आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में CAG Full Form in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं CAG की Hindi में Full Form क्या होती है।
CAG क्या है –
बता दें कि भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (अंग्रेज़ी में इसे Controller and Auditor General of India कहते हैं संक्षिप्त नाम CAG कैग होता है.
भारतीय संविधान के अध्याय ५ द्वारा स्थापित एक प्राधिकारी होता है जो भारत सरकार एवं सभी प्रादेशिक सरकारों के सभी तरह के लेखों का अंकेक्षण किया करता है। वह सरकार के स्वामित्व वाली कम्पनियों का भी अंकेक्षण किया करता है।
दरअसल सविधान द्वारा स्थापित एक संविधानिक पद होता है जो भारत सरकार तथा सभी प्रादेशिक सरकारों के सभी तरह के लेखों का ऑडिटकरता है जिसमे पब्लिक सेक्टर की कंपनी भी दायरे में आती है | यह पूर्णतया स्वंतंत्र रूप से अपना काम किया करती है, इस प्रकार इसके कार्य में सरकार द्वारा कोई हस्तक्षेप बिल्कुल भी नहीं किया जा सकता | नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक को भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा सेवा का मुखिया भी कहते हैं | इस पद की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति के द्वारा ही निश्चित की जाती है |
कर्तव्य तथा शक्तियां –
दरअसल नियंत्रक-महालेखापरीक्षक संघ के एवं राज्यों के और अन्य किसी प्राधिकारी या निकाय के लेखाओं के संबंध में ऐसे कर्तव्यों का पालन और ऐसी शक्तियों का इस्तेमाल करेगा जिन्हें संसद के द्वारा बनाई गई विधि द्वारा या उसके अधीन विहित किया जाए एवं जब तक इस निमित्व इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता तब तक संघ के और राज्यों के लेखाओं के संबंध में ऐसे कर्तव्यों का पालन और ऐसी शक्तिंयों का इस्तेमाल करेगा जो इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले क्रमश: भारत डोमिनियन के और प्रांतों के लेखाओं के संबंध में भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक को प्रदत थी या उसके द्वारा प्रयोक्तव्य थी।
बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 148 में नियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक का वर्णन किया गया है | अपनी रिपोर्ट यह राज्य स्तर पर राज्यपाल को एवं केंद्र स्तर पर राष्ट्रपति को देता है | कैग का मुख्यालय 10 बहादुर शाह जफर मार्ग पर नई दिल्ली में स्थित है | भारत के कैग (CAG) का कार्यकाल कम से कम 6 वर्ष या 65 वर्ष तक की अधिकतम आयु के लिए ही किया जाता है | CAG को संसद की लोक लेखा समिति का ‘आँख व कान’ भी कहते हैं |
ऐसा कहा जाता है कि भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक राष्ट्रीय और राज्य सरकारों के खर्चों के बाहरी तथा आंतरिक लेखा परीक्षा के लिए जिम्मेदार सर्वोच्च प्राधिकरण माना गया है । यह लोकप्रिय रूप से भारत के सीएजी के रूप में अवश्य पुकारा जाता है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की भूमिका –
आपको यह बता दूँ कि नियंत्रक-महालेखापरीक्षक संविधान में निर्धारित एकमात्र प्राधिकरण है जिसे संघ एवं राज्यों के खातों की लेखापरीक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से सौंपी गई है। यह नियंत्रक-महालेखापरीक्षक का कर्तव्य है कि वह संघ एवं प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की प्राप्तियों और व्यय का लेखा-जोखा अवश्य करे। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक की लेखा परीक्षा रिपोर्ट संसद या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की विधायिका, जैसा भी मामला हो, उसके समक्ष अवश्य रखी जाती है। नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के कर्तव्यों का विस्तार विधायिका के द्वारा बनाए गए कानूनों और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार सरकारी कंपनियों और निगमों और निकायों और प्राधिकरणों की लेखा परीक्षा तक भी होता है।
निष्कर्ष –
आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.