीर बाबा का जन्म

देव गुरु गोरक्षनाथ जी के प्रमुख शिष्यों में से एक थे सिद्ध वीर गोगा जी महाराज. राजस्थान प्रदेश के छह सिद्धों में से गोगाजी महाराज को प्रथम माना गया है. बताया जाता है कि गोगा देव जी का जन्म स्थान राजस्थान के चुरू जिले के दत्तखेड़ा में है. ये एक ऐसा स्थान है जहां सभी धर्मों एवं सम्प्रदायों के लोग माथा टेकने दूर-दूर से आते हैं.

Also Read:-

Chalisa Sanghrah (चालीसा संग्रह )

हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक हैं- Jaharveer Baba

राजस्थान का ये स्थान नाथ परम्परा को मानने वाले के साधुओं के लिए अत्यधिक महत्व रखता है. इतना ही नहीं मुस्लिम समाज के लोग भी उनको बहुत ही अकीदत से जाहर पीर के नाम से पुकारते हैं. इसीलिए सभी समुदायों के लोग यहाँ माथा टेकने और मन्नतें मांगने आते रहते हैं. कुछ लोककथाओं की मानें तो गोगाजी सांपों के देवता हैं. भक्त उन्हें विभिन्न नामों से जानते हैं जैसे- गुग्गा जी , जहारवीर बाबा, गोगाजी चौहान, व जाहर पीर इत्यादि।

Also Read:-

Shri shiv Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics

जाहरवीर चालीसा (Jaharveer Goga  Ji Chalisa) जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से पढ़ता है, उनके बिगड़े हुए काम बनते हैं। पाठ करें जाहरवीर चालीसा (Jaharveer Chalisa) का. आइये पढ़ते हैं उनका प्रिय चालीसा का पाठ Jaharveer Goga Ji Chalisa in Hindi

Also Read:-

Solah Somvar Vrat Katha in Hindi (सोलह सोमवार व्रत नियम, व्रत विधि)- Benefits & Lyrics

https://www.youtube.com/watch?v=C2y_BOaUEVs

Shree Jaharveer Chalisa Lyrics in Hindi

॥ दोहा ॥

सुवन केहरी जेवर सुत,  महाबली रनधीर।

बन्दौं सुत रानी बाछला,  विपत निवारण वीर॥

जय जय जय चौहान वंश, गूगा वीर अनूप।

अनंगपाल को जीतकर,  आप बने सुर भूप॥

॥ चौपाई ॥

जय जय जय जाहर रणधीरा,  पर दुःख भंजन बागड़ वीरा।

गुरु गोरख का है वरदानी,  जाहरवीर जोधा लासानी।

गौरवरण मुख महा विशाला ,  माथे मुकट घुंघराले बाला।

कांधे धनुष गले तुलसी माला,  कमर कृपान रक्षा को डाला।

जन्में गूगावीर जग जाना,  ईसवी सन हजार दरमियाना।

बल सागर गुण निधि कुमारा,  दुःखी जनों का बना सहारा।

बागड़ पति बाछला नन्दन, जेवर सुत हरि भक्त निकन्दन।

जेवर राव का पुत्र कहाये , माता पिता के नाम बढ़ाये।

पूरन हुई कामना सारी, जिसने विनती करी तुम्हारी।

सन्त उबारे असुर संहारे, भक्तजनों के काज संवारे।

गूगावीर की अजब कहानी, जिसको ब्याही श्रीयल रानी।

बाछल रानी जेवर राना, महादुःखी थे बिन सन्ताना।

भंगनि ने जब बोली मारी, जीवन हो गया उनको भारी।

सूखा बाग पड़ा नौलखा , देख-देख जग का मन दुक्खा।

कुछ दिन पीछे साधू आये, चेला चेली संग में लाये।

जेवर राव ने कुंआ बनवाया, उद्घाटन जब करना चाहा।

खारी नीर कुंए से निकला, राजा रानी का मन पिघला।

रानी तब ज्योतिषी बुलवाया, कौन पाप में पुत्र न पाया।

कोई उपाय हमको बतलाओ, उन कहा गोरख गुरु मनाओ।

गुरु गोरख जो खुश हो जाई, सन्तान पाना मुश्किल नाई।

बाछल रानी गोरख गुन गावे, नेम धर्म को न बिसरावे।

करे तपस्या दिन और राती, एक वक्त खाय रूखी चपाती।

कार्तिक माघ में करे स्नाना, व्रत एकादशी नहीं भुलाना।

पूरनमासी व्रत नहीं छोड़े, दान पुण्य से मुख नहीं मोड़े।

चेलों के संग गोरख आये, नौलखे में तम्बू तनवाये।

मीठा नीर कुंए का कीना, सूखा बाग हरा कर दीना।

मेवा फल सब साधु खाए, अपने गुरु के गुन को गाये।

औघड़ भिक्षा मांगने आए, बाछल रानी ने दुःख सुनाये।

औघड़ जान लियो मन माहीं, तप बल से कुछ मुश्किल नाहीं।

रानी होवे मनसा पूरी, गुरु शरण है बहुत जरूरी।

बारह बरस जपा गुरु नामा, तब गोरख ने मन में जाना।

पुत्र देन की हामी भर ली, पूरनमासी निश्चय कर ली।

काछल कपटिन गजब गुजारा, धोखा गुरु संग किया करारा।

बाछल बनकर पुत्र पाया, बहन का दरद जरा नहीं आया।

औघड़ गुरु को भेद बताया, जब बाछल ने गूगल पाया।

कर परसादी दिया गूगल दाना, अब तुम पुत्र जनो मरदाना।

नीली घोड़ी और पण्डतानी, लूना दासी ने भी जानी।

रानी गूगल बाट के खाई, सब बांझों की मिली दवाई।

नरसिंह पंडित नीला घोड़ा, भज्जु कुतवाल जना रणधीरा।

रूप विकट धर सब ही डरावे, जाहरवीर के मन को भावे।

भादों कृष्ण जब नौमी आई, जेवरराव के बजी बधाई।

विवाह हुआ गूगा भये राना, संगलदीप में बने मेहमाना।

रानी श्रीयल संग ले फेरे, जाहर राज बागड़ का करे।

अरजन सरजन काछल जने, गूगा वीर से रहे वे तने।

दिल्ली गए लड़ने के काजा, अनंग पाल चढ़े महाराजा।

उसने घेरी बागड़ सारी, जाहरवीर न हिम्मत हारी।

अरजन सरजन जान से मारे, अनंगपाल ने शस्त्र डारे।

चरण पकड़कर पिण्ड छुड़ाया, सिंह भवन माड़ी बनवाया।

उसी में गूगावीर समाये, गोरख टीला धूनी रमाये।

पुण्यवान सेवक वहाँ आये, तन मन धन से सेवा लाए।

मन्सा पूरी उनकी होई, गूगावीर को सुमरे जोई।

चालीस दिन पढ़े जाहर चालीसा, सारे कष्ट हरे जगदीसा।

दूध पूत दे उन्हें विधाता, कृपा करे गुरु गोरखनाथ।

Also Read:-

Sai Chalisa in hindi – Lyrics

Jaharveer Goga Ji Chalisa in Hindi PDF

मित्रों यदि आप Shri Jaharveer Chalisa को PDF फॉर्मेट में ऑफलाइन डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए हुए लिंक पे क्लिक कर के इसे डाउनलोड कर सकते हैं-