Lalach buri bala hai story | लालच में विनाश की ओर बड़ते कदम

kahani sangrah

आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Lalach buri bala hai story in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते है लालच एक दलदल है जो व्यक्ति को विनाश की ओर अग्रसर कर देता है. 

लालच बुरी बला है 

नमस्कार दोस्तों आज के हमारे इस पोस्ट में हम आपके लिए संत की कहानी लेकर आये हैं जिनके कथा हर रोज एक नाग सुनने आता था. 

एक समय की बात है किसी गांव में एक ब्राह्मण अपने परिवार के साथ रहते थे उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक पुत्र था वो बहुत गरीब थे उनके पास कभी – कभी खाने को भी नहीं होता था.

ब्राह्मण की पत्नी बहुत दुष्ट और चालाक थी वो रोज ब्राह्मण को भिक्षा मांगने जाने को कहती थी पर ब्राह्मण उसकी एक नही सुनता और घर में बैठा राम नाम जाप करता रहता पत्नी के रोज – रोज लज्ज्ति करने पर ब्राह्मण एक दिन सुबह – सुबह उठा और अपनी पोथी – पत्रा उठा कर दूसरे गांव की ओर चल दिया. 

चलते-चलते वो घने जंगल में पहुंचा और अंधेरा हो गया वो वहाँ एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया और राम नाम जपने लगा सुबह होने पर जब वो उठा तो पास के सरोवर में स्नान करके वो आगे चला और दूसरे गांव में पहुंचा गांव वाले उससे न तो कोई कथा सुनना चाहते थे और ना ही कोई उसे कोई भिक्षा दे रहा था वो दुखी होकर घूम फिर कर वही उसी पीपल के पेड़ के नीचे आकर बैठ गया वो पीपल का पेड़ बहुत विशाल था उस पेड़ की जड़ में एक विशाल काला सांप रहता था उस ब्राह्मण ने सोचा कि मेरी कथा तो कोई नहीं सुनता यह कथा मैं पीपल के पेड़ को ही सुना देता हूं.

और अपनी कथा सुनाने लगा कथा पूर्ण होने पर पेड़ के नीचे बिल में से एक काला नाग निकला और इस ब्राहमण को एक स्वर्ण मुद्रा देते हुए बोला तुम रोज यों ही यहाँ आकर मुझे कथा सुनाया करो मैं रोज तुम्हें एक स्वर्ण मुद्रा दुँगा ब्रहामण ने यह बात मान ली और नाग बोला यह बात तुम किसी को भी मत बताना तुम्हारे सब दुख दूर हो जाएंगे ब्राह्मण रोज ऐसा ही करता सुबह उठता नहा धोकर अपनी पोथी – पत्रा लेकर उस पीपल के नीचे पहुँच जाता और वहां बैठकर कथा सुनाता कथा संपूर्ण होने पर नाग वहाँ आकर ब्रहामण को एक मुद्रा भेंट करता.

देखते ही देखतेब्रहामण के खूब धन संपत्ति हो गई पूरे गांव में यह चर्चा होने लगी कि ब्रहामण के दिन कैसे बदल गये यह जरूर कोई गलत काम करता है ब्राह्मण के लोगों की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता था वह नित्य अपना यही कार्य करता रहता था. 

एक दिन गांव की कुछ औरतें ब्राह्मणी के पास आईं और उससे पूछने लगी कि आपके पति इतने धनवान कैसे हो गए वह रोज कहां जाते हैं और रोज उनकी कथा कौन सुनता है औरतों की बात सुनकर ब्राह्मणी के मन में शंका आ गई उसने एक दिन अपने पति से पूछा कि आपको यह धन कहां से मिलता है मुझे भी बताएं ब्राह्मण बोला तुम्हें इससे क्या मतलब है ऐसा कहकर ब्राह्मण ने ब्राह्मणी की बात टाल दी

कुछ दिनों तक ब्रहामण उसे टालता रहा पर एक दिन ब्राह्मणी ने ब्राह्मण को मजबूर कर दिया मजबूर होकर उसने अपनी पत्नी को ना कि सारी बात बता दी जिस वजह से उसकी पत्नी के मन में लालच जाग गया और उसने ब्राह्मण के खाने में नशे की दवा मिलाकर उसे खिला दिया और अपने बेटे से बोली बेटा तुम उस पीपल के पेड़ पर जाओ और उस नाग को मारकर उसकी सारी संपत्ति ले आओ

ब्राह्मण का लड़का ब्राह्मण की पोथी पत्रा लेकर वहां गया और पीपल के पेड़ के आगे बैठकर कथा सुनाने लगा कथा पूरी होने पर वो नाग बाहर आया और उसको स्वर्ण मुद्रा देने लगा तभी ब्राहमण के बेटे ने कुल्हाड़ी से नाग पर वार कर दिया जिससे नाग की पूछ कट गई और नाग ने पलट कर लड़के के पैर में डस लिया.जिससे लड़के की मौत हो गई

जब ब्राहमण उठा तो  उसने देखा कि उसकी पोथी पत्रा गायब है वो समझ गया कि कुछ गड़बड़ है वह जल्दी से पीपल के पेड़ के पास गया तो देखता है कि उसका लड़का वहां मरा पड़ा है ब्राह्मण को देख नाग बाहर आया और बोला ब्राह्मण मैंने तुम्हें कहा था कि स्वर्ण मुद्रा की बात तुम किसी से नहीं कहोगे अब तुम यहां से चले जाओ तुम्हें तुम्हारे पुत्र का दुख है तो मुझे मेरी पूछ के कटने का दुःख है मैं तुम्हें श्राप देता हूं कि तुम्हारी जो संपत्ति मेरे द्वारा बनी थी वो सब नष्ट हो जाएगी ब्राह्मण सर पीट कर रह गया और रोता बिलखता अपने पुत्र का शव लेकर वहाँ से आ गया

अपनी पत्नी से बोला. देखा तुम्हारे लालच की वजह से हमने अपना इकलौता पुत्र गवां दिया और हमारी सारी संपत्ति नष्ट हो गई ब्राह्मणी भी रोती रही.

दोस्तों लालच एक दलदल है जो व्यक्ति को विनाश की ओर अग्रसर कर देता है.