जरूर जानें  प्यार की पूरी कहानी In Hindi

kahani sangrah

आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है  प्यार की पूरी कहानी In Hindi.  ताकि आप Pyar ki kahani In Hindi  के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सके। तो आइए दोस्तों जानते हैं  प्यार की कहानियां

दोनों का आपसी प्यार

एक लड़की बहुत ही सुंदर थी। जितनी वह अधिक सुंदर थी, उतनी ही दिल की साफ भी थी । न किसी से झूठ बोलना, और न ही किसी से फालतू की बातें करना। बस अपने काम से काम रखना।” उसी क्लास में एक लड़का पड़ता था। वह मन ही मन उससे बहुत प्यार करता था। परन्तु वह लड़का कभी भी अपने प्यार का इजहार उस लड़की से नही किया था,

लड़का अक्सर उसके छोटे-मोटे काम भी कर दिया करता था। बदले में जब लड़की हँस कर थैंक्यू कहती थी, तो लड़के की प्रसन्नता की सीमा नहीं रहती थी। एक समय की बात है। दोनों लोग साथ-साथ घर जा रहे थे। तभी जोरदार की वर्षा होने लगी। दोनों को एक पेड़ के नीचे रुकना पडा. पेड़ बहुत ही छोटा था, बारिश की बुन्दे छन-छनकर उससे नीचे को आ रही थीं। ऐसे में बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बहुत ही करीब आ गये।लड़की को इतने करीब पाकर लड़का अपने जज्बातों पर काबू न रख सका। और फिर उस लड़के ने लड़की को अपने प्यार को प्रपोज भी कर दिया।

लड़की भी मन ही मन उसको चाहती थी। इसलिए वह भी तुरंत राजी हो गयी। और इस तरह धीरे धीरे दोनों का प्यार बहुत ही ऊपर चढ़ने लगा। एक समय की बात है लड़की उसी पेड़ ने नीचे लड़के का इंतजार कर रही थी। लड़का बहुत देर से आया। उसे देखकर लड़की एकदम नाराजगी से बोली,’तुम इतनी देर से क्यों आए? मेरी तो जान ही निकल गयी थी।’ यह सुनकर लड़का बोला, ‘प्रिय, मैं तुमसे दूर कहां गया था, मैं तो तुम्हारे दिल में ही रहता हूं। तुम्हें विश्वास न हो तो अपने दिन से पूछ लो।’लड़के की इस प्यारी सी बात को सुनकर लड़की अपना सारा क्रोध भूल गयी एवं फिर वह दौड़ कर लड़के से लिपट गयी।

एक दिन दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे बात-चीत कर रहे थें। लड़की पेड़ के सहारे बैठी थी और लड़का उसकी गोद में सर रख कर लेटा हुआ था। तभी लड़की बोली, ”जानू, अब तुम्हारी जुदाई मुझसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होती। तुम्हारे बिना एकपल भी मुझे 100 साल के बराबर लगता है। तुम मुझसे विवाह कर लो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।”

लड़के ने झट से लड़की के मुंह पर अपना हाथ रख दिया एवं बोला, ”मेरी जान, ऐसी बात मत किया करो, यदि तुम्हें कुछ हो गया, तो मैं कैसे जीवित रहूंगा।” फिर वह कुछ सोचता हुआ बोला,”तुम चिंता बिल्कुल भी मत करो, मैं जल्द ही अपने घर वालों से बात करूंगा।”

धीरे-धीरे बहुत समय बीत गया। एक दिन की बात है। दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। उस समय लड़के का चेहरा पूरी तरह से उतरा हुआ था। लड़की के पूछने पर वह रूआंसा होकर बोला, ”जान, मैंने अपने घर वालों को बहुत समझाया, पर वे हमारी शादी के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं।

उन्होंने मेरी शादी कहीं और तय कर दी है” यह सुन कर लड़की का कलेजा फट पड़ा। उसका मन हुआ कि वह जोर-जोर से रोए” परन्तु उसने अपने जज्बात पर काबू पा लिये और बोली, ”मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है, मैं तुम्हें कभी भुला नहीं सकती। ”

”प्लीज मुझे माफ कर देना..!” लड़का धीरे से बोला, वैसे यदि तुम चाहो, तो अब से हम एक बढ़िया मित्र रह सकते हैं।” लड़की यह सुन कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी”

लड़के ने उसे समझाया और फिर दोनों लोग रोते हुए अपने-अपने घर चले गये। देखते ही देखते लड़के की शादी का दिन आ गया। लड़के को विश्वास था कि उसकी शादी में उसकी मित्र अवश्य आएगी। परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ।

हां, लड़की का भेजा हुआ एक गिफ्ट पैक उसे अवश्य मिला। लड़के ने कांपते हांथों से उसे खोला। उसे देखते ही वह तुरंत बेहोश हो गया। गिफ्ट पैक में और कुछ नहीं खून से लथपथ लड़की का दिल रखा हुआ था एवं साथ ही में थी एकचिट्ठी, जिसमें लिखा हुआ था- अरे पागल, अपना दिल तो लेते जा वरना अपनी पत्नी को क्या देगा. मै तो इस दुनिया से चली जा रही हूँ परन्तु तुम्हारे दिल को तुमको वापस कर रही हूँ, जो कि तुम्हारे लिए सदैव धड़कता रहेगा.

दोनों का आपसी प्यार

एक लड़की बहुत ही सुंदर थी। जितनी वह अधिक सुंदर थी, उतनी ही दिल की साफ भी थी । न किसी से झूठ बोलना, और न ही किसी से फालतू की बातें करना। बस अपने काम से काम रखना।” उसी क्लास में एक लड़का पड़ता था। वह मन ही मन उससे बहुत प्यार करता था। परन्तु वह लड़का कभी भी अपने प्यार का इजहार उस लड़की से नही किया था,

लड़का अक्सर उसके छोटे-मोटे काम भी कर दिया करता था। बदले में जब लड़की हँस कर थैंक्यू कहती थी, तो लड़के की प्रसन्नता की सीमा नहीं रहती थी। एक समय की बात है। दोनों लोग साथ-साथ घर जा रहे थे। तभी जोरदार की वर्षा होने लगी। दोनों को एक पेड़ के नीचे रुकना पडा. पेड़ बहुत ही छोटा था, बारिश की बुन्दे छन-छनकर उससे नीचे को आ रही थीं। ऐसे में बारिश से बचने के लिए दोनों एक दूसरे के बहुत ही करीब आ गये।लड़की को इतने करीब पाकर लड़का अपने जज्बातों पर काबू न रख सका। और फिर उस लड़के ने लड़की को अपने प्यार को प्रपोज भी कर दिया।

लड़की भी मन ही मन उसको चाहती थी। इसलिए वह भी तुरंत राजी हो गयी। और इस तरह धीरे धीरे दोनों का प्यार बहुत ही ऊपर चढ़ने लगा। एक समय की बात है लड़की उसी पेड़ ने नीचे लड़के का इंतजार कर रही थी। लड़का बहुत देर से आया। उसे देखकर लड़की एकदम नाराजगी से बोली,’तुम इतनी देर से क्यों आए? मेरी तो जान ही निकल गयी थी।’ यह सुनकर लड़का बोला, ‘प्रिय, मैं तुमसे दूर कहां गया था, मैं तो तुम्हारे दिल में ही रहता हूं। तुम्हें विश्वास न हो तो अपने दिन से पूछ लो।’लड़के की इस प्यारी सी बात को सुनकर लड़की अपना सारा क्रोध भूल गयी एवं फिर वह दौड़ कर लड़के से लिपट गयी।

एक दिन दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे बात-चीत कर रहे थें। लड़की पेड़ के सहारे बैठी थी और लड़का उसकी गोद में सर रख कर लेटा हुआ था। तभी लड़की बोली, ”जानू, अब तुम्हारी जुदाई मुझसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होती। तुम्हारे बिना एकपल भी मुझे 100 साल के बराबर लगता है। तुम मुझसे विवाह कर लो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।”

लड़के ने झट से लड़की के मुंह पर अपना हाथ रख दिया एवं बोला, ”मेरी जान, ऐसी बात मत किया करो, यदि तुम्हें कुछ हो गया, तो मैं कैसे जीवित रहूंगा।” फिर वह कुछ सोचता हुआ बोला,”तुम चिंता बिल्कुल भी मत करो, मैं जल्द ही अपने घर वालों से बात करूंगा।”

धीरे-धीरे बहुत समय बीत गया। एक दिन की बात है। दोनों लोग उसी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। उस समय लड़के का चेहरा पूरी तरह से उतरा हुआ था। लड़की के पूछने पर वह रूआंसा होकर बोला, ”जान, मैंने अपने घर वालों को बहुत समझाया, पर वे हमारी शादी के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं।

उन्होंने मेरी शादी कहीं और तय कर दी है” यह सुन कर लड़की का कलेजा फट पड़ा। उसका मन हुआ कि वह जोर-जोर से रोए” परन्तु उसने अपने जज्बात पर काबू पा लिये और बोली, ”मैंने तुमसे सच्चा प्यार किया है, मैं तुम्हें कभी भुला नहीं सकती। ”

”प्लीज मुझे माफ कर देना..!” लड़का धीरे से बोला, वैसे यदि तुम चाहो, तो अब से हम एक बढ़िया मित्र रह सकते हैं।” लड़की यह सुन कर ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी”

लड़के ने उसे समझाया और फिर दोनों लोग रोते हुए अपने-अपने घर चले गये। देखते ही देखते लड़के की शादी का दिन आ गया। लड़के को विश्वास था कि उसकी शादी में उसकी मित्र अवश्य आएगी। परन्तु ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ।

हां, लड़की का भेजा हुआ एक गिफ्ट पैक उसे अवश्य मिला। लड़के ने कांपते हांथों से उसे खोला। उसे देखते ही वह तुरंत बेहोश हो गया। गिफ्ट पैक में और कुछ नहीं खून से लथपथ लड़की का दिल रखा हुआ था एवं साथ ही में थी एकचिट्ठी, जिसमें लिखा हुआ था- अरे पागल, अपना दिल तो लेते जा वरना अपनी पत्नी को क्या देगा. मै तो इस दुनिया से चली जा रही हूँ परन्तु तुम्हारे दिल को तुमको वापस कर रही हूँ, जो कि तुम्हारे लिए सदैव धड़कता रहेगा.

दोनों में प्यार 

वो छोटी – सी पीली थैली , जिसमे न जाने वो कितने कीमती अबीर छुपा कर रखती थी । शायद ! पूजा के पश्चात सभी को तिलक लगाने के लिए खरीद कर लायी होगी ।

मैं पीतल की थाली में मोटे -मोटे गाजर को काट कर प्रसाद बना रहा था । हम सभी विद्यार्थियों ने चंदा एकत्रित कर सरस्वती पूजा का आयोजन कर रहे थे । कुछ बच्चे पैसे न देकर कुछ पूजा के समान या कोई प्रसाद के लिए फल दिया था । ये वो ही गाजर थी  , जिसे विक्रम ने प्रसाद  के लिए अपने खेतों में से उखाड़ कर लाया था।

पुष्पा मेरे क्लास की सबसे निडर एवं बातूनी लड़की थी , वो पढने में भी बहुत ही बढ़िया एवं अच्छी भी थी , यही कारण था कि उसके सामने हम लड़को की इज्जत बस एक मूर्ख पंडित जैसा रह गया था ।

इन कारण से हम सभी लड़के उससे बहुत ही चिढ़े रहते थे , लेकिन मेरे  दिल में उसके लिए बहुत इज्जत थी ।

वो हम लड़को से सदैव लड़ती थी , क्रोध भी करती थी औऱ न पढ़ने की ताना भी देती रहती थी । परन्तु पता नही क्यों ! वह मुझे फिर भी बहुत अच्छी लगती थी ।

वह प्रतिदिन स्कूल समय से आ जाती थी । परन्तु आज सरस्वती पूजा हैं फिर वह स्कूल सुबह के 9 बजे तक नही आई थी ।

मेरी आँखें इधर – उधर उसे ही ढूंढ़ रही थी ,

” अरे वाह ! ” पुष्पा को देख कर मेरे मुंह से यह शब्द अचानक निकल पड़ा ।

आसमानी रंग की टॉप , नीली बिंदी , हाथों में पूजा थाली और बालों की दो चोटी बनाई हुई स्कूल के प्रथम दरवाज़े से आई।

उसे देख मेरी खुशी सातवें आसमान पर थी , दिल कह रहा था अभी उससे कुछ बातें भी करूँ । मगर उसकी लड़ाकू स्वभाव से बहुत ही डर रहा था , कहीं प्रिंसिपल से बोल कर मेरी ठुकाई ना करवा दे ।

मेरे स्कूल में लड़कियों से बातचीत करना बिल्कुल सख्त मना था ,

” क्या मैं प्रसाद काटने में हेल्प करूँ ? ” पुष्पा बोली ।

मुझे आश्चर्य हुआ , जो कभी लड़ती थी , बेवकूफ समझती थी आज मदद करने की बात भी कर रही थी ।

मैं तो इसे सरस्वती मां की कृपा मान लिया था । लेकिन मित्र सदैव कहते थे , सरस्वती मां सिर्फ ज्ञान देते हैं न कि लड़कियाँ ।

” हाँ …. हाँ…  अवश्य ” मैंने लड़खड़ाती आवाज़ में बोला ।

अब हम मित्रों के अलावे पुष्पा भी प्रसाद काटने लगी थी ।

कभी  -कभी गाजर को पकड़ने में मेरी अंगुलियाँ उसकी उंगलियों से छू कर जाती थी । वो आज बहुत खूबसूरत और प्रसन्न मिजाज लग रही थी ।

आधे घण्टे पश्चात पूजा आरंभ हो गयी थी , सभी विद्यार्थी माँ की प्रतिमा के पास बैठे थे ।

मैं और पुष्पा छोटी – छोटी समान को लाकर प्रतिमा के पास लाकर रख रहा था । उसके एक हाथ मे पीली थैली में अबीर की पुड़िया थी ।

सब वस्तुएं व्यवस्थित कर मैं भी  प्रतिमा के पास जाकर बैठ गया एवं पुष्पा मेरे बगल में ही खड़ी थी ।

अचानक से एक लड़की ने पुष्पा के हाथ से अबीर की पुड़िया खींचने की बहुत कोशिश की , पुड़िया तो छीन नही पायी परन्तु वह दो भाग में अवश्य बट चुका था । और उसकी पूरी अबीर मेरे सर पर गिर चुका था ।

अबीर माथे से होकर चेहरे पर पूरी तरह से फैल गयी थी , पूरे चेहरे अबीर से लाल हो गया था एवं उसका चेहरा शर्म से झुक गया था.

सभी लड़के लड़कियां ठहाके मार कर हँस रहे थे , और मैं चुप – चाप अबीर को हटाने का प्रयत्न कर रहा था ।

पुष्पा ने अगले दिन मुझसे क्षमा मांगी थी और फिर उस दिन के पश्चात्   हम दोनों एक अच्छे मित्र बन गए थे । और ये मित्रता कब प्यार में बदल गया , कुछ भी पता ही न चला ।

आज भी जब सरस्वती पूजा समारोह होती हैं तो ये यादे बहुत ही ताजी हो जाती हैं ।

आपसी प्रेम मिलना 

टिकट काउंटर से जिसपर दोन्या काम कर रहा था, तभी एक 70 साल की महिला परेशान सी काउंटर पर आई एवं उससे सहायता की गुहार करने लगी. वो सहायता अपने प्यार के लिए मांग रही थी, जो उसे कनाडा की फ़्लाइट में मिला था. उसने दोन्या को बताया, वो एक यात्री को ढूंढ रही है, जिसके साथ वो सेम फ़्लाइट में थी, परन्तु कनेक्टिंग फ़्लाइट के कारण से दोनों अलग-अलग हो गई हैं. दोन्या ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करते हुए एक पैसेंजर को दूसरे पैसेंजर की इंफ़ॉर्मेशन देने से एकदम मना कर दिया. लेकिन महिला के दुखी चेहरे को देखकर दोन्या ने उसका नम्बर ले लिया और उसे बता दिया कि यदि कोई और पूछने आएगा तो वो इ़फ़ॉर्म कर देगा.

शायद प्यार के साथ ईश्वर भी होते हैं. इसलिए जब वो महिला वहां से गई तो कुछ ही देर पश्चात एक और महिला आई उसने भी एक महिला को ढूंढने के लिए दोन्या ने सहायता मांगी, तब दोन्या ने झट से उसे नम्बर दे दिया और दोनों एक-दूसरे से तुरंत मिल गईं.

प्रेम अलग हो जाना

एक लड़के को एक लड़की से बहुत प्यार हो गया था, परन्तु लड़की ने उसे ठुकरा दिया |

लड़के ने कहा तुम दस दिन के अन्दर मुझसे प्यार का इकरार अवश्य करोगी |

और लड़का दिन रात वर्षा में, धूप में उस के घर के सामने खड़ा रहा,

कम से कम नौ दिन के पश्चात लड़की को सच में उस लड़के की मोहब्बत का अहसास हो गया, उसने सोचा कि सुबह प्यार का इकरार करूंगी, परन्तु जब वो लड़के को मिलने गयी तो लड़का उसे वहां न मिला एवं उसे वहाँ पर एक कागज़ मिला जिस पर लिखा था |

तेरे चक्कर मैंने तेरी सुन्दर एवं सुशील बहन पट गयी है |

साली शाहीबा मुझे क्षमा करना…

प्यार क्या होता हैं

एक बार एक मनुष्य अपनी नयी कार को बड़े प्यार से पोलिश कर के चमका रहा था।

तभी उसकी चार साल की बेटी पत्थर से कार पर कुछ लिखने लगी। कार पर खरोच लगते देख कर पिता को इतना क्रोध आया कि उसने बेटी का हाथ जोर से मरोड़ दिया। इतनी जोर से कि बच्ची की उंगलियां टूट जाती है।

उसके पश्चात अस्पताल में दर्द के कराह रही बेटी पूछती है पापा मेरी उंगलियां कब ठीक होंगीं। गलती पर पछता रहा पिता कोई उत्तर से नही दे पाता है।

वह वापस चला जाता है एवं अपनी कार पर लातें बरसा कर अपना क्रोध निकालता हैं। कुछ देर पश्चात उसकी नज़र उसी खरोच पर पड़ती है, जिसके कारण से उसने बेटी का हाँथ तोड़ा था। बेटी ने पत्थर से लिखा था – आई लव यू डैडी।

प्यार कभी बटता नहीं

एक पति-पत्नी फिल्म देख रहे होते हैं, तभी उसके एक सीन में हीरोइन का आगमन हो आता है। पत्नी तुरंत पति की आंखों पर अपनी हथेली रख देती है, ताकि उसकी नजर उस सुंदर हीरोइन पर बिल्कुल भी न पड़े।

कुछ ऐसा ही मेरे एवं पांच वर्षीय बेटी नंदिनी के साथ ही हुआ था। एक दिन मेरे परिचित की छोटी-सी बेटी मेरे घर आई। मैं उसके साथ खेलने लगी, बात भी करने लगी। अचानक नंदिनी उठी और मेरी आंखें अपनी हथेली से ढंक दी। वो बोली, मां अधिक मत देखो, नहीं तो आंखें दु:ख ने लगेंगी।

दरअसल, उसे यह लगा कि कहीं मेरा प्यार बंट न जाए। मैंने उसे अपनी बाहों में भरा एवं प्यार बंटने के डर से उसे तुरंत मुक्त किया। मैंने उसे समझाया कि, प्यार जितना बांटो, उतना अधिक बढ़ता है।

फुफेरे भाई से प्यार

कम से कम 13 साल की उम्र में लड़की को अपने फुफेरे भाई से बहुत प्यार हो गया. फुफेरा भाई भी उसकी मोहब्बत में पड़ गया. दोनों के परिजनों को जब यह सब पता चला. दोनों सगे रिश्ते में थे, इसलिए बवाल पूरा हुआ एवं इस छोटी सी लव स्टोरी का खौफनाक तरीके से अंत भी हो गया. दोनों के शव पेड़ से लटके मिले. माना जा रहा था कि दोनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. दोनों एक दूसरे से विवाह करना चाहते थे.

यह मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र के जौहरपुर गांव के मजरे कैथी डेरा में एक युवक एवं उसकी फुफेरी नाबालिग बहन के शव मंगलवार को पेड़ से एक साथ लटके हुए बरामद पाए गये थे. तिंदवारी के थानाध्यक्ष नीरज कुमार सिंह ने बुधवार को यह सब बताया, “कि सोमवार से लापता युवक विनोद निषाद (22) एवं उसकी 15 साल की सगी फुफेरी बहन के शव चरवाहों की सूचना पर गांव से कुछ दूर जंगल में एक पेड़ से एक साथ फांसी के फंदे में लटके हुए बरामद किए गए थे.” 

पुलिस ने ग्रामीणों के बताया, “दोनों के मध्य करीब दो साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. दोनों विवाह भी करना चाह रहे थे परन्तु रिश्ता सगा होने के कारण से दोनों के परिजन विरोध करते थे. दोनों इसी बात से बहुत ही दुखी थे. तंग आकर दोनों ने स्वयं को ख़त्म करने का निर्णय ले लिया.”

प्यार का अहसास

एक बार होटल ताज में ऑफिस की एनुअल पार्टी रखी गई थी। सभी वहाँ पर आए। कल्याण एवं अमिता भी गए थे। अब कल्याण को लगा कि चलो आज बढ़िया मौका है, थोड़ी बात तो मैं आज करके ही रहूंगा। अमिता ने हालांकि ऐसा पहले से कुछ सोचकर नहीं रखा था, पर बहुत तैयार होकर गई। अब एनुअल पार्टी थी। पूरे स्टाफ को आना था, तो तैयार तो अच्छे से ही होना था! 

खैर! पार्टी में दोनों की थोड़ी बहुत बात – चीत भी हुई फिर वापसी। वापसी थोड़ी फिल्मी सी हो गई। अब आप कहेंगे क्यों? दरअसल, ऑफिस की जिस गाड़ी से अमिता घर आ रही थी, उसका एक्सीडेंट हो गया। गाड़ी पूरी तरह से पलट गई थी। गाड़ी जिस तरह से 180 डिग्री पर पलटी थी। उसे देखकर किसी को लगा नहीं था कि कोई भी इसमें बचा होगा, [परन्तु थैंक गाड, किसी को अधिक चोट नहीं आई थी, सिवाय अमिता के। अमिता की साइड का विंडो-ग्लास टूटकर उसके एक गाल में पूरी तरह से धंस गया था।

राहुल एवं शिखा की प्यारी सी कहानी

मेरा नाम राहुल है। मेरी लव स्टोरी कॉलेज से आरंभ हुई थी। शिखा मेरी क्लास में पढ़ती थी। वो बहुत ही बुद्धिमान लड़की थी। जितनी इंटेलिजेंट थी ठीक उतनी ही मीठी उसकी बोली थी। मित्रों पर तो जान छिड़कती थी वो।

मैं धीरे – धीरे उसकी तरफ खिंचा चला जा रहा था। सावली सी शिखा का जादू मुझ पर असर कर रहा था।वो मुझे अपना मित्र समझती थी परन्तु मैं उससे बहुत प्यार करने लगा था।

वैलंटाइंस डे पर हिम्मत करके मैं एक गुलाब लेकर उसके पास गया परन्तु कॉलेज में देने की हिम्मत बिल्कुल भी न हुई। शाम को जैसे ही वो कॉलेज से निकली मैंने उसे फोन करके बस स्टॉप पर मिलने को कहा। काँपते हाथों से मैंने उसकी तरफ गुलाब बढ़ाया… परन्तु उसने गुलाब लेने से तुरंत इंकार कर दिया। उसके मन में मेरे लिए कोई फीलिंग नहीं थी।  मुझे शिखा के रिजेक्शन से बहुत दुख पहुंचा।

मेरा पढ़ाई में मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था इसलिए टेस्ट में मेरे मार्क्स भी बहुत ही कम आये थे। शिखा मेरी हालत समझ रही थी। उसने फ़ाइनल एक्जाम के लिए पढ़ाई में मेरी बहुत सहायता की। साथ में पढ़ते – पढ़ते शिखा के मन में भी मेरे लिये फीलिंग्स आ गई। शिखा ने एक बार मुझसे प्यार किया तो उसको सदैव निभाया भी ।

कॉलेज के पश्चात उसका प्लेसमेंट बहुत ही सरलता से हो गया क्योंकि वो पढने मे बहुत ही अच्छी थी। परन्तु मुझे कहीं भी जॉब नहीं मिल रहा था। उसने मुझे उन टेंशन के पलों में कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया। हर दुख एवं उलझनों में शिखा ने मेरा हाथ थामे रखा। उसके प्रोत्साहन के कारण ही मुझे भी एक अच्छी नौकरी मिल गई।

उसके घर में अब विवाह की बात होने लगी थी। शिखा ने मुझसे पूछा कि क्या तुम मुझसे विवाह करोगे… मैं तो शिखा को दिलों जान से चाहता था मैंने तुरंत हाँ कह दिया। उसके घर में मुझसे शादी के लिये कोई तैयार नहीं था परन्तु उसने कैसे भी कर के अपने पैरेंट्स को हमारी शादी के लिए मना लिया।यहाँ तक कि उसने स्लीपिंग पिल तक खा ली थी तब जाकर सब लोग माने।अब हमारी शादी भी हो गई है। हम दोनों आज भी बहुत प्रसन्न हैं। शिखा से प्यार करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत लम्हा बना रहा है. जिसके लिये मुझे कभी पछताना नहीं पड़ा।  मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि तुम तो इतने स्मार्ट हो तुम्हें कोई भी मिल जाती। शिखा जैसी सावली सी लड़की से विवाह क्यों कर लिया.  मैं ऐसी बातें सोचने वाले हर मनुष्य यह को बताना चाहता हूं कि मैंने उसका दिल देखा है जो बहुत ही सुंदर है.