Shri Ram Chandra lyrics in hindi |श्री राम जी का दिव्य मंत्र

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Shri Ram Chandra lyrics in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं प्रार्थना श्री राम एवं उनकी विशेषताओं की महिमा करती है. याद रहे कि यह विनय पत्रिका में पद्य संख्या 45 पर लिखा गया है.

बता दें कि मर्यादा पुरुषोतम श्री राम जी के नाम को ही मन्त्र बन गया है| राम से बड़ा, राम का नाम| राम नाम का जाप करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप एवं कष्ट सदैव के लिए दूर हो जाते हैं|  प्रभु श्री राम चन्द्र जी को स्मरण करने के लिए आरती का भी पाठ किया जाता है|

ऐसा कहा जाता है कि श्री रामचंद्र कृपालु” या “श्री राम स्तुति” गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा लिखित एक आरती है. यह सोलहवीं शताब्दी में संस्कृत एवं अवधी भाषाओं के मिश्रण में लिखी गई थी. प्रार्थना श्री राम एवं उनकी विशेषताओं की महिमा करती है. याद रहे कि यह विनय पत्रिका में पद्य संख्या 45 पर लिखा गया है.

Shri Ram Chandra Lyrics in Hindi

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं लिरिक्स – 

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं |

नव कंजलोचन, कंज – मुख, कर – कंज, पद कंजारुणं ||

कंन्दर्प अगणित अमित छबि नवनील – नीरद सुन्दरं |

पटपीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमि जनक सुतवरं ||

भजु दीनबंधु दिनेश दानव – दैत्यवंश – निकन्दंन |

रधुनन्द आनंदकंद कौशलचन्द दशरथ – नन्दनं ||

सिरा मुकुट कुंडल तिलक चारू उदारु अंग विभूषां |

आजानुभुज शर – चाप – धर सग्राम – जित – खरदूषणमं ||

इति वदति तुलसीदास शंकर – शेष – मुनि – मन रंजनं |

मम ह्रदय – कंच निवास कुरु कामादि खलदल – गंजनं ||

मनु जाहिं राचेउ मिलहि सो बरु सहज सुन्दर साँवरो |

करुना निधान सुजान सिलु सनेहु जानत रावरो ||

एही भाँति गौरि असीस सुनि सिया सहित हियँ हरषीं अली |

तुलसी भवानिहि पूजी पुनिपुनि मुदित मन मन्दिरचली ||

दोहा 

जानि  गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि |

मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे  ||

श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti) :

श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन, प्रभु श्री राम चन्द्र जी की स्तुति है जिसमे प्रभु श्री रामचंद्र जी की वीरता, शौर्य एवं उनके गुणों का उल्लेख भी किया गया है। यह स्तुति संस्कृतमय अवधी में है। इसमें कई अलंकारों का इस्तेमाल किया गया है। श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन भजन मन को मंत्र मुग्ध करने वाला भजन माना गया है।

बता दें कि प्रभु श्री राम की चारित्रिक विशेषताएं एवं जीवन आदर्श सभी के लिए अनुकरणीय हैं। प्रभु श्री राम को जीवन ऐसा बिल्कुल भी नहीं मिला था जिसमे सिर्फ राजसी ठाट बाठ हों, उनका जीवन संघर्षों का एक अंतहीन क्रम था। प्रभु श्री राम ने हर परंपरा का पालन किया एवं उन्हें १४ वर्ष के लिए वनवास भी जाना पड़ा। उन्होंने सहर्ष इसे स्वीकार किया। विकट कठिनाइयों में वन में रहना एवं वहां माता सीता का अपहरण हो जाना, रावण से घमासान युद्ध करना,वनवास के पश्चात् माता सीता को पुनः खो देना प्रभु श्री राम के संघर्ष को दर्शाते हैं। इसके विपरीत आज हम जीवन के छोटे-छोटे संघर्षों से हार जाते हैं एवं अपना दुखड़ा रोते रहते हैं। 

याद रहे कि प्रभु श्री रामचन्द्र जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि किस प्रकार से कठिनाइयों का सामना करते हुए भी हम मर्यादा का पालन करें। प्रभु श्री रामचन्द्र जी की जीवन का हर एक कदम एक बड़ी शिक्षा है, जिसे हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। धैर्य, संघर्ष, मर्यादा, सत्यवादिता जैसे जीवन मूल्य हमें प्रभु श्री रामचन्द्र जी के जीवन से सीखने को मिलते हैं। प्रभु श्री रामचन्द्र जी के जीवन महत्त्व उनके संघर्ष के कारण से नहीं अपितु उनके द्वारा समस्त बाधाओं एवं परेशानियों का शिष्टता पूर्वक सामना करने में हैं। यही जीवन का सार माना गया है।

राम पूजा से लाभ –

दरअसल मेरा यह मानना है कि आराध्य देव की पूजा से सीधे यह लाभ नहीं होता है कि हमें कही से भी गड़ा धन मिल जाएगा, या फिर नौकरी लग जायेगी या फिर पद्दोन्नति हो जायेगी अपितु पूजा – अर्चना से ही हमारा मनोबल बढ़ता है एवं सकारात्मक विचार भी आते हैं, स्वयं के अकेले होने का भाव पूरी तरह से समाप्त भी हो जाता है एवं मनुष्य आत्मविश्वाश से भर जाता है जिसके सहारे से सम्पन्नता, रोजगार, वैभव एवं आपसी रिश्तों में मधुरता अपने आप ही आ जाती है, जिसके फलस्वरूप मनुष्य का जीवन सुगमता से बीत जाता है। यही रहस्य है पूजा – अर्चना से मिलने वाला लाभ। आप अगर चाहे तो यह समझ सकते हैं कि प्रभु के आशीर्वाद से सभी कार्य अवश्य बन जाते हैं। जब हम प्रभु श्री रामचन्द्र जी के चारित्रिक गुणों को अपने जीवन में उतारने के लिए पूरी तरह से तत्पर हो जाते हैं तो हम सुगम जीवन की प्रथम सीढ़ी चढ़ चुके होते हैं। 

मन्त्रों के शक्ति को वैज्ञानिक स्तर पर भी परखा जा चूका है। मंत्र दिव्य होते हैं एवं हमारे दिमाग को रहस्यमय तरीके से जाग्रत भी कर देते हैं। दरअसल यह एक प्रकार से विद्युत् तरंगों का निर्माण भी किया करते हैं जो हमारे दिमाग को उच्चतम सीमा तक सक्रीय बनाकर रखते हैं। 

प्रभु श्री रामचन्द्र जी का एक दिव्य मंत्र भी है जिसके जाप से आपके जीवन में सम्पन्नता आएगी एवं आप हर एक परेशानी को पार भी कर लेंगे। यह मंत्र तारक मंत्र होता है एवं इस मंत्र के जाप से जातक के सभी दोष व कष्ट मिट जाते हैं एवं उसमे दया, क्षमा, निष्कामता जैसे दिव्य गुणों का विकास भी होने लगता है। इस मंत्र के जाप से दूषित संस्कारों का अंत भी होता है एवं मनुष्य आत्मविश्वास से भर जाता है। ये तो हम सब जानते ही हैं कि साहस एवं आत्मविश्वास के सहारे मनुष्य बड़ी से बड़ी कठिनाई को भी पार कर सकता है। इस मंत्र की विशेषता यह है कि इसका जाप कोई भी मनुष्य कहीं भी कर सकता है। यह मंत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसे “मंत्र राज” एवं संकटनाशक भी कहा जाता है। 

दरअसल इस मंत्र को सबसे पहले प्रभु श्री हनुमान जी को नारद मुनि के द्वारा दिया गया था। यह मंत्र जाप करने के लिए बहुत ही सरल एवं आसान है तथा इसे कहीं भी जाप किया जा सकता है जिसके लिए किसी विशेष पूजा – आराधना की कोई ज़रूरत नहीं होती बस जातक का हृदय ईश्वर भक्ति से भरा होना चाहिए। यह मंत्र मनुष्य को उसकी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करने में बहुत ही मदद किया करता है एवं दुःख दर्द तथा विषय विकारों का अंत भी कर देता है।

श्री राम जी का दिव्य मंत्र :

श्री राम, जय राम, जय जय राम

मन्त्र की व्याख्या : यह मंत्र उच्चारण में बहुत ही सरल एवं आसान भी होता है परन्तु इसका प्रभाव बहुत ही शक्तिशाली बताया गया है।

श्रीराम : यहाँ जातक प्रभु श्री रामचन्द्र जी को पुकार लगाता है।

जय राम : दरअसल यह प्रभु श्री रामचन्द्र जी की स्तुति होती है।

जय जय राम: यहाँ जातक भगवान श्री रामचन्द्र जी के प्रति पूर्ण समर्पण दर्शाता है। 

जीवन के तीन गन सत, रज एवं तम समस्त बंधनों के कारक होते हैं।  इस मंत्र से इन तीनो पर विजय भी प्राप्त की जा सकती है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.