दोस्तों Vanshlochan kya hai हमारे आयुर्वेद में हर प्रकार की बीमारी का इलाज मौजूद है। इसके अलावा अगर हमारे शरीर में किसी ज़रूरी पोषक तत्व की कमी हो जाती है तो उसे कैसे पूरा किया जाये उसके बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
ऐसा ही एक तत्व है वंशलोचन जिसे बंशलोचन भी कहा जाता है। आज हम जानेंगे की Vanshlochan kya hai और साथ ही साथ vanshlochan ke fayde in hindi में भी देखेंगे |
इसका प्रयोग औषधि बनाने में भी किया जाता है और यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है। हम इसके लाभ के साथ ही साथ हम banslochan side effects in hindi में भी चर्चा करेंगे |
वंशलोचन के प्रयोग से अनेक प्रकार के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं। आज के इस लेख में हम वंशलोचन के फायदे , नुकसान एवं प्रेगनेंसी के दौरान लेने से असर के बारे में जानेंगे।

1.वंशलोचन क्या होता है?
वंशलोचन बाँस के पेड़ से प्राप्त होने वाला एक ऐसा प्राकृतिक पदार्थ है जो कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
वंशलोचन बांस के गाँठों में इकट्ठा होता है और इसे बांस को काटकर निकाला जाता है। इसका आकार मिश्री के दानों की तरह होता है और इसका रंग सफेद होता है। इसका प्रयोग आयुर्वेद में कई प्रकार से किया जाता है।
यह अलग अलग औषधि बनाने के भी काम आता है एवं इसे च्यवनप्राश बनाने में भी उपयोग किया जाता है। इसके उपयोग से शरीर में कैल्शियम व अन्य पोषक तत्वों की भी पूर्ति होती है।
There are so many uses of Vanshlochan so आइये अब जानते हैं banslochan benefits in Hindi
वंशलोचन के फायदे
- बच्चों में कफ की समस्या
- हाथ पैर में दर्द तथा हड्डियों का दर्द
- पाचन क्रिया में मददगार
- शरीर के अंगों में जलन
- दमा या अस्थमा जैसे रोगों का उपचार
- आँखों के लिये फायदेमंद
- वीर्य एवं रक्त बनाने में सहायक
वंशलोचन एक बहुत लाभकारी औषधि है और इसके अनगिनत फायदे है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता ये है की ये पूर्ण रूप से प्राकृतिक है ।
वंशलोचन में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए और बी 6, मैगनिशियम , कौपर आदि पाया जाता है जो की शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। वंशलोचन के तमाम अन्य फायदे विस्तार से नीचे दिये गये हैं ।

बच्चों में कफ की समस्या
वंशलोचन का प्रयोग बच्चों के कफ की समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है। 10 वर्ष से छोटी उम्र के बच्चों को यदि आधा ग्राम वंशलोचन पीस कर 2 चम्मच शहद के साथ खिल दिया जाए तो उनकी कफ की समस्या दूर हो जाती है।
हाथ पैर में दर्द तथा हड्डियों का दर्द

कभी कभी सोने के वक्त पैरो में दर्द की समस्या उत्पन्न होती है, इसका कारण शरीर में केल्शियम की कमी है। ऐसे में एक चम्मच वंशलोचन के चूर्ण को एक गिलास गर्म दूध में मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
पाचन क्रिया में मददगार
अकसर पाचन क्रिया ठीक से पूरी न होने से मुंह में छालों की समस्या उत्पन्न हो जाती है,ऐसे में एक चुटकी वंशलोचन को पीस कर शहद में मिलाकर छालों में लगाने से आराम मिलता है।
शरीर के अंगों में जलन
हाथ पैरो में जलन की समस्या होने पर भी एक ग्राम वंशलोचन को एक चम्मच शहद में मिलकर खाने से ये समस्या दूर हो जाती है और हाथ पैर और पूरे शरीर को आराम मिलता है।

दमा या अस्थमा जैसे रोगों का उपचार
दमा या अस्थमा के रोगियों के लिए वंशलोचन बहुत लाभकारी है। 20 ग्राम वंशलोचन और 20 पीपल के पत्ते को अच्छी तरह पर कर चूर्ण बना ले और उस चरण को 2 ग्राम की मात्रा में एक चम्मच में मिला कर सुबह खाली पेट में लें।
आँखों के लिये फायदेमंद
वंशलोचन आँख संबंध में फायदेमंद होता है। इसके अतिरिक्त यह शरीर से मल-मूत्र निकालने में मददगार, मूत्र संबंधी बीमारी में लाभकारी तथा शक्ति बढ़ाने में मददगार होती है। पर पथरी हो जाने पर इसके सेवन से बचें।
वीर्य एवं रक्त बनाने में सहायक
वंशलोचन का प्रयोग वीर्य और रक्त बढ़ने के लिए भी किया जाता है । इसे अतिरिक्त ये रक्त को साफ करता है एवं शरीर को शक्ति प्रदान भी करता है।

वंशलोचन के गर्भावस्था के दौरान फायदे
गर्भावस्था में महिलाओं को कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जैसे प्रोटीन, आयरन , फैटी ऐसिड आदि।
इन्हीं कमी की पूर्ति के लिए वंशलोचन बहुत कारगर सिद्ध होता है। Let’s talk about the benefits of Vanshlochan in pregnancy इसके सेवन से महिलाओं में इन सभी तत्वों की पूर्ति हो जाती है।
स्वस्थ एवं सुंदर बच्चा पाने के लिये वंशलोचन का प्रयोग सही विकल्प है। गर्भाशय के दौरान इसके लगभग 2 से 3 ग्राम चूर्ण को दूध में मिला कर पीने से माँ तथा बच्चे दोनों की सेहत अच्छी रहती है।
माँ एवं बच्चे दोनों का स्वस्थ्य अच्छा रहता है | ये विशेषकर माँ को थकान से बचाता है एवं बच्चे को फोरेनर की तरह गोरा बनता है
वंशलोचन से होने वाले नुकसान
दोस्तों कोई भी चीज अगर हद से जादा ली जाए तो वह ज़हर का काम करती है। शरीर में पोषक तत्व की मात्रा उतनी ही होनी चाहिए जितनी आवश्यकता है |
जो पोषक तत्व जो हमें जिंदा रखते हैं और ऊर्जा देते हैं आवश्यकता से ज्यादा होने पर वही बीमारी की उत्पत्ति का कारण भी बन सकते हैं ।
इसी प्रकार वंशलोचन ज्यादा मात्रा में लेने से या शरीर में की कमी न होते हुए भी इसका प्रयोग करने से उलटी , जी मचलना, पेट में जलन होना आदि होने की संभावना होती है।
इसके अतिरिक्त वंशलोचन मे ज्यादा कैल्शियम होता है जो पथरी रोग का भी कारण बन सकता है, इसीलिए आप लोगों से ये निवेदन है कि या तो वंशलोचन लो सीमित मात्रा में लें या फिर वंशलोचन का अपने वैध जी की सलाह से ही लें।
वंशलोचन को कैसे खायें
दोस्तों वंशलोचन को कैसे लें ये इस बात पर निर्भर करता है की इसे किस कारण से लिया जा रहा है ।
वंशलोचन को लेने के कई तरीके हैं। वंशलोचन को पीस कर उसका चूर्ण बना कर शहद में मिला कर भी खाया जा सकता है।
इसका सेवन दूध में मिलाकर करने से भी शरीर में केल्शियम की कमी की पूर्ति होती है। इसके अतिरिक्त वंशलोचन का प्रयोग उसे पीस कर किसी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ खाया भी जा सकता है |
दोस्तों इस लेख के द्वारा हमने आपको वंशलोचन या बंशलोचन के बारे में सारी जानकार देने की पूरी कोशिश की है फिर भी पाठकों से निवेदन है की इसका प्रयोग किसी डॉक्टर की उचित सलाह से ही करें। ऐसे ही अन्य जानकारियों के लिए हमारे site hellozindgi.com से जुड़े रहें।