चेन्नई क्या है |शानदार इतिहास| पूरी जानकारी 

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में चेन्नई क्या है के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं चेन्नई का पूर्व नाम मद्रास था यह भारत का सबसे बड़ा एवं दुनिया का दूसरा समुद्र तटो में गिना जाता है।

चेन्नई क्या है – 

चेन्नई भारतीय राज्य तमिलनाडु की राजधानी है। बता दें कि चेन्नई का पूर्व नाम मद्रास था बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक, आर्थिक एवं शैक्षिक केंद्रों में से सबसे प्रमुख माना जाता है। 

दरअसल यह भारत का सबसे बड़ा एवं दुनिया का दूसरा समुद्र तटो में गिना जाता है। मरीना मध्य भारत के बंगाल की खाड़ी के साथ चेन्नई, तमिलनाडु में एक प्राकृतिक शमरी समुद्र तट रहा है। यह तट लगभग 13 किमी. दूरी पर है.

इतिहास – 

ऐसा कहा जाता है कि चेन्नई एवं आस-पास का क्षेत्र पहली सदी से ही महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक, सैनिक, तथा आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र रहा है। यह दक्षिण भारत के बहुत से महत्त्वपूर्ण राजवंशों यथा, पल्लव, चोल, पांड्य, और विजयनगर आदि का केन्द्र बिन्दु रहा है। मयलापुर शहर जो कि अब चेन्नई शहर का हिस्सा बन गया है, 

दरअसल पल्लवों के जमाने में एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह हुआ करता था। आधुनिक काल में पुर्तगालियों ने सन १५२२ में यहाँ आने के पश्चात एक और बंदरगाह बनाया जिसे साओ तोमे के नाम से जाना गया। पुर्तगालियों ने अपना बसेरा आज के चेन्नई के उत्तर में पुलीकट नामक स्थान पर बसाया तथा वहीं डच इस्ट इंडिया कंपनी की नींव भी रखी।

२२ अगस्त सन १६३९, को संत फ्रांसिस दिवस के मौके पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर के राजा पेडा वेंकट राय से कोरोमंडल तट चंद्रगिरी में कुछ जमीन खरीदी। इस इलाके में दमरेला वेंकटपति, जो कि इस इलाके के नायक थे तथा उनका शासन भी था। उन्होंने व्यापारियों को वहाँ एक फैक्ट्री तथा गोदाम बनाने की अनुमति भी दी। एक वर्ष पश्चात, व्यापारियों ने सेंट जॉर्ज किला बनवाया जो कि बाद में औपनिवेशिक गतिविधियों का केन्द्र बिन्दु बना। 

बता दें कि सन १७४६ में, मद्रास एवं सेंट जॉर्ज के किले पर फ्रासिंसी फौजों ने अपना कब्जा पूरी तरह से जमा लिया था। तत्पश्चात कंपनी का इस क्षेत्र पर नियंत्रण पुनः सन १७४९ में एक्स ला चैपल संधि (१७४८) की बदौलत हुआ। इस क्षेत्र को फ्रांसिसियों तथा मैसूर के सुल्तान हैदर अली के हमलों से बचाने के लिए इस पूरे क्षेत्र के किले को बंद कर दिया गया। अठारहवीं सदी के अंत होते-होते ब्रिटिशों ने लगभग पूरे आधुनिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक के हिस्सों को अपने अधिकार में कर लिया तथा मद्रास प्रेसिडेंसी की स्थापना भी की जिसकी राजधानी मद्रास निर्धारित की गयी। ब्रिटिशों की हुकुमत के अधीन चेन्नई शहर एक महत्त्वपूर्ण आधुनिक शहरी क्षेत्र तथा जलसेना केन्द्र बनकर उभरा।

ध्यान रखने वाली बात यह है कि चेन्नई भारत के दक्षिण-पूर्वी तट पर तमिलनाडु के उत्तर-पूर्वी भाग में एक समतल तटीय मैदान पर स्थित है जिसे पूर्वी तट का मैदान कहा जाता है। इसकी औसत ऊंचाई कम से कम 6.7 मीटर है एवं इसका उच्चतम बिंदु केवल 60 मीटर है। चेन्नई देश में सबसे बढ़िया खरीदारी स्थलों में से एक होने के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप शॉपिंग के दीवाने हैं तो चेन्नई आपको निराश बिल्कुल भी नहीं करेगा। चेन्नई मुख्य रूप से पर्यटकों को तमिलनाडु के पर्यटन स्थल की ओर बहुत अधिक आकर्षित करता रहता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.