Who Is Brahman
ऐसा कहा जाता है कि ईश्वरवादी, वेदपाठी, ब्रह्मगामी, सरल, एकांतप्रिय, सत्यवादी एवं बुद्धि से जो दृढ़ हैं, वे सभी ब्राह्मण कहे गए हैं तरह-तरह की पूजा-पाठ आदि पुराणिकों के कर्म को छोड़कर जो वेदसम्मत सभी आचरण करता है वह ही ब्राह्मण कहने योग्य माना गया है.

आपको ये बता दें कि जो ब्रह्म (प्रभु) को छोड़कर किसी अन्य को भी पूजता है, वह ब्राह्मण कहलाता है. ब्रह्म को जानने व पहचानने वाला ब्राह्मण ही कहलाता है. मन, वचन एवं काया से किसी भी जीव की हिंसा बिल्कुल भी नहीं करता, उसी को हम लोग ब्राह्मण कहते हैं.
भगवान बुद्ध का मानना हैं कि ब्राह्मण न तो कोई जटा से उत्पन्न होता है, न गोत्र से एवं न जन्म से उत्पन्न होता है. जिसमें सत्य है, धर्म है एवं जो पवित्र है, वही ब्राह्मण कहलाने योग्य है. कमल के टुकड़ों पर जल एवं आरे की नोक पर सरसों की तरह जो विषय-भोगों में लिप्त नहीं होता, वह सत्य ब्राह्मण कहलाता है.
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Brahman In Hindi-
1. मात्र:
ऐसा कहा जाता है कि ऐसे ब्राह्मण जो जाति से ब्राह्मण हैं परन्तु वे अपने कर्म से ब्राह्मण बिल्कुल भी नहीं हैं उन्हें केवल ब्राह्मण कहा गया है. ब्राह्मण कुल में जन्म लेने से कोई ब्राह्मण नहीं बन जाता. बहुत से ब्राह्मण ब्राह्मणोचित उपनयन संस्कार एवं वैदिक कर्मों से बहुत दूर रहते हैं, वैसे तो केवल वे मात्र हैं. वे तरह तरह के देवी-देवताओं की पूजा – अर्चना भी करते हैं एवं रात्रि के क्रियाकांड में बिल्कुल लिप्त रहते हैं वे सभी प्रकार के राक्षस धर्मी भी हो जाते हैं.
2. ब्राह्मण:
आपको ये बता दें कि ईश्वरवादी, वेदपाठी, ब्रह्मगामी, सरल, एकांतप्रिय, सत्यवादी एवं बुद्धि से जो दृढ़ हैं वे ही ब्राह्मण कहे गए हैं तथा तरह-तरह की पूजा-पाठ आदि पुराणिकों के कर्म को छोड़कर जो वेदसम्मत सभी का आचरण करता है वह ही ब्राह्मण कहा गया है.
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3. श्रोत्रिय:
ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी मनुष्य वेद की किसी एक शाखा को कल्प एवं छहों अंगों सहित पढ़कर ब्राह्मणोचित 6 कर्मों में निष्प्रय रहता है, वह ही ‘श्रोत्रिय’ कहलाता है.
4. अनुचान:
ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई भी जातक वेदों एवं वेदांगों का तत्वज्ञ, पापरहित, शुद्ध चित्त, श्रेष्ठ, श्रोत्रिय विद्यार्थियों को पढ़ाने वाला एवं विद्वान है, वह केवल ‘अनुचान’ माना गया है.
5. भ्रूण:
विद्वानों का मत है कि अनुचान के समस्त गुणों से युक्त होकर केवल यज्ञ एवं स्वाध्याय में ही निपुण रहता है, ऐसे द्रंढ़ व्यक्ति को भ्रूण कहा गया है.
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6. ऋषिकल्प:
ऐसा जाना जाता है कि जो कोई भी व्यक्ति सभी वेदों, स्मृतियों एवं लौकिक विषयों का ज्ञान प्राप्त कर मन तथा इंद्रियों को वश में करके आश्रम में हमेशा ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए निवास करता है उसे ऋषिकल्प के नाम से पुकारा जाता है.
7. ऋषि:
कहा गया है कि ऐसे व्यक्ति तो सम्यक आहार आदि करते हुए ब्रह्मचारी रहकर संशय एवं हर संदेह से परे हैं उस सत्यवादी एवं समर्थ व्यक्ति को ऋषि के नाम से पुकारा जाता है.
8. मुनि:
ऐसा माना गया है कि जो व्यक्ति निवृत्ति मार्ग में स्थित, संपूर्ण तत्वों का ज्ञाता, ध्याननिष्ठ, जितेन्द्रिय एवं भरपूर सिद्ध होता है वह ही ब्राह्मण को ‘मुनि’ के नाम से पुकारते हैं.
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Brahman Jaati Ki Shuruaat Kaise Hui-
ऋषियों के अनुसार यह कहा जाता है कि “ब्राह्मणों की शुरुआत” एक हिंदू धर्म के देवता “ब्रह्मा” से उत्पन्न हुई थी.
आपको ये बता दें कि वर्तमान समय में जितने भी ब्राह्मण समाज के लोग हैं वे सभी लोग अपने भगवान ब्रह्मा के वंशज माने जाते हैं.
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Brahman Mantra Before Eating Food-
ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्म समाधिना।।
ॐ सह नाववतु।
सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै।
तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्विषावहै॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
Quotes On Brahman In Hindi-
- वो ब्राहमण ही किस काम का,
जो नाम ना ले परशुराम का
- पंडित नाम है उस इंसान का
जो पक्का है अपने ईमान का
- पैसों का घमंड नही है।
पंडित होने का घमंड है।।
- ब्राह्मण इस देश की शान है,
ब्राह्मण देश का अभिमान है।।
- जब पंडित नाम की राग लागे,
तो पानी में भी आग लागे हैं..
- बेटा! हम ब्राह्मण हैं…
प्यार से रहे तो जय श्रीराम
गुस्सा दिलवाया तो काम तमाम!
- ना करते बुरे काज
हमें है पंडित होने पर नाज़
सबसे आगे पंडित समाज
- पंडित की बोली और
बंदूक की गोली
हमेशा शक्तिशाली होती है।
Shayari On Brahman In Hindi-
- अपने इरादों में बड़े सख्त है हम
ऐसा कहो “परशुराम भक्त” है हम !!
- कहानी और किस्से छोटे लोगों की होती है,
हम ही इतिहास बनाते और लिखते भी हैं।
- हम पंडित शैतान नहीं, दिल के अच्छे होते हैं,
दोस्ती में गले से लगाते, और दुश्मनी में सर भी उड़ाते हैं।
- हमारे बहुत कम ही दोस्त बने होते हैं,
और जो होते हैं वो फौलाद के बने होते हैं।
- जलते हैं तो जलने दो, बुझना मेरा काम नही,
जलाकर राख न कर दूँ, तो ब्राह्मण मेरा नाम नहीं !!