Acid Rain In Hindi | परिभाषा | दुष्प्रभाव | पूरी जानकारी

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आज इस पोस्ट में हम आपको आसान शब्दों में Acid Rain In Hindi, अम्ल वर्षा क्या और कैसे होती है? कारण और प्रभाव के बारे में जानकारी देंगें|

अम्ल वर्षा (ACID RAIN) की परिभाषा – 

बता दें कि अम्ल वर्षा (acid rain) का वास्तविक अर्थ उस वर्षा, हिम, ओला एवं कुहरा से होता है जिसमें कार्बन डाइ ऑक्साइड (CO2) के अतिरिक्त सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx) पूरी तरह से घुले हों, जिनसे तनु सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) एवं नाइट्रिक अम्ल (HNO3) बनते हैं. परन्तु व्यापक दृष्टि से पौधों एवं इमारतों के द्वारा ही SO2 एवं NOx का absorption भी इसमें पूरी तरह से सम्मिलित कर लिया जाता है.

इस तरह अम्ल वर्षा (acid rain) में योगदान करने वाले प्रदूषकों में SO2 एवं NOx मुख्य हैं. अब वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (VOC) पर भी भरपूर ध्यान दिया जाने लगा है. उष्ण कटिबंध में VOC एवं NOx की पारस्परिक क्रिया से ओजोन (O3) और अन्य ऑक्सीकारक बनते हैं.

अम्ल वर्षा (ACID RAIN) के दुष्प्रभाव – 

  • ध्यान रहे कि अम्ल वर्षा (acid rain) से जलसाधन प्रदूषित होते रहते हैं जिससे जल में रहने वाले जीवों में से मछलियाँ सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं.
  • अम्ल वर्षा (acid rain) से जंगलों को बहुत ही क्षति पहुँची रहती है. पश्चिमी जर्मनी के तीन चौथाई जंगलों को अम्ल वर्षा (acid rain) से बहुत अधिक हानि पहुँची है.
  • बता दें कि इमारतों को भी अम्ल वर्षा (acid rain) से बहुत नुकसान पहुँचता रहता है. मुख्यतया SO2 चूना पत्थर के द्वारा ही अवशोषित होकर उसे जिप्सम में पूरी तरह से बदल देती है जिससे दरारें बहुत अधिक पड़ जाती हैं.
  • अम्ल वर्षा (acid rain) का एक अन्य कुप्रभाव संक्षारण (Corrosion) के रूप में अवश्य देखा जाता है. इससे ताँबें की बनी नालियाँ बहुत ही प्रभावित होती रहती हैं एवं मिट्टी में से ऐल्युमिन्यम (Al) घुलने लगता है. यही नहीं सीसा (Pb) कैडमियम (Cd) एवं पारद (Hg) भी घुलकर जल को एकदम से जहरीला बना देते हैं.

अम्ल वर्षा (acid rain) कहाँ पता लगा –

कहा जाता है कि स्कैन्डीनेविया के वैज्ञानिक वायुमंडलीय अम्ल प्रदूषण से बहुत ही चिंतित हो उठे क्योंकि अम्ल झीलों में मछलियों की संख्या तुरंत घटने लगी. इन्हें खाने वाले पक्षी भी भारी संख्या में मरने लगे. सन 1972 के पूर्व acidification की समस्या का ज्ञान न होने से लोग चिंतित बिल्कुल भी नहीं थे.

वर्षा जल में अम्‍लों की बड़ी मात्रा को या फिर उपस्‍थिति को अम्‍लीय वर्षा ही कहा जाता है। प्राकृतिक कारणों से भी शुद्ध वर्षा का जल अम्‍लीय ही होता है। इसका प्रमुख कारण वायुमंडल में मानवीय क्रियाकलापों के कारण सल्‍फर ऑक्‍साइड एवं नाइट्रोजन ऑक्‍साइड के अत्‍यधिक उत्‍सर्जन के द्वारा ही बनती हैं। यही गैसें वायुमंडल में पहुँचकर जल से रसायनिक क्रिया करके सल्‍फेट एवं सल्‍फ्‍यूरिक अम्‍ल का निर्माण भी करती है। जब यह अम्‍ल, वर्षा के साथ धरातल पर पहुँचता है तो इसे अम्‍ल वर्षा ही कहते हैं। शुद्ध जल का Ph स्‍तर 5.5 से 5.7 के मध्य होता है। अम्‍लीय वर्षा जिसकी पीएच स्‍तर 5.5 से कम होती है। अगर जल का पीएच मान 4 से कम होता है तो यह जल जैविक समुदाय के लिए बहुत ही हानिकारक होता है।

निष्कर्ष – 

आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई सारी जानकारी आपको अवश्य अच्छी लगी होगी अतः आपसे निवेदन है कि अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारी इस वेबसाइट से जुड़े रहें.