मित्रों RBI की फुल फॉर्म Reversed Bank Of India होती है. ऐसी ही अन्य Full Forms in Hindi जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट hellozindgi.com से जुड़े रहिये. तो आइये दोस्तों जानते हैं कि Full Form of RBI in Hindi क्या होती है. दोस्तों अगर आप के मन में भी ये शंका है कि RBI ka full form Kya Hai तो आप ठीक जगह पे हैं. देखते हैं RBI ka full form Hindi Mai.
आरबीआई का फुल फॉर्म
आपको बता दें कि हिंदी में आरबीआई का फुल फॉर्म भारतीय रिजर्व बैंक होता है। अंग्रेजी में आरबीआई का फुल फॉर्म रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया होता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भारत का केंद्रीय बैंक है, जो भारतीय रुपये की जारी करने और आपूर्ति को नियंत्रित भी भलीभांति करता है। RBI पूरे भारत में बैंकिंग का नियामक होता है। RBI भारत सरकार की विकास रणनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका भी खूब अच्छी तरह से निभाता है।दरअसल इसकी स्थापना १ अप्रैल सन १९३५ को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ऐक्ट १९३४ के अनुसार हुई। भारत के अर्थतज्ञ बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना में अहम भूमिका भी बढ़िया तरीके से निभाई हैं, उनके द्वारा प्रदान किये गए दिशा-निर्देशों या निर्देशक सिद्धांत के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक अवश्य बनाई गई थी।
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RBI का इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि सन 1926 में भारतीय मुद्रा एवं वित्त पर रॉयल कमीशन ने भारत के लिए एक केंद्रीय बैंक बनाने का सुझाव दिया गया ताकि मुद्रा एवं क्रेडिट के प्रबंधन के साथ-साथ सरकार के साथ एक मौद्रिक प्रणाली को पूर्ण रूप से अलग किया जा सके। इस प्रकार सन 1935 में RBI मौद्रिक स्थिरता, मुद्रा प्रबंधन एवं राष्ट्रों के भुगतान तथा वित्त प्रणाली के प्रशासन के लिए भी स्थापित अवश्य किया गया था। एक और तथ्य यह भी है कि आरबीआई की नींव के पीछे ब्रिटिश सरकार का बहुत बड़ा कारण है।
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RBI (आरबीआई) के उद्देश्य क्या हैं
RBI ने भारत की वित्त एवं मौद्रिक प्रणाली के प्रबंधन के लिए दृष्टिकोण को व्यापक भी किया है। यह हर साल वार्षिक एवं दीर्घकालिक लक्ष्य बनाता और उसे हासिल भी करता है। यहाँ भारतीय रिजर्व बैंक के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार से हैं –
- आर्थिक विकास की सभी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए वित्तीय बाजार एवं प्रणाली के आधुनिकीकरण पर अपना ध्यान केंद्रित करना
- वित्तीय संस्थानों, वाणिज्यिक बैंकों एवं गैर-बैंकिंग वित्तीय फर्मों के माध्यम से विभिन्न मौद्रिक परियोजनाओं को नियंत्रित एवं निर्देशित भी करना।
- वाणिज्यिक बैंकों से रिजर्व का प्रबंधन करने के लिए होता है
- राष्ट्रीय अवसंरचना को विकसित करने में बहुत अधिक सहायता भी करना
- आर्थिक विकास के लिए सर्वोत्तम मौद्रिक नीतियां बनाने के लक्ष्य को पूर्ण भी करना
- भारत की मुद्रा को भलीभांति चलाना एवं इसका उत्पादन भी करना
- वित्तीय नीतियों एवं मौद्रिक निर्णयों को सफलतापूर्वक निष्पादित तथा तैयार भी अच्छी तरह से करना
- राष्ट्रीय बैंकिंग को बहुत अधिक बढ़ावा देना
- डेबिट क्षेत्र से धन को एकदम से एकत्रित करना
- निष्पक्ष निर्णय लेने एवं राष्ट्रीय या राज्य चुनावों से प्रभावित नहीं होने के लिए प्रमाणित करना.
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RBI को कहां से पैसा मिलता है
बता दें कि आरबीआई को इसका अधिकतर पैसा बॉन्ड के हितों से मिलता है। यह सिरों को पूर्ण करने के लिए बॉन्ड की कीमतें भी बदल सकता है। अन्य तरीकों से, RBI ओपन मार्केट ऑपरेशनल गतिविधियों में बॉन्ड खरीद या बेच भी सकता है। RBI यह अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए तत्पर भी करता है। RBI (आरबीआई) के लिए आय का एक अन्य स्रोत वाणिज्यिक बैंकों और सरकार को क्रेडिट अवश्य देना होता है। यह क्रेडिट की छूट दर या बैंक दर से ही कमाता है।
दरअसल भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 8 के अनुसार भारत सरकार आरबीआई के गवर्नर एवं डिप्टी गवर्नर की नियुक्ति के लिए बहुत ही जिम्मेदार होता है।
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RBI के बारे में रोचक तथ्य
- RBI ने पैंथर एवं ताड़ के पेड़ को अपने प्रतीक के रूप में अवश्य चुना था
- RBI का केंद्रीय कार्यालय पहले कलकत्ता में आरंभ हुआ तथा फिर सन 1937 में मुंबई आ गया
- भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय निदेशक मंडल के कम से कम 21 सदस्यों द्वारा प्रबंधित एवं निर्देशित भी माना गया है।
- RBI के चार-जोन कार्यालय भी हैं जो नई दिल्ली, चेन्नई, कोलकाता एवं मुंबई में स्थित हैं।
आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए दो कॉलेजों का भी संचालन भी करता है। जो इस प्रकार से हैं –
- चेन्नई में रिजर्व बैंक स्टाफ कॉलेज, और
- पुणे में कृषि बैंकिंग कॉलेज
- सर ओसबोर्न स्मिथ भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर थे
- RBI अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सदस्य के रूप में भी अपना काम करता है।
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भारतीय रिजर्व बैंक भारत में काम करने वाले वाणिज्यिक बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों को नियंत्रित भी करता है। यह बैंकिंग प्रणाली एवं मुद्रा बाजार के नेता के रूप में अपना काम भी करता है। यह देश में मुद्रा आपूर्ति एवं ऋण को एकदम से नियंत्रित भी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक भारत की मौद्रिक नीति का पालन भी अवश्य करता है तथा भारत में बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों पर पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण भी रखता है।भारतीय रिजर्व बैंक का कोई पुराना नाम नहीं है जब इसकी स्थापना हुई थी तभी से इसका नाम भारतीय रिजर्व बैंक पड़ा है कुछ लोग इंटरनेट पर यह भी बताते हैं कि RBI का पुराना नाम Imperial Bank of India है परन्तु यह गलत है। इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे पुराने एवं सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक में से एक था जिसे सन 1955 में भारतीय स्टेट बैंक में पूर्ण रूप से बदल गया था।