सरोजिनी नायडू पर निबंध (Sarojini Naidu Essay in Hindi)
प्रस्तावना
Sarojini Naidu Essay भारत की कोकिला कही जाने वाली सरोजिनी नायडू देश की प्रथम महिला राज्यपाल और भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं . इसके साथ ही वे एक महान कवियित्री , स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रसिद्ध वक्ता थीं . उन्होंने अपने भाषण और कविताओं के माध्यम से देश की जनता में आजादी के प्रति नई चेतना जगाई .
वह गांधी जी की विचार धाराओं से अत्यंत प्रभावित थी और उन्होंने गांधी जी द्वारा आरंभ किए गए अनेक आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया जिस कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. वह भारत की महान क्रांतिकारी महिला और महान राजनीतिज्ञ थी जिन्होंने संग्राम में बहुत योगदान दिया है .
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सरोजिनी नायडू का व्यक्तिगत जीवन –
सरोजिनी नायडू का जन्म :
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को आंध्र प्रदेश के , हैदराबाद नगर में हुआ था. इनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और माता वरद सुंदरी देवी थीं.इनके पिता एक महान वैज्ञानिक , डॉक्टर और एक कुशल शिक्षक थे . जबकि माँ बंगाली भाषा में कविता लिखा करती थीं. इनका पूरा नाम था – सरोजिनी गोविंद नायडू.
सरोजिनी नायडू की शैक्षिक जानकारी :
बचपन से ही पढ़ाई में होशियार होने के कारण मात्र 12 साल की उम्र में ही उन्होंने प्रथम श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी. फिर 4 साल पढ़ाई से दूर रहने के बाद उनको निजाम शिष्यवृति संस्था द्वारा इंग्लैंड में पढ़ाई करने का अवसर प्राप्त हुआ . 12 वर्ष की अवस्था में उन्होंने अपना पहला काव्यखंड (Sarojini Naidu Poetry ) लिखा जिसका नाम था ” द लेडी ऑफ लेक “.
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सरोजिनी नायडू का वैवाहिक जीवन
सन 1898 में इनकी गोविंदराजुलू नायडु से मुलाकात हुई . और 19 साल की उम्र में उनसे अन्तर्जातीय विवाह कर लिया.
सरोजिनी नायडू का राजनीतिक जीवन
सन 1914 में पहली बार उनकी मुलाकात महात्मा गांधी जी से हुई. गांधी जी के साथ साथ वह गोपाल कृष्ण गोखले से भी बहुत प्रभावित थी. उन्होंने पूरे देश में घूम घूम कर स्वतंत्रता पर भाषण दिए और लोगों को जागरूक किया. उनके शब्द जादू की तरह काम करते थे. उनको हिन्दी , अंग्रेजी , बांग्ला और गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान था जिनमें वह भाषण देती थीं . एक बार लंदन की एक सभा में अंग्रेजी में भाषण देकर उन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था.
सरोजिनी नायडू का उपलब्धियां –
सरोजिनी नायडू को “भारत कोकिला” के नाम से भी जाना जाता है .
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सरोजिनी नायडू द्वारा लिखित सुप्रसिद्ध काव्यखंड है ( Sarojini Naidu Poems In Hindi )
1905-द गोल्डन थ्रेशहोल्ड
1912-द फायर ऑफ लंदन
1912-द बर्ड ऑफ टाइम
1917-द ब्रोकेन विंग उनकी कविताओं और लेखन के लिए उन्हे नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया की उपाधि से सम्मानित किया गया था. साल 1925 में वह काँग्रेस के अध्यक्ष के पद पर आसीन हुईं और 1932 में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व दक्षिण अफ्रीका में किया .सन 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद किसी भी राज्य की Governor (राज्यपाल) चुनी जाने वाली वह पहली महिला थीं .
सरोजिनी नायडू का योगदान
( Sarojini Naidu Works) सन 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तब उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोनलन में पूर्ण सहयोग दिया . इस दौरान गांधी जी और गोपाल कृष्ण गोखले के संपर्क में आने के बाद उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलनों में अपना सम्पूर्ण योगदान दिया.
1942 में उन्होंने “भारत छोड़ो आंदोलन” में भाग लिया जिसके चलते उन्हे कई बार जेल भी जाना पड़ा श्रीमति सरोजिनी नायडू ने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला मुक्ति और महिला शिक्षा जैसे आंदोलनों की शुरुआत की.महिला अधिकार के लिए उन्होंने अखिल भारतीय महिला परिषद की सदस्यता हासिल की और राज्य स्तर से लेकर छोटे – छोटे जिलों तक महिलाओं को जागरूक किया. सन 1930 में नमक कानून के खिलाफ दांडी मार्च में भी उन्होंने गांधी जी के साथ पैदल यात्रा की.
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आजादी के बाद देश के सबसे बड़े राज्य की पहली महिला राजपाल के रूप में उन्होंने पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम किया . कुछ समय बाद वे बीमारी से ग्रस्त हो गयीं .सन 2 मार्च 1949 के दिन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया .
उपसंहार –
भारत की बुलबुल कहीं जाने वाली श्रीमति सरोजिनी नायडू को देश कभी नहीं भूल पाएगा.पूरा देश उनके जन्म दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women Day) के रूप में मनाता है . वे गांधी जी के बहुत करीब थीं और उनको मिकी माउस कहकर बुलाती थीं. वह एक सच्ची देशभक्त और क्रांतिकारी वीरांगना थीं . जिन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से हर नागरिक के अंदर देशभक्ति की भावना को जगाया. अपनी मधुर और प्रेरणात्मक कविताओं के रूप में वे देश के हर नागरिक के दिल में हमेशा के लिए जीवित रहेंगी.
Sarojini Naidu Poetry- Sarojini Naidu Poems In Hindi
उनके द्वारा लिखित सुप्रसिद्ध काव्यखंड है –
1905–द गोल्डन थ्रेशहोल्ड
1912–द फायर ऑफ लंदन
1912–द बर्ड ऑफ टाइम 1917-द ब्रोकेन विंग
Sarojini Naidu Date Of Birth
सरोजिनी नायडू का जन्म: सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को आंध्र प्रदेश के , हैदराबाद नगर में हुआ था।
Death Of Sarojini Naidu-
सरोजिनी नायडू की मृत्यु –सन 2 मार्च 1949 के दिन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया
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Sarojini Naidu Quotations
(1)किसी को भी किसी भी फायदे के लिए एक seer’s vision और फरिश्ते की आवाज़ की आवश्यकता होती है.
(2)मेरा पति बहुत व्यस्त है कुछ समय के लिए उनके जाने की बात धीमी हो गई थी लेकिन अभी फिर उसे सामने आने के लिए एक कदम लगता है.
(3)जब उत्पीड़न होता है,तो केवल आत्म-सम्मान की बात उठती है और कहते है कि यह आज खत्म हो जाएगा, क्योंकि मेरा अधिकार न्याय है.
(4)यदि आप मजबूत हैं, तो आपको कमजोर लड़के या लड़की को खेलने और काम में दोनों में इनकी मदद करनी होगी.
(5)ओह, हम अपनी बीमारी से भारत को साफ करने से पहले पुरुषों की एक नई नस्ल चाहते हैं.
(6)एक देश की महानता,बलिदान और प्रेम उस देश के आदर्शों पर निहित करता है.
(7)हम गहरी सच्चाई का मकसद चाहते हैं, भाषण में अधिक से अधिक साहस और कार्यवाही में ईमानदारी.
(8)“श्रम करते हैं हम कि समुद्र हो तुम्हारी जागृति का क्षण, हो चुका जागरण अब देखो, निकला दिन कितना उज्ज्वल”.