Dharamraj ki kahani|सबसे लोकप्रिय  धर्मराज की कहानी इन हिंदी

kahani sangrah

Dharamraj ki kahani मित्रों इस पोस्ट में धर्मराज की कहानी इन हिंदी  प्रस्तुत है। यदि वर्तमान परिवेश में देखा जाये तो Dharamraj Ki Kahaniyan In Hindi  एक महत्वपूर्ण विषय है। आप Dharamraj Ki Kahani पढ़ें एवं अपने ज्ञान का वर्धन करें। हमें उम्मीद है कि Dharamraj Ki Kahaniyan Hindi आपको अवश्य पसंद आएगा। 

धर्मराज की कहानी इन हिंदी

प्राचीन समय की बात है कि एक नगर में दो सेठानियां रहती थी। बड़ी सेठानी के घर में बहुत अधिक धन था परन्तु वह बहुत ही कंजूस थी। छोटी सेठानी के घर में धन कम था परन्तु वह मन से बहुत दयालु एवं मददगार थी, वह स्वयं को धर्म के कार्य करने तथा लोगों की सहायता करने में लगी रखती थी।

वह प्रतिदिन सवेरे गंगा स्नान करने के लिए जाती, तुलसी माता, बड़-पीपल सींचती , प्रभु के मंदिर जाकर पूजा – अर्चना करती एवं धर्मराज जी की कहानी सुनती थी। जबकि बड़ी सेठानी यह सब देखकर हंसती थी और यह कहती थी कि पता नहीं दिन भर क्या फालतू काम करती रहती हैं। ऐसा करते-करते दिन बीतने लगे एवं सेठानियां बहुत ही बूढ़ी हो गई तब प्रभु के घर से बुलावा आया।

छोटी सेठानी को लेने के लिए धर्मराज जी ने अपना विमान भेजा जबकि बड़ी सेठानी को दूत मारते हुए ले जाने लगे। रास्ते में बड़ी सेठानी ने कहा कि मुझे बहुत ही भूख लगी है तब दूत बोले कि अगर तुमने जीवन में किसी को खाना खिलाया होगा तब ही तुम्हें खाना मिलेगा। थोड़ी देर पश्चात उसने फिर से कहा कि मुझे प्यास भी लगी है तब दूत बोले कि अगर तुमने जीवन में किसी को पानी पिलाया होगा तभी तुम्हें पानी नसीब होगा।

रास्ते में उसके काटे चुभने लगे एवं तेज गर्मी भी पड़ने लगी परन्तु दूत उसे घसीटते हुए ले गये। अब बड़ी सेठानी बहुत पछताने लगी कि मेरे पास सब कुछ होते हुए भी दान धर्म नहीं किया। इतनी देर में धर्मराज जी का दरबार आ गया वहां जाकर उसने देखा कि छोटी सेठानी प्रभु के पास सिंहासन पर बैठी थी।

उधर बड़ी सेठानी को तपते हुए कुंड में डाल दिया गया तब बड़ी सेठानी बोली कि मुझे सवा पहर का समय दीजिए मैं वापस आकर दंड भोग लूँगी। धर्मराज बोले ठीक है। बड़ी सेठानी के शरीर में वापिस प्राण डाल दिए गए। धरती पर आते ही उसने पंडितों को बुलाकर धर्मराज जी की कहानी सुनी और सब तरह के दान धर्म भी किए। इतने में समय पूर्ण हो गया।

अबकी बार बड़ी सेठानी को लेने धर्मराज जी का विमान आया। सवा पहर के दान धर्म एवं धर्मराज जी की कहानी सुनने से बड़ी सेठानी को स्वर्ग की प्राप्ति हुई। धर्मराज जी ने जैसी कृपा सेठानी पर की ठीक वैसी सब पर करना धर्मराज जी की कहानी सुनने वाले, कहने वाले, हुंकार भरने वाले एवं पूरे परिवार पर कृपा करना।

तो यह थी धर्मराज जी की कहानी (धर्मराज जी की कथा)। आशा करता हूँ कि आप सभी को धर्मराज जी की कहानी बहुत ही पसंद आई होगी धन्यवाद।