Manglik Meaning in Hindi Manglik Meaning |क्या अन्य भावो में मंगल अशुभ फल नही देता है

Manglik Meaning |क्या अन्य भावो में मंगल अशुभ फल नही देता है

Meaning in Hindi

Manglik Meaning in Hindi किसी व्यक्ति के मांगलिक होने के दोष क्या हो सकते है? मांगलिक दोष किन परिस्थितियों में खत्म होता हैं। आज हम आपको इस पोस्ट में मांगलिक से जुडी सारी जानकारी देंगे.

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Manglik Meaning in Hindi

जिसके चलते कई बार अच्छे रिश्ते बनते बनते रह जाते है। कई बार सब कुछ चाहते हुए भी सम्बन्ध नहीं बन पाते है। तो यहाँ प्रश्न उठता है कि मांगलिक क्या है? इसका मतलब क्या है? किसी व्यक्ति के मांगलिक होने के दोष क्या हो सकते है ? यह मांगलिक व्यक्ति पर क्या क्या प्रभाव डाल सकता है और दूसरो पर मंगलिक व्यक्ति के क्या प्रभाव पड़ सकते है? मांगलिक कौन व्यक्ति हो सकता है? लड़का लड़की दोनों मांगलिक हो सकते है और इसका क्या निवारण है? इसके क्या बचाव करने चाहिए एक मांगलिक होने के क्या कारण है?

एक मांगलिक की पह्चान कैसे करते है? इस तरह के प्रश्न व्यक्ति के मन मे आ सकते है। तो आइए हमारे साथ ऐसे ही कुछ प्रश्नो के उत्तर जानिए और अपनी जिज्ञाषा शांत करे।  स्त्री या पुरुष उसके मांगलिक होने का अर्थ है कि उसकी कुंडली में मंगल अपनी प्रभावी स्थिति में है। शादी के लिए मंगल को जिन स्थानों पर देखा जाता है उनमे से केवल ८,१२ भाव सामान्य तौर पर ख़राब माना जाता है। 

Manglik Dosh Kya Hota Hai

मानव का मांगलिक होना एक  सामान्य सी बात है लेकिन प्रभाव बहुत गहरे होते है। मांगलिक होना विवाह सुख में कमी,परिवार में कलह जीवन में उथल -पुथल लता है। यह एक प्रकार का दोष है जिसके अनेक उपाय है। मांगलिक दोष दूर किये बिना व्यक्ति कभी सुखी नहीं रह सकता है।

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मंगल के अच्छे और बुरे प्रभाव

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  • विशेष परिस्थितियों में इन स्थनो पर बैठा मंगल भी अच्छे परिणाम दे सकता है। लग्न का मंगल व्यक्ति के व्यक्तित्व को बहुत अधिक क्षीण बना  देता है। 
  • चौथे का मंगल जातक को काफी कठिन पारिवारिक पृष्ठ भूमि देता है। 
  • सातवे भाव में स्थान का मंगल जातक को साथी या सहयोगी के प्रति कठोर बनता है। 
  • ८ व १२ वे भाव का मंगल आयु एव शारारिक क्षमताओं को प्रभावित करता है। इन स्थानों पर बैठा मंगल यदि अच्छे प्रभाव में है तो जातक के व्यवहार में  अच्छे गुण आएंगे मंगल के खराव प्रभाव होने पर खराव गुण  आएंगे।

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Manglik Log Kaise Hote Hain

मांगलिक व्यक्ति  देखने में ललासी मुख का कठोर निर्णय लेने बाला, कठोर वचन बोलने बाला, लगातार काम  बाला, कठोर अनुशासन बनाने और उसे पालन करनेस बाला, लड़ाई से नहीं घवराने बाला होता है। इन्ही गुणों के कारण गैर नांगलिक  अधिक देर तक मांगलिक के सानिध्य में नहीं रह पाता  है। सेना में प्रवेश लेने बाले अधिकांश लोग किसी न किसी कारण से  मांगलिक असर बाले होते है।

Manglik Dosh Kitne Prakar Ke Hote Hain

यदि किसी की कुंडली  मंगल १,२,४,७,८,१२ भाव में हो तो ऐसा व्यक्ति मांगलिक होता है। यदि मंगल ७,८ भाव को प्रभावित करे तो जातक को मंगल दोष लगता है। जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा की शुरुआत में फासला हो  ऐसा व्यक्ति मंगल दोष से प्रभावित होता है। 

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गोलिया मंगल पगड़ी मंगल तथा चुनड़ी मंगल

जिस जातक की कुंडली में १,४,७,८,१२ भाव में कही पर भी मंगल स्थित है उसके साथ शनि सूर्य राहु पाप ग्रह बैठे है। तो पुरुष गोलिया मंगल तथा स्त्री जातक चुनड़ी मंगल हो जाती है। अर्थात दो गुणी मंगल इसी को माना जाता है।

मंगल के १,४,७,८,१२,वे भाव में बैठने पर ही व्यक्ति को मांगलिक क्यों माना जाता है। क्या अन्य भावो में मंगल अशुभ फल नहीं देता है?

 मंगल अन्य भावो में भी अशुभ फल देता है। अन्य भावो में बैठने से उसका सम्बन्ध सातवे भाव (जीवन साथी ) से नहीं होता है। डवल या ट्रिपल होना मांगलिक होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। सामान्य भाषा में मंगल के साथ जितनी संख्या में पाप ग्रह बैठे होंते है उतनी मात्रा में मंगल का अशुभ फल प्राप्त करता है। 

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मंगल का स्थान

यदि मंगल १,४,७, ८ ,१२ वे स्थान में हो तो लड़का या  लड़की सामान्य मंगली होता है यदि  मंगल इन स्थानों पर अपनी नीच राशि कर्क में हो तो व्यक्ति डवल मांगलिक होता है। यदि नीच राशि  मंगल के साथ कोई पाप ग्रह बैठा है तो लड़का या लड़की ट्रिपल मांगलिक होता है।  मांगलिक स्थान में मंगल  के साथ दो अन्य पाप ग्रह हो  लड़का या लड़की ट्रिपल मांगलिक होता है। यदि मंगल के साथ सभी पाप ग्रह हो तोफिर  उसके अशुभ फल की कोई सीमा नहीं होती है। 

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पांचो पाप ग्रह मांगलिक स्थान में

यदि सभी पाँचो पाप ग्रह मंगल ,सूर्य ,शनि ,राहु ,केतु ,किसी  मंगली स्थान में हो तो मंगल एक साथ में हो या अलग मांगलिक साथ में हो तो भौम पंचक दोष होता है। क्योकि उनके विवाह का सुख मंगल को  अति अशुभ प्रभाव ने समाप्त कर दिया।  

Nimn Mangal Dosh In Hindi

साधारणतय निम्न मंगली दोष विचरणीय नहीं होता यदि उच्च घर में १ -६ तक मंगल  उच्च दशा में उत्तम युति श्रेष्ठ ग्रह चंद्र शुक्र  साथ है। विग्रही यति में है। निम्न घर ७ – १२  तक में मंगल नीच दशा में  आने पर ग्रह स्थिति अनुसार नीचा प्रभाव हीन पड़ने लगता है। तो उत्तम युति में थोड़ा प्रभाव हीन होता है। परन्तु नीच ग्रहो की युति इसके दुष्ट और क्रूर प्रभाव को वढाया करती है। जैसे राहु के सानिध्य में दुष्ट वार्ता क्रम में लड़ाई युद्ध की परिस्थितिओ पैदा करके पराजय करा देना।

केतु के सानिध्य में पराक्रम हीन करके मरवा देना। शनि सानिध्य में गलत विवेक पैदा करके सम्मुख  निर्दोष होते हुए मरवाकर अपमान अपयश अकारण मिलना। युद्ध भय से विवेक हीन करके जातक का आत्म हत्या करना या जेल में बंद जीवन बिताते है। ८ -१२ वे में मंगल दोष उच्च हो या निम्न जातक तो क्या जातक के परिवार को भी अपमान अपयश भोगना पड़ता है।

Manglik and Non Manglik Marriage

यदि कुंडली में मंगल दोष है। कुंडली में उसी भाव से मंगल के सामने शनि वृहस्पति ,राहु ,केतु विधमान है तो मांगलिक दोष  खुद ही ख़त्म हो जाता है।  ऐसे में मांगलिक इंसान की शादी गैर मांगलिक इंसान से हो सकती है। अगर आप मांगलिक है। 

आपकी शादी गैर मांगलिक से हुई है तो कुंडली के हिसाव से मंगल जिस भाव में होगा वैसा असर डालेगा

१ भाव

१ भाव में मंगल के रहने से पति ,पत्नी में आपसी असहमति ,मेन्टल स्ट्रेंस सम्बन्धी परेशानी आ सकती है। 

२ भाव

२ भाव में मंगल के रहने से पारवारिक कलह  होती है और रिश्ते दारी में दुश्मनी  का खतरा बढ़ता है। 

४ भाव

४ भाव में नौकरी पैसा की दिक्क़ते आना सामान्य है। 

७ भाव

७ वे भाव में ,मसङ्गसल के रहने से व्यक्ति का चरित्र व स्वभाव अजीव होता है। 

६ भाव

६ भाव में मंगल होने पर पति पत्नी के स्वस्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। 

१२  भाव

१२ वे भाव में मंगल होने पर अपने आस पास  दुश्मन बना लेता है। 

दोनों दोष वाले व्यक्ति की शादी

मंगल दोष बाले व्यक्ति की शादी दूसरे दोष बाले व्यक्ति से करनी चाहिए। दो व्यक्तिओं के गुण मिलकर दोष समाप्त हो जाता है। 

मांगलिक लड़कियों के लिए उपाय

लड़की मांगलिक है तो उसका विवाह घड़े से, पीपल के पेड़ से कराना चाहिए। जिससे मांगलिक दोष खत्म हो जाता  है। ये उपाय सिर्फ लड़कियों के लिए है।

मांगलिक दोष खत्म होने की उम्र

अगर  आप की उम्र २८ वर्ष से ऊपर है तो मांगलिक दोष खत्म हो जाता है। २९ वर्ष में शादी करना भी उचित है। 

उपाय

हर मंगल वार को हनुमान जी का पूरी श्रद्धा से रखना नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना। 

मांगलिक दोष किन परिस्थितियों में खत्म हो जाता है

  • कुम्भ लग्न की कुंडली में मंगल ४ ,८ वे घर में हो तो मांगलिक दोष ख़त्म हो जाता  है। 
  • कुंडली में अच्छे वृस्पति तथा शुक्र ग्रह हो तो  दोष ख़त्म हो जाता है। 
  • मीन और धनु लग्न बाली कुंडली में ८ वे घर में मंगल हो तो दोष ख़त्म हो जाता है 
  • शुक्र की राशि तुला व वृष के १२ वे भाव में मंगल हो तो मंगल दोष प्रभाव नहीं होता है। 
  • कन्या और मिथुन राशि  अगर दूसरे  भाव में मंगल बैठा हो तो दोष नहीं लगता है।  

Manglik Ladki Ki Pehchan- Manglik Dosh In Kundli In Hindi

 आंखें

मंगल का सबसे ज्यादा असर आँखों पर होता है।  हमारी नसों में दौड़ने बाला खून भी मंगल ही है। किसी व्यक्ति की आँखें हमेशा लाल दिखाई देती है। साथ ही सीधा देखते वक्त उसकी पुतलियाँ ऊपर उठी होतो वह व्यक्ति मंगल से प्रभावित होता है। 

जुबान के कड़वे

मंगल से प्रभावित व्यक्ति जुवान के कड़वे होते है। लोगों को उनकी बोली अच्छी नहीं लगती है। उनकी बातों से लोगों का दिल दुखता है। 

स्वतंत्र विचारधारा

मंगल से प्रभावित व्यक्ति स्वतंत्र विचार धारा के होते है। ये हमेशा अपने मन की करते है। ये कभी भी दूसरों के अनुसार नहीं चलते है। 

वेहद सैद्धांतिक

ऐसे लोग जीवन में वेहद सैद्धांतिक  होते है। कभी झूठ नहीं बोलते है। जहाँ बहुत जरूरी हो वही झूठ बोलते है। पर हमेशा अपने सिद्धांत पर अडिग रहते है। 

मांगलिक व्यक्ति से दुश्मनी

मंगल से प्रभावित व्यक्ति जल्दी किसी का बुरा नहीं करते पर किसी से दुश्मनी हो जाये तो फिर उसे छोड़ते  भी नहीं है। 

 ज्ञानी व शक्ति शाली

ये लोग खुद को ज्ञानी व शक्ति शाली समझते है। ये गलत रस्ते पर चले जाये तो असामाजिक या अपराधी बन जाते है। वही सही रास्ते पर चले जाये तो धर्मात्मा बन जाते है। 

 क्रोधी स्वभाव

मंगल से प्रभावित व्यक्ति क्रोधी स्वभाव का होता है। गुस्से में वो कुछ भी क्र सकता है। अपने हठी स्वभाव व सिद्धांत के चलते मंगल के प्रभावित लोग जीवन में बहुत कम सफल होते है। अगर  अपना व्यवहार बदले और नम्रता से व्यवहार करे दूसरों का सम्मान करे और दूसरे की बातें माने तो जीवन में सफल हो सकते है। इन्हे आँखों में काला या सफेद सुरमा लगाना चाहिए। हनुमान  स्तुति करते हुए उत्तम चरित्र का परिचय देना चाहिए। यही वो उपाय है।  जिससे ये जीवन के हर क्षेत्र में सफल बन सकते है।

Manglik Dosha Effects – मांगलिक होने के प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में मंगल देव हमारे रिश्तों पर ,मस्तिष्क पर अधिकार रखते है। नाड़ी ज्योतिष के अनुसार महिला जातक की पत्रिका में मंगल देव पति का प्रतिनिधि करते है। मंगल अर्थात कुंज का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव विवाह, वैवाहिक जीवन पर पड़ता है। विवाह में बाधा, वैवाहिक कलह इसके सामान्य प्रभाव है शास्त्रों में लिखा है। मांगलिक व्यक्ति का विवाह सामान भाव मांगलिक व्यक्ति से ही होना उत्तम होता है। इससे दोष का शमन होता है। 

प्रभाव

  • जब लगन में यह स्थति होती है तो जातक का स्वभाव अत्यधिक तेज ,गुस्सैल और अहंकारी  होता है। 
  • चतुर्थ में मंगल जीवन के सुखों में कमी करता है। पारवारिक जीवन में कठिनाई आती है तथा सप्तम भाव में भी पारवारिक जीवन में कठिवाई आती है। 
  • अष्टम भाव में विवाह सुख में कमी ,ससुराल सुख में कमी ,ससुराल से रिश्ते बिगड़ जाते है। 
  • द्धा दश भाव में शारारिक क्षमताओं में कमी ,क्षीण आयु ,रोग कलह को जन्म  देता है।

Manglik Person Marriage Age

२८ साल की उम्र के बाद इस दोष से मुक्ति मिल जाती है कई लोग २८ साल की उम्र के बाद ही विवाह करते है। इसके पीछे का कारण है  पुराने  समय में कही गई कुछ बाते इसके अनुसार  जीवन को कई चरणों में बाँटा गया था। प्रत्येक चरण ७ साल का माना गया है। 

पहले चरण में किसी भी व्यक्ति के पैदा होने से ७ साल की उम्र तक का समय आता है। इस दौरान व्यक्ति के शरीर का पूरा विकास होता है। ७ साल से १४ साल की उम्र में व्यक्ति के मष्तिस्क का पूरा विकास होता है इससे इंसान को बहुत सम्भावनाये उतपन होती है। जिससे वह कुछ भी जान सकता है। २१ से २८ साल की उम्र में वह प्रकृति व अपने से जुड़े  बहुत से राज जान सकता है।

आज कल के समय में यह चरण का समय किसी के लिए ज्यादा तो किसी के लिए कम हो सकता है ऐसा कहा जाता था कि  इस चरण को समय से पूरा क्र लेता है। तो उसे मांगलिक तो क्या कोई भी दोष नहीं लग सकता है।

Can Manglik Dosh be Removed – क्या मांगलिक दोष को ख़तम किया जा सकता है?

Manglik Dosh Myth

 मांगलिक दोष से कुछ बाते ऐसी जुडी है। जो सत्यता से बिलकुल उल्ट है। और मांगलिक अमांगलिक जातक का विवाह हो जाये तो उनका विवाह विच्छेदन निश्चित है। ऐसा होना अनिवार्य नहीं है। जीवन में कलह कठिनाई आसकती है। विच्छेदन होना अनिवार्य नहीं है। 

मांगलिक जातिका का वट वृक्ष से विवाह अवश्य कराना चाहिए ये पूर्ण तय सत्य नहीं कुछ मान्यता कहती है। मंगलवार को जन्मा व्यक्ति मांगलिक होता है। ये गलत है। किसी भी दिन जन्मा व्यक्ति मांगलिक हो सकता है। कुछ भ्रान्तियाँ है कि यदि मंगल के साथ गुरु या शनि की युति हो तो मंगल दोष समाप्त  हो जाता है। ये भ्रम है।

 गुरु की दृष्टि यदि मंगल पर है। केँद्र भाव में गुरु होतो भी मंगल दोष समाप्त होजाता है। ये सत्य नहीं है। दरसल कोई भी ग्रह मंगल दोष को समाप्त नहीं करसकता है। यदि मंगल अस्त है। तो मंगल दोष का प्रभाव कम नहीं होता है। 

२७ वर्ष की आयु के बाद ये दोष समाप्त हो जाता है। ये भ्रम तो इतनी गहराई से फैला है कि इसको समाप्त करना असम्भव है। कुछ लोग मानते है कि लड़का मांगलिक है तो लड़की का मांगलिक होना अनिवार्य नहीं है। जिसका भुगतान उस दम्पत्ति को आजीवन करना पड़ता है।

जोतिष शास्त्र किसी भी योग और दोष को स्पस्ट रूप से बताने में सक्ष्म  कुछ पूजा पाठ दान आदि से उनमे सुधार भी सम्भव है ये कहना अनुचित हो गा। किसी  पूर्ण तय समाप्त किया जा सकता है कोई जातक मांगलिक है तो उसका केवल ये परिहार है कि उसका सम्बन्ध भी मांगलिक से ही किया जाय।

कुछ उपाय करके  मांगलिक दोष को थोड़ा नियंत्रित किया जा सकता है

  • सबसे बड़ा उपाय जातक का आत्म नियंत्रण अहंकार क्रोध पर नियंत्रण 
  • हनुमान चालीसा का पाठ करे जो पीले कागज पर लाल स्याही से लिखी हो प्रतिदिन श्रद्धा से  करे। 
  • भगवान् शिव शक्ति की संयुक्त पूजा करे। शिव लिंग पर लाल रंग के पुष्प अर्पित करसकते है। 
  • मंगल वार को मजदूरों को खाना खिलाये।

Manglik Dosh Nivaran Tips Hindi

मांगलिक दोष निवारण टिप्स – मांगलिक कुंडली केसामने मंगल बाले स्थान को छोड़ कर दूसरे स्थानों में पाप ग्रह हो तो दोष भंग हो जाता है। केंद्र मे चन्द्रमा १,४,७,१०,वे भाव में  हो तो सर्वारिष्ट भंग योग बना देता है। जहाँ तक हो मांगलिक का मांगलिक से सम्बन्ध करे। 

ऐसे में कई कुयोग ऐसे है जैसे वैधतय विषागना आदि दोषो को दूर रखे यदि ऐसी स्थति हो तो पीपल विवाह ,कुम्भ विवाह ,सालिग्राम विवाह ,तथा मंगल यंत्र का पूजन आदि कराके कन्या का सम्बन्ध अच्छे ग्रह योग बाले वर के साथ करे। 

मंगल यंत्र विशेष परिस्थितिओं में ही प्रयोग करे। देरी सेविवाह  संतान उत्पन की समस्या ,तलाक ,दाम्पत्य जीवन में सुख की कमी एवं कोई केस इत्यादि  मे ही इसे प्रयोग करे। छोटे कार्य के लिए नहीं। जो मांगलिक है उन्हें इसकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। अगर कुंडली में मंगल दोष भांग ही क्यों न हो गया हो। भंग यंत्र मांगलिकों को सर्वत्र जय ,सुख आनंद देता है। 

  • ॐ मंगलाय नमः 
  • ॐ भूमिपुत्राय नमः
  • ॐ ऋणहर्वे नमः 
  • ॐ धनदाय नमः 
  • ॐ सिद्धमंगलाय नमः 
  • ॐ सर्वकर्म विरोधकाय नमः 
  • ॐ लोहिताय नमः 
  • ॐ सुहागना कृपाकराय नमः 
  • ॐ लोहितगाय नमः 
  • ॐ महाकाय नमः 
  • ॐ धरात्मजाय नमः 
  • ॐ कुजाय नमः 
  • ॐ रक्ताय नमः 
  • ॐ भूमि पुत्राय नमः 
  • ॐ भूमिदाय नमः 
  • ॐ अंगारकाय नमः 
  • ॐ यमाय नमः 
  • ॐ सर्वरोग्य प्रहारिण नमः 
  • ॐ सृष्टिकर्ते नमः 
  • ॐ प्रहर्त्रे नमः 
  • ॐ सर्वकामफलदाय नमः