मित्रों Khel पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत है. यदि वर्तमान परिवेश में देखा जाये तो Khel Essay in Hindi , निबंध लेखन का एक महत्वपूर्ण विषय है. आप Khel पर हिंदी निबंध पढ़ें एवं अपने ज्ञान का वर्धन करें. हमें उम्मीद है कि Khel निबंध आपको अवश्य पसंद आएगा.
प्रस्तावना
आपको बता दें कि खेल बहुत अच्छे शारीरिक एवं मानसिक व्यायाम के लिए सबसे अधिक सरल तथा आरामदायक तरीका माना गया है। यह व्यक्तित्व के वृद्धि एवं विकास के साथ ही देश के लिए भी बहुत ही उपयोगी होता है। हम नियमित रुप से खेलने के लाभ एवं महत्व को कभी भी अनदेखा बिल्कुल भी नहीं कर सकते हैं। खेल एक व्यक्ति को अच्छी भावना प्रदान करता है और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित भी अवश्य करता है।
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यह हमें सदैव मजबूत एवं स्वस्थ रखने के साथ ही मादक पदार्थों की लत, अपराध एवं विकारों की कठिनाइयों से दूर रखता है। सरकार द्वारा बच्चों एवं विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए बढ़ावा देने और इनके माध्यम से लोकप्रियता प्रदान करने के लिए खेलों का राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पूर्ण रूप से आयोजन किया जाता है। कई सारे खेल बहुत ही साधारण होते है हालांकि इनमें महारत हासिल करने के लिए नियमित रुप से अभ्यास, ध्यान एवं परिश्रम करने की बहुत ज़रूरत होती है।
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इतिहास
बता दें कि प्राचीन यूनानी काल में कई तरह के खेलों की परंपरा स्थापित की गई थी और ग्रीस की सैन्य संस्कृति एवं खेलों के विकास ने एक दूसरे को बहुत ही प्रभावित भी किया। खेल उनकी संस्कृति का एक ऐसा प्रमुख अंग बन गया कि यूनान ने ओलिंपिक खेलों का आयोजन करना प्रारंभ कर दिया, जो प्राचीन समय में हर चार साल पर पेलोपोनिस के एक छोटे से गाँव में ओलंपिया नाम से आयोजित भी किये जाते थे। खेल को पूर्ण व्यवस्थित रूप सर्वप्रथम यूनानियों ने ही दिया था। उनकी नागरिक व्यवस्था में खेल का महत्त्वपूर्ण स्थान था। उस युग में ओलम्पिक खेलों में विजय मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि अवश्य समझी जाती थी। गीतकार उनकी प्रशंसा में गीत भी अवश्य लिखते थे एवं कलाकार उनके चित्र और मूर्तियां भी अवश्य बनाते थे।
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खिलाड़ी का चुनाव
सबसे अच्छे खिलाड़ी का चुनाव उन विद्यार्थियों में से किया जाता है, जो स्कूली स्तर एवं राज्य स्तर पर बहुत ही बढ़िया तरीके से खेलते हैं। अब भारत में खेलों की स्थिति पूर्ण रूप से बदल गई है और यह लोकप्रियता तथा सफलता पाने का अच्छा स्त्रोत भी बन गया है। यह शिक्षा से पूरी तरह से अलग नहीं है और यह भी अनिवार्य बिल्कुल नहीं है कि, अगर कोई अच्छा खेल खेलता है, तो उसके लिए शिक्षा की ज़रूरत नहीं है या अगर कोई पढ़ने में बहुत अच्छा है तो खेलों में शामिल बिल्कुल भी नहीं हो सकता। इसका मतलब यह है कि कोई भी मनुष्य खेलों में भाग ले सकता हैं, चाहे वह शिक्षित हो या फिर अशिक्षित। शिक्षा एवं खेल एक ही सिक्के अर्थात् सफलता के दो पहलू हैं। विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में खेल खेलना बहुत ही आवश्यक कर दिया गया है, इसके साथ ही शिक्षकों एवं अभिभावकों को उनके स्तर पर उनके विकास एवं वृद्धि के साथ ही देश का भविष्य बनाने के लिए खेल खेलने के लिए भी प्रेरित अवश्य करना चाहिए।
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खेल का प्रभाव
आजकल, एक बढ़िया भविष्य का निर्माण करने के लिए खेल एक बहुत ही प्रभावी तरीका है क्योंकि यह सभी के लिए समान एवं अच्छी नौकरी के अवसरों का मार्ग प्रशस्त भी करता है। इसके द्वारा खेल गतिविधियों का आयोजन करने वाले देश के अर्थव्यवस्था को बढ़ावा भी बहुत अधिक मिलता है। अंतराष्ट्रीय खेल गतिविधियों में जीतने पर यह विजेता देश के नागरिकों को गर्वान्वित भी महसूस भी कराता है।
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यह हमें प्रोत्साहित करने के साथ ही हममें देशभक्ति की भावना को भी जागृत अवश्य करता है। खेल अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत से देशों के बीच तनावों का कम करने का भी एक कारगर तरीका माना गया है। यह मनुष्य की शारीरिक एवं मानसिक शक्ति को सुधारने में सहायता करने के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक तंदुरुस्ती में भी काफी सुधार लाता है।
खेल और स्वास्थय
ऐसा कहा जाता है कि शरीर का स्वस्थ एक अच्छे जीवनयापन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। हमें अपने लक्ष्य पर पूर्ण रूप से ध्यान केन्द्रित करने के लिए हमारा मानसिक एवं बौद्धिक रुप से स्वस्थ होना बहुत ही अनिवार्य है। खेल द्वारा हममें उच्च स्तर का आत्मविश्वास पैदा हुआ है, जिससे हमारे जीवन में अनुशासन उत्पन्न होता है और यह अनुशासन हमारे साथ पूरे जीवन भर रहता है। इसलिए हमें बच्चों को हमेशा खेलों के लिए प्रोत्साहित अवश्य करना चाहिए और घर तथा स्कूली स्तर पर शिक्षकों और अभिभावकों की समान भागीदारी के द्वारा उनकी खेलों में रुचि को बढ़ावा देने का प्रयत्न भी अवश्य करना चाहिए। आज के समय में स्पोर्ट्स और खेल बहुत ही रुचिकर हो गए हैं और किसी के भी द्वारा किसी भी समय खेले भी जा सकते हैं हालांकि, पढ़ाई एवं अन्य किसी में भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इनका बचपन से ही अभ्यास अवश्य होना चाहिए।
खेल के प्रकार
खेल कई प्रकार के होते हैं और उनके नाम, उनके खेलने के तरीके एवं नियमों के अनुसार होते हैं। कुछ प्रसिद्ध खेल, क्रिकेट, हॉकी (राष्ट्रीय खेल), फुटबॉल, बॉस्केट बॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, दौड़, रस्सी कूद, ऊँची और लम्बी कूद, डिस्कस थ्रो, बैडमिंटन, तैराकी, खो-खो, कबड्डी, आदि शामिल हैं। खेल शरीर एवं मन, सुख तथा दुख के बीच सन्तुलन बनाने के द्वारा लाभ-हानि को ज्ञात करने का सबसे बढ़िया तरीका है। कुछ घंटे नियमित रुप से खेल खेलना, स्कूलों में बच्चों के कल्याण एवं देश के बढ़िया भविष्य के लिए बहुत ही अनिवार्य हो गया है।
निष्कर्ष
आपको यह भी बता दें कि हमें बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित अवश्य करना चाहिए तथा घर एवं स्कूली स्तर पर शिक्षकों और अभिभावकों की समान भागीदारी के द्वारा उनकी खेलों में रुचि का निर्माण भी अवश्य करना चाहिए। आज के समय में खेल बहुत ही रुचिकर हो गए हैं एवं किसी के भी द्वारा किसी भी समय खेले जा सकते हैं हालांकि, पढ़ाई और अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए इनका बचपन से ही अभ्यास अवश्य होना चाहिए।