दोस्तों इस पोस्ट में हम Dahej Pratha पर हिंदी में निबंध प्रस्तुत करने जा रहे हैं. उम्मीद है कि Dahej Pratha Essay in Hindi आपका ज्ञान वर्धन अवश्य करेगा. हिंदी निबंध का हिंदी भाषा के अध्ययन में अपना ही एक महत्वपूर्ण स्थान है. तो आइये अब पढ़ते हैं Dahej Pratha पर हिंदी में निबंध.
प्रस्तावना
आपको बता दें कि भारत में दहेज प्रथा बहुत पहले से चली आ रही है। हमारे पूर्वजों ने इस प्रणाली को वैध कारणों से आरंभ किया था परन्तु अब यह समाज में मुद्दों एवं कठिनाइयों का कारण बन रहा है।
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दहेज का अर्थ
दहेज का मतलब होता है दुल्हन के माता-पिता द्वारा दूल्हे के परिवार को दिए गए सामान एवं पैसे। भारत में यह विवाह की संस्था जितना ही पुराना है। पुराने दिनों में, यह स्नेह एवं सम्मान का प्रतीक माना जाता था। आमतौर पर दिया जाने वाला सामान घरेलू ‘उपयोगिता’ की वस्तुएं थीं एवं एक युवा जोड़े के लिए पारिवारिक जीवन आरंभ करने में बहुत ही सहायक थीं। धीरे-धीरे व्यवस्था की असली भावना खो गई। दुल्हन के माता-पिता के लिए यह एक मजबूरी बन गई। यह खुले तौर पर मांग की जाती है एवं विवाह के लिए एक पूर्व शर्त बन जाती है। यह अब समाज में एक बुराई बन चुकी है।
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दहेज का इतिहास
बता दें कि दहेज प्रथा ब्रिटिश काल से पहले ही प्रारंभ हो गई थी। उन दिनों, समाज दहेज को “पैसा” या “शुल्क” के रूप में मानने के लिए इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करता है जो आपको दुल्हन के माता-पिता बनने के लिए देना पड़ता है।
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दहेज प्रथा के पीछे का विचार यह सुनिश्चित करना था कि विवाह के पश्चात दुल्हन आर्थिक रूप से स्थिर हो जाए। इरादे बहुत ही साफ – सुथरे थे। दुल्हन के माता-पिता दुल्हन को “उपहार” के रूप में पैसा, जमीन, संपत्ति देते थे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी बेटी विवाह के पश्चात प्रसन्न एवं स्वतंत्र होगी।
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परन्तु जब ब्रिटिश शासन की बात सामने आई, तो उन्होंने महिलाओं को किसी भी संपत्ति के मालिक होने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई । महिलाओं को कोई भी संपत्ति, जमीन या संपत्ति खरीदने की अनुमति बिल्कुल भी नहीं थी। इसलिए, पुरुषों ने दुल्हन को उसके माता-पिता द्वारा दिए गए सभी “उपहारों” का मालिक बनना प्रारंभ कर दिया।
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इस नियम ने शुद्ध दहेज प्रथा को गड़बड़झाला कर दिया गया ! अब दुल्हन के माता-पिता अपनी दुल्हन को आय के स्रोत के रूप में देख रहे थे। माता-पिता अपनी बेटियों से पूरी तरह से नफरत करने लगे एवं केवल बेटे को ही चाहते थे। वे दहेज के रूप में रुपयों की मांग करने लगे। महिलाओं का दमन भी किया गया क्योंकि उन्हें पुरुषों के समान कोई अधिकार नहीं थे। और तब से, दूल्हे के माता-पिता अपने लाभ के लिए इस नियम का पालन भी निष्ठापूर्वक करते हैं।
दहेज प्रथा क्यों बंद होनी चाहिए?
नई दहेज प्रथा समाज में कई समस्याएं पैदा कर रही है। गरीब माता-पिता को ऐसा कोई दूल्हा नहीं मिलता जो उनकी बेटी की शादी बिना दहेज लिए ही करे। उन्हें अपनी बेटी की शादी के लिए “मैरिज लोन” भी अवश्य लेना पड़ता है।
दहेज महिलाओं के लिए एक बुरा स्वप्न बनता जा रहा है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गरीब माता-पिता के पास और कोई इसका विकल्प भी तो नहीं है। वे एक लड़की पैदा करने का जोखिम बिल्कुल भी नहीं उठा सकते हैं, और इसलिए वे जानबूझकर बच्ची की हत्या भी कर रहे हैं। दहेज के कारण 8000 से अधिक महिलाओं की हत्या हो रही है
इस बात में कोई भी संदेह नहीं है कि जब तक दहेज पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानूनी कदम एकदम से नहीं उठाए जाएंगे, हम इस समस्या से बिल्कुल भी उबर नहीं पाएंगे। यह सच है कि अगर कानून को जन आंदोलन का समर्थन बिल्कुल भी नहीं है, तो वास्तविक उद्देश्य प्राप्त नहीं किया जा सकता है। इसे तब समाप्त किया जा सकता है जब जनता दहेज को त्यागने के लिए मानसिक रूप से एकदम तत्पर हो। अगर युवा एवं उनके माता-पिता दृढ़ नहीं हैं, तो हम कानून बनाकर उनकी सहायता या उनकी रक्षा बिल्कुल भी नहीं कर सकते।
समस्या के अन्य पहलू भी हैं। हमारे समाज में महिलाओं की आर्थिक स्थिति एकदम से उच्च नहीं है। हाल ही में दहेज की मांग एवं भेंट पर कानूनी रूप से पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कुछ संशोधन भी किए गए हैं जो दहेज के कारण दुल्हन को जलाने के मामले की जांच के लिए पुलिस को अधिक अधिकार प्रदान करते हैं।
यह बहुत स्पष्ट है कि दहेज हिंसा भी पैदा कर रहा है। दूल्हे के माता-पिता इस शुद्ध परंपरा का दुरुपयोग भी कर रहे हैं। और वे इस बात से पूरी तरह से अवगत नहीं हैं कि वे इसका दुरुपयोग कर रहे हैं, क्योंकि वे पारंपरिक दहेज प्रथा के बारे में एकदम से शिक्षित नहीं हैं। हर कोई सिर्फ नई दहेज प्रथा का आंख मूंदकर पालन अवश्य कर रहा है।
दहेज महिलाओं के साथ पूर्ण अन्याय है एवं महिलाओं को समाज में समान दर्जा बिल्कुल भी नहीं देता है। दहेज के कारण पुरुष सदैव महिलाओं से श्रेष्ठ रहेंगे। इससे समाज में एक गड़बड़ एवं नकारात्मक माहौल पैदा अवश्य हो रहा है।
दहेज निषेध अधिनियम के तहत दहेज लेना या देना एकदम अपराध है और अवैध भी है। यदि आप किसी को दहेज लेते या देते देखते हैं तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज अवश्य करा सकते हैं।
निष्कर्ष
आपको बता दें कि दहेज प्रथा तब तक अच्छी है जब तक कि इसे दुल्हन को उसके माता-पिता द्वारा दिया गया उपहार बिल्कुल भी न माना जाए। यदि दूल्हे के माता-पिता “दहेज” के रूप में विवाह करने के लिए पैसे की मांग कर रहे हैं तो यह पूरी तरह से गलत एवं अवैध माना जाता है।