Shyam Chalisa हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा- ऐसे ही नहीं कहा जाता, कुछ ख़ास वजह है इसके पीछे. जानेंगे इसके पीछे की कहानी एवं पढेंगे Shyam Chalisa
कौन हैं भगवान श्री खाटू श्याम जी
भगवन श्री खाटू श्याम जी को श्री कृष्ण का कलयुग अवतार जाना जाता है. इनका संबंध अत्यंत प्राचीन एवं गौरवशाली इतिहास से है. महाभारत काल में ये यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे. मान्यता है कि खाटू श्याम जी की अनंत शक्ति और सामर्थ्य से प्रभावित होकर प्रभु श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था .
Also Read:-
Chalisa Sanghrah (चालीसा संग्रह )
राजस्थान के सीकर में है भव्य मंदिर
राजस्थान राज्य के सीकर जिले में भगवान श्री खाटू श्याम जी का अनुपम एवं भव्य मंदिर स्थित है. इस मंदिर में प्रति वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. भक्त मानते हैं कि बाबा खाटू श्याम सभी की मुरादें पूरी करके गरीब से गरीब को भी राजा बना सकते हैं.
Also Read:-
Shree Vindheshwari Chalisa in Hindi- Lyrics
आज हम बात करेंगे भगवान श्री खाटू श्याम जी की आराधना की अर्थात Shree Khatu Shyam Chalisa की. इस चालीसा के माध्यम से आप अपने सत्कर्मों में वृद्धि कर सकते हैं और अपने जीवन के सारे कष्टों से मुक्ति पा के सुख के साथ इस भाव सागर को पार कर सकते हैं. श्री श्याम चालीसा आनंदित करने वाला भक्ति गीत है जो श्री खाटू श्याम जी पर आधारित है. आइये पढ़ते हैं उनका प्रिय चालीसा का पाठ-
Also Read:-
Shri Vishnu Chalisa in Hindi – Benefits & Lyrics
Shree Khatu Shyam Chalisa Lyrics in Hindi
दोहा
श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीरों सच्चिदानंद।
श्याम चालीसा भणत हूं, रच चौपाई छंद ।।
चौपाई
श्याम-श्याम भजि बारंबारा। सहज ही हो भवसागर पारा।
इन सम देव न दूजा कोई। दीन दयालु न दाता होई।।
भीम सुपुत्र अहिलावती जाया। कहीं भीम का पौत्र कहाया ।
यह सब कथा कही कल्पांतर। तनिक न मानो इसमें अंतर।।
बर्बरीक विष्णु अवतारा। भक्तन हेतु मनुज तन धारा।
बासुदेव देवकी प्यारे। जसुमति मैया नंद दुलारे।।
मधुसूदन गोपाल मुरारी। वृजकिशोर गोवर्धन धारी।
सियाराम श्री हरि गोबिंदा। दीनपाल श्री बाल मुकुन्दा ।।
दामोदर रण छोड़ बिहारी। नाथ द्वारिकाधीश खरारी।
राधाबल्लभ रुक्मणि कंता। गोपी बल्लभ कंस हनंता।।
मनमोहन चित चोर कहाए। माखन चोरि- चोरि कर खाए।
मुरलीधर यदुपति घनश्यामा। कृष्ण पतित पावन अभिरामा।।
मायापति लक्ष्मीपति ईशा। पुरुषोत्तम केशव जगदीशा।
विश्वपति त्रिभुवन उजियारा । दीनबंधु भक्तन रखवारा।।
प्रभु का भेद न कोई पाया। शेष महेश थके मुनिराया।
नारद शारद ऋषि योगिंदर । श्याम-श्याम सब रटत निरंतर।।
करि कोविद करि सके न गिनन्ता । नाम अपार अथाह अनन्ता ।।
हर स्रष्टि हर सुग में भाई। ले अवतार भक्त सुखदाई।।
ह्रदय मांहि करि देखु विचारा। श्याम भजे तो हो निस्तारा।
कीर पढ़ावत गणिका तारी। भिलनी की भक्ति बलिहारी।।
सती अहिल्या गौतम नारी। भई श्रापवश शिला दुखारी ।
श्याम चरण रज चित लाई। पहुंची पति लोक में जाई ।।
अजामिल अरु सदन कसाई। नाम प्रताप परम गति पाई।
जाके श्याम नाम अधारा। सुख लहहि दुःख दूर हो सारा।।
श्याम सुलोचन है अति सुंदर। मोर मुकुट सिर तन पीतांबर।
गल बैजंती माल सुहाई। छवि अनूप भक्तन मन भाई।।
श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती। शाम, दुपहरि अरु परभाती।
श्याम सारथी जिस के रथ के। रोड़े दूर होए उस पथ के।।
श्याम भक्त न कहीं पर हारा। भीर परि तब श्याम पुकारा।
रसना श्याम नाम रस पी ले। जी ले श्याम नाम के ही ले।।
संसारी सुख भोग मिलेगा। अंत श्याम सुख योग मिलेगा।
श्याम प्रभु हैं तन के काले। मन के गोरे भोले-भाले।।
श्याम संत भक्तन हितकारी। रोग-दोष अघ नाशे भारी।
प्रेम सहित जो नाम पुकारा। भक्त लगत श्याम को प्यारा।।
खाटू में हैं मथुरावासी। पारब्रह्म पूरण अविनाशी।
सुधा तान भरि मुरली बजाई। चहु दिशि नाना जहां सुनि पाई।।
वृद्ध बाल जेते नारि नर। मुग्ध भये सुनि वंशी स्वर।
दौड़ दौड़ पहुंचे सब जाई। खाटू में जहां श्याम कन्हाई।।
जिसने श्याम स्वरूप निहारा। भव भय से पाया छुटकारा।
दोहा
श्याम सलोने संवारे, बर्बरीक तनुधार।
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार ।।
Also Read:-
Aparajita Stotram in Hindi | Lyrics | Benefits | PDF Download
मित्रों यदि आप Khatu Shyam Chalisa को PDF फॉर्मेट में ऑफलाइन डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप नीचे दिए हुए लिंक पे क्लिक कर के इसे डाउनलोड कर सकते हैं-
Also Read:-