RNA Full Form in Hindi | RNA क्या है | RNA के 3  प्रकार

Full Form in Hindi

आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में RNA Full Form in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। अगर आप RNA Full Form in Hindi की जानकारी पाना चाहते है, तो RNA Full Form in Hindi सर्च करिए हमारी वेबसाइट hellozindgi.com पे और उपयोगी जानकारी से खुद का व दोस्तों का ज्ञान वर्धन करें|  

RNA की फुल फॉर्म –

बता दें कि RNA की फुल फॉर्म Ribonucleic Acid होती है. इसको हिंदी में राइबोज़ न्यूक्लिक अम्ल कहते हैं. दरअसल यह एक प्रमुख जैविक अणुओं में से है जो जीवन के सभी ज्ञात रूपो के लिए अनिवार्य है. यह Protein Synthesis जैसे Transcription, Decoding, Regulation एवं Genes की अभिव्यक्ति से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जैविक भूमिकाएं करता है.

RNA क्या है – 

दरअसल RNA एक न्यूक्लिक एसिड है जो सीधे प्रोटीन संश्लेषण में शामिल होता है. राइबोन्यूक्लिक एसिड सभी जीवित कोशिकाओं में मौजूद न्यूक्लिक एसिड की लंबी श्रृंखला के साथ एक महत्वपूर्ण न्यूक्लियोटाइड होता है. इसकी मुख्य भूमिका प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करने के लिए डीएनए से निर्देश देने वाले प्रतिनिधि के रूप में अपना काम करना होता है.

इसमें चीनी रिबोस, फॉस्फेट एवं नाइट्रोजनीस बेस एडेनिन (A), ग्वानिन (G), साइटोसिन (C), और यूरैसिल (U) शामिल होते हैं. DNA एवं RNA नाइट्रोजनस बेस A, G, तथा C साझा करते हैं. थाइमिन आमतौर पर डीएनए में ही मौजूद होता है तथा यूरेसिल आमतौर पर केवल RNA में मौजूद होता है.

RNA के प्रकार – 

दरअसल RNA मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है –

Messenger RNA – डीएनए ट्रांसक्रिप्शन में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दरअसल यह एक प्रक्रिया होती है जिसमें Messenger RNA, DNA के एक किनारे से लिपट जाता है. इसलिए इसका आधार अनुक्रम DNA Template किनारा के Complement ही होता है.

Transfer RNA – यह तीन प्रकार के RNA Molecules में से सबसे छोटा होता है. इसमें आमतौर पर कम से कम 74 से 95 Nucleotide Residue होते हैं. यह अमीनो अम्ल को कोशिका द्रव्य से प्रोटीन संश्लेषण मशीनरी तक स्थानांतरित करता है. इसलिए इसे Transfer RNA कहा जाता है.

Ribosomal RNA – माना जाता है कि यह कोशिका के कुल RNA का लगभग 85% होता है. यह Protein Synthesis में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह अनुवाद के विभिन्न चरणो में Protein Synthesis पर MRNA एवं TRNA के साथ संपर्क में करता है.

RNA की तलाश किसने की –

मित्रों बहुत से लोग यह मानते हैं कि अमेरिकी जीव विज्ञानी जेम्स वाटसन एवं अंग्रेजी भौतिक विज्ञानी फ्रांसिस क्रिक ने सन 1950 के दशक में डीएनए की तलाश की थी। परन्तु हकीकत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, अपितु, RNA की तलाश सन 1868 में फ्रेडरिक मिशर के द्वारा ही न्यूक्लिक एसिड (Nucleic Acids) की खोज के साथ आरंभ हुई, एवं उन्होंने उस Material (सामग्री) को ‘न्यूक्लिन’ (Nuclein) कहा क्योंकि यह नाभिक (Nucleus) में पाया गया था।

RNA के कार्य – 

  • ध्यान देने वाली बात यह है कि प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करने के लिए DNA  से निर्देश लेने वाले प्रतिनिधि के रूप में अपना काम करना होता है।
  • सभी जीवित कोशिकाओं में Genetic informations को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ले जाना RNA का काम होता है।
  • शरीर में नए प्रोटीन के निर्माण के लिए ज़रूरी सही amino acid चुनने के लिए ribosome को अधिक बढ़ावा देना।
  • यह protein synthesis जैसे transcription, Decoding Regulation एवं जींस से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण जैविक भूमिकाओ मे अपना काम करना।

निष्कर्ष – मित्रों आज इस आर्टिकल में हमने आपको RNA से संबंधित कई प्रकार की जानकारियों को प्राप्त किया । यदि आपने हमारे इस आर्टिकल को पूरी तरह से पढ़ा हो तो अब तक आपको RNA  से संबंधित कई प्रकार की नई जानकारियां ज़रूर प्राप्त हुई होंगी। यदि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर अवश्य शेयर करें. (धन्यवाद)