गोवा क्या है राजधानी एवं इसका गठन |ऐतिहासिक चर्च एवं मंदिर|पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में गोवा क्या है राजधानी एवं इसका गठन के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं इस राज्य का वर्णन हिंदुओं के महान ग्रंथ महाभारत में भी मिलता है जिसमें गोवा नाम को गोपराष्ट्र के नाम से पुकारा जाता था

गोवा क्या है राजधानी एवं इसका गठन – 

गोवा की राजधानी का नाम पणजी है।

गोवा या गोआ (कोंकणी: गोंय), क्षेत्रफल के अनुसार से भारत का सबसे छोटा एवं जनसंख्या के अनुसार चौथा सबसे छोटा राज्य माना जाता है। पूरे संसार में गोवा अपने सुन्दर समुद्र के किनारों एवं प्रसिद्ध स्थापत्य के लिये अवश्य जाना जाता है। गोवा पहले पुर्तगाल का एक उपनिवेश माना जाता था।

बता दें कि इस राज्य का वर्णन हिंदुओं के महान ग्रंथ महाभारत में भी मिलता है जिसमें गोवा नाम को गोपराष्ट्र के नाम से पुकारा जाता था तो चलिए जानते हो कि गोवा की राजधानी क्या है । 

दरअसल यह पणजी, गोवा के शहर वास्कोडिगामा एवं मडगांव के पश्चात तीसरा सबसे बड़ा शहर है। जो मांडवी नदी के मुहाने के तट पर उत्तरी गोवा में स्थित है।

ध्यान देने वाली बात यह है कि गोवा का गठन 30 मई सन 1987 को हुआ था जिसका कुल क्षेत्रफल लगभग 3702 किलोमीटर वर्ग किलोमीटर माना जाता है इसमें कुल 2 जिले हैं। जबकि इस राज्य की राजभाषा कोंकणी है।

ऐतिहासिक चर्च एवं मंदिर – 

गोवा की खूबसूरती केवल यहां के सागर तटों तक ही सीमित बिल्कुल भी नहीं है। यहां सेंट फ्रांसिस, ऑफ असीसी, होली स्पिरिट, पिलर सेमिनरी, सालीगांव, रकोल सेमिनरी आदि यहां के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक चर्च बताये गये है। इसके अतिरिक्त सेंट काजरन चर्च, सेंट आगस्टीन टावर, ननरी ऑफ सेंट मोनिका एवं सेंट एरक्स चर्च भी बहुत अधिक प्रसिद्ध हैं।

कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी – 

बता दें कि सन 1510 में पुर्तगालियो ने स्थानिक दोस्त, तिमय्या की मदद से सत्तारुढ़ बीजापुर के सुल्तान यूसुफ़ आदिल शाह को पूरी तरह से पराजित किया। इसके पश्चात प्राचीन गोवा में उन्होंने स्थायी राज्य की नीव रखी। गोवा में यह पुर्तगाली शासन की शुरुवात थी तथा यह सन 1961 के राज्य-हरण तक तक़रीबन 4.5 शताब्दी तक ज़रूर चला।

सन 1843 में पुर्तगाली प्राचीन गोवा से निकलकर पणजी चले गये। 18 वी शताब्दि के मध्य में पुर्तगाली गोवा वर्तमान राज्य की सीमा तक पूर्ण रूप से विकसित हो चुका था। साथ ही भारत में जबतक उनकी सीमा पूरी तरह से स्थिर होती तब तक वे भारत के दूसरे स्थानों से अपने अधिकारों को एकदम से खो चुके थे एवं पुर्तगाली भारतीय राज्य की स्थापना की गयी, जिसमे से गोवा विशालतम प्रान्त था।

सन 1947 को भारत जब ब्रिटिशो की गुलामी से स्वतंत्र हुआ तो भारत ने पुर्तगाली प्रांतो से भारतीय उपमहाद्वीप को भारत को सौपने की मांग भी की। पुर्तगाल ने भी अपने भारतीय परिक्षेत्रो की संप्रभुता पर बातचीत करने से तुरंत इंकार कर दिया। 19 दिसंबर सन 1961 को विजय के नेतृत्व में भारतीय सेना ने आक्रमण किया गोवा एवं दमन और द्वीप को भारतीय संघ में पूरी तरह से शामिल कर दिया।

बता दें कि दमन एवं द्वीप के साथ गोवा को भारतीय संघ के केंद्रशासित प्रदेश में शामिल कर लिया गया। 30 मई सन 1987 को केंद्र शासित प्रदेश को विभाजित भी कर दिया एवं गोवा को भारत का 25 वाँ राज्य बनाया गया। जबकि दमन एवं द्वीप आज भी भारत के केंद्रशासित प्रदेश में शामिल है।

गोवा राज्य के जिले – 

क्षेत्रफल की दृष्टी से गोवा राज्य भारत का छोटा राज्य माना जाता है, जिसके अंतर्गत मात्र दो जिले ही आते हैं जैसे कि उत्तर गोवा एवं दक्षिण गोवा। प्रशासन के हिसाब से इन दोनों जिलों के अंतर्गत छह तहसील मौजूद हैं इस प्रकार गोवा राज्य में कुल १२ तहसील मौजूद हैं एवं कुल ४११ ग्रामीण विभाग भी मौजूद हैं।

गोवा राज्य की प्रमुख नदियाँ – 

गोवा राज्य की प्रमुख नदियाँ इस प्रकार से हैं –

  • झुअरी नदी
  • साल नदी
  • चपोरा नदी
  • मांडवी नदी
  • तेरेखोल नदी
  • मापुसा नदी

गोवा के प्रमुख धर्म – 

बता दें कि संपूर्ण राज्य में ख्रिश्चन एवं हिंदू धर्म के लोग बहुत ही अधिक संख्या में पाए जाते है, लगभग पूरे गोवा में इन दोनों धर्मो के लोगो का निवास है इसके अलावा बुध्द, सिख, मुस्लिम, पारसी आदि धर्मीय लोगो की संख्या कुछ कम मात्रा में दिखाई पड़ती है जिन्हे अल्पसंख्यक भी कह सकते हैं।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.