पॉलिटेक्निक क्या है |12th के बाद जूनियर इंजीनियर कैसे बने |पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में पॉलिटेक्निक क्या है के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। चलिए जानते हैं यह जूनियर लेवल इंजीनियर को तैयार करने का एक मात्र बढ़िया एवं सरल तरीका माना जाता है।

what is polytechnic in hindi

दरअसल आपको यह बता दूँ कि पॉलिटेक्निक कोर्स की माँग बहुत तेजी से छात्रों के मध्य बड़ी हुई है। इसका मुख्य कारण करियर ओरिएंटेड के साथ कम समय में छात्र अपने पसंद के विषय में इसको अवश्य कर पाते हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उस विशेष क्षेत्र में प्रैक्टिकल स्किल्स सेट्स से लैस करना भी होता है, जिसकी आवश्यकता नौकरी में ही होती है। इसके अलावा, इन कार्यक्रमों का आवश्यक फोकस थ्योरेटिकल पढ़ाई से आरंभ करते हुए उस ज्ञान का प्रयोग प्रैक्टिकल एप्लीकेशन में करने का होता है, ताकि इंडस्ट्री की मांग के अनुसार ग्रेजुएट्स एकदम से तैयार भी किये जा सके। इस ब्लॉग के जरिए हम दुनिया भर में मौजूद विभिन्न पॉलिटेक्निक कोर्स के बारे में एवं विशेष स्पेशलाइस्ड नॉलेज के बारे में अवश्य जानेंगे जो विद्यार्थियों को अपनी पसंद के विषय में अपार एक्सपोज़र पाने में मदद करने के लिए इन कोर्सेज में दिए जाते हैं।

पॉलिटेक्निक क्या है – 

ध्यान देने वाली बात यह है कि पॉलिटेक्निक एक टेक्निकल कोर्स होता है जो डिप्लोमा कोर्स माना जाता है यह एक बहुत ही मोस्ट पॉपुलर कोर्स होता है जिसे 10th या 12th उत्तीर्ण करने के पश्चात् अवश्य कर सकते हैं। पॉलिटेक्निक का अर्थ यह होता है इंजीनियरिंग मे डिप्लोमा (Diploma in Engineering) । इस कोर्स के अंतर्गत कई ब्रांच की पढ़ाई कराई जाती है। यह जूनियर लेवल इंजीनियर को तैयार करने का एक मात्र बढ़िया एवं सरल तरीका माना जाता है। बी टेक करने वाले लोग डिग्री हासिल करते हैं वही पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को डिप्लोमा का सर्टिफिकेट भी अवश्य दिया जाता है। जिसके पश्चात् उन्हें जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त करके नौकरी भी अवश्य दी जाती है।

इंटर के पश्चात पॉलिटेक्निक कोर्स को कैसे करें – 

बता दें कि पॉलिटेक्निक का कोर्स 12 वीं को उत्तीर्ण करने के पश्चात भी कर सकते हैं परन्तु सबसे लाभकारी होगा कि पॉलिटेक्निक कोर्स कक्षा 10वीं के पश्चात् ही किया जाए क्योंकि पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा में कक्षा 10वीं स्तर का प्रश्न ही पूछा जाता है। पॉलिटेक्निक पाठ्यक्रम परीक्षा के लिए कक्षा 10वीं के पश्चात पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा के फॉर्म भी भर सकते हैं। हर राज्य में पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा फॉर्म हर साल निकाला जाता है। अगर पॉलिटेक्निक कोर्स की परीक्षा एकदम बढ़िया अंकों के साथ उत्तीर्ण होती है, तो विद्यार्थी सरकारी कॉलेजों या बहुत ही बढ़िया कॉलेजों में प्रवेश अवश्य ले सकते हैं। इसलिए बढ़िया अंकों के साथ इसे उत्तीर्ण करना बहुत ही अनिवार्य हो जाता है।

लाभ – 

पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा करने के वैसे तो विद्यार्थियों को कई सारे लाभ होते हैं जो आगे चलकर उनके करियर में उनको बहुत ही सहायता प्रदान करते हैं। ऐसे ही कुछ लाभ हमने नीचे दे रखे हैं।

  • इसे करने के पश्चात् आपको एक टेक्निकल सर्टिफिकेट अवश्य हासिल होता है।
  • पॉलिटेक्निक के आधार पर आपको तुरंत बढ़िया नौकरी भी मिल जाती है।
  • इसके पश्चात् आप जूनियर इंजीनियर भी बन जाते हैं एवं जूनियर इंजीनियर के पद के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं इसके अलावा, लोको पायलट टेक्निकल असिस्टेंट, एवं बहुत सारे सरकारी पदों के लिए भी आवेदन ज़रूर कर सकते हैं।
  • दरअसल यह इंटरमीडिएट के बराबर की मान्यता प्राप्त होता है।
  • यदि आप डिप्लोमा की पढ़ाई बढ़िया ढंग से करते हैं आपकी समझदारी इंटरमीडिएट किए हुए विद्यार्थी से कहीं अधिक होती है एवं इसके अलावा ज्ञान भी बहुत ही अधिक होता है।
  • साधारण रूप से इंटरमीडिएट करने वाले विद्यार्थी जिस सरकारी नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं उसी नौकरी के लिए डिप्लोमा विद्यार्थी भी अप्लाई अवश्य कर सकते हैं।
  • बता दें कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कामयाब होने के लिए एक बहुत ही बढ़िया एवं सही रास्ता माना जाता है।
  • जब आप डिप्लोमा करके इंजीनियरिंग करने के लिए जाते हैं तो आपको बहुत ही सरलता महसूस होती है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य पसंद आई होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से अवश्य जुड़े रहें. धन्यवाद.